भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की तारबंदी में फंसा मिला GPS लगा साइबेरियन बर्ड
जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थानमें स्थित जैसलमेर जिलेमें भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डरकी तारबंदी में जीपीएस लगा साइबेरियन बर्ड मिला है. करीब 10 दिन पहले मिले इस प्रवासी पक्षी के पैर में जीपीएस और टैग लगा हुआ था. सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पक्षी को सुरक्षित बाहर निकालकर उसे उपचार के लिए जैसलमेर भेजा, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
पैर में जीपीएस और एक टैग लगा हुआ था
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार यह प्रवासी पक्षी पेट्रोलिंग कर रहे बीएसएफ के जवानों को भारत-पाक सीमा की तारबंदी में मिला था. प्रवासी पक्षी को तारबंदी में फंसा देखकर बीएसएफ के जवानों ने उसकी जांच पड़ताल की तो उसके पैर में जीपीएस और एक टैग लगा हुआ था. इससे बीएसएफ में हड़कंप मच गया. डबल फेन्सिंग के बीच में नीचे गिरने यह प्रवासी पक्षी बुरी तरह से घायल हो गया था. बीएसएफ के जवानों ने प्रवासी पक्षी को सुरक्षित जिंदा बाहर निकालकर उसे उपचार के लिए जैसलमेर भेजा, लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया
मेडिकल बोर्ड से पक्षी का पोस्टमार्टम करवाया
बाद में बीएसएफ ने प्रवासी पक्षी के शव की अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर उसे स्केन करवाया. वेटेनरी चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड से उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. पक्षी के पैर में टैग लगा होने के कारण बीएसएफ पूरे मामले की गंभीरता से जांच-पड़ताल करने में जुटी है. अभी तक मामले का पूरा खुलासा नहीं हो पाया है. इस पक्षी के रूस के किसी इलाकों से आने की बात सामने आ रही है. लेकिन उसके जीपीएस लगा होने के कारण बीएसएफ चिंता बढ़ गई. वह पूरी तरह से अलर्ट है.
कुछ दिन पहले श्रीगंगानगर में सरहद पार से आया था कबूतर
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले श्रीगंगानगर में भी सरहद पार से आया एक कबूतर मिला था. सरहद पार से उड़कर आए इस कबूतर की पूंछ पर और दाहिनी तरफ उर्दू भाषा में मुहर लगी हुई थी. वहीं कबूतर पर उर्दू भाषा में पूंछ पर कुछ नंबर (संभवत: फोन नंबर) और उस्ताद अख्तर तथा दाईं तरफ उर्दू भाषा में ही इरफान या मरफान लिखा हुआ था. कबूतर को पकड़े जाने के बाद पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी की टीम इसकी गहनता से जांच पड़ताल की थी.
जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थानमें स्थित जैसलमेर जिलेमें भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डरकी तारबंदी में जीपीएस लगा साइबेरियन बर्ड मिला है. करीब 10 दिन पहले मिले इस प्रवासी पक्षी के पैर में जीपीएस और टैग लगा हुआ था. सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पक्षी को सुरक्षित बाहर निकालकर उसे उपचार के लिए जैसलमेर भेजा, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
पैर में जीपीएस और एक टैग लगा हुआ था
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार यह प्रवासी पक्षी पेट्रोलिंग कर रहे बीएसएफ के जवानों को भारत-पाक सीमा की तारबंदी में मिला था. प्रवासी पक्षी को तारबंदी में फंसा देखकर बीएसएफ के जवानों ने उसकी जांच पड़ताल की तो उसके पैर में जीपीएस और एक टैग लगा हुआ था. इससे बीएसएफ में हड़कंप मच गया. डबल फेन्सिंग के बीच में नीचे गिरने यह प्रवासी पक्षी बुरी तरह से घायल हो गया था. बीएसएफ के जवानों ने प्रवासी पक्षी को सुरक्षित जिंदा बाहर निकालकर उसे उपचार के लिए जैसलमेर भेजा, लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया
मेडिकल बोर्ड से पक्षी का पोस्टमार्टम करवाया
बाद में बीएसएफ ने प्रवासी पक्षी के शव की अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर उसे स्केन करवाया. वेटेनरी चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड से उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. पक्षी के पैर में टैग लगा होने के कारण बीएसएफ पूरे मामले की गंभीरता से जांच-पड़ताल करने में जुटी है. अभी तक मामले का पूरा खुलासा नहीं हो पाया है. इस पक्षी के रूस के किसी इलाकों से आने की बात सामने आ रही है. लेकिन उसके जीपीएस लगा होने के कारण बीएसएफ चिंता बढ़ गई. वह पूरी तरह से अलर्ट है.
कुछ दिन पहले श्रीगंगानगर में सरहद पार से आया था कबूतर
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले श्रीगंगानगर में भी सरहद पार से आया एक कबूतर मिला था. सरहद पार से उड़कर आए इस कबूतर की पूंछ पर और दाहिनी तरफ उर्दू भाषा में मुहर लगी हुई थी. वहीं कबूतर पर उर्दू भाषा में पूंछ पर कुछ नंबर (संभवत: फोन नंबर) और उस्ताद अख्तर तथा दाईं तरफ उर्दू भाषा में ही इरफान या मरफान लिखा हुआ था. कबूतर को पकड़े जाने के बाद पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी की टीम इसकी गहनता से जांच पड़ताल की थी.
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