बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

जैसलमेर मदरसा बोर्ड में हुई नई शुरुआत,अंतर मदरसा शिक्षा सहयोगियों के किये स्थानांतरण*

जैसलमेर मदरसा बोर्ड में हुई नई शुरुआत,अंतर मदरसा शिक्षा सहयोगियों के किये स्थानांतरण*

*चन्दन सिंह भाटी*

जैसलमेर राजस्थान के मदरसे अब तक सरकार के दायरे से स्वतंत्र रहे।।शिक्षा सहयोगियों की नियुक्ति के बावजूद राज्य सरकार,शिक्षा विभाग या मदरसा बोर्ड का कोई हस्तक्षेप नही था।जिसके चलते मदरसों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा नहीं जा सका।।मगर इस बार पहली बार अल्पसंख्यक मामलात के कैबिनेट मंत्री बनने के तुरंत बाद सालेह मोहम्मद द्वारा मदरसों को शिक्षा के दायरे में लाने के  साथ मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने के संकेत दिए थे।।मंत्री बनने के बाद से ही साले मोहम्मद मदरसा एक्ट बनाने में जुट गए थे।साथ ही मदरसों को सरकारी दायरे में लाने के प्रयासों में भी सफल रहे।पहली सफलता उन्हें मदरसों के आधुनिकरण योजना से मिली।जब उनके द्वारा मदरसों में फर्नीचर,कम्प्यूटर और खेल सामग्री की व्यवस्था करवाई।।इससे मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने में सफलता मिलेगी ।एक बार फिर मंत्री साले मोहम्मद द्वारा नवाचार कर पहली बार अंतर मदरसा शिक्षा सहयोगियों के दो सौ से अधिक स्थानांतरण शिक्षा की व्यवस्था के लिए किए।।ऐसा पहले कभी नही हुआ राजस्थान में।।शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाकर पहल करते हुए आज व्यापक स्थानांतरण कर शिक्षा सहयोगियों को कार्यभार ग्रहण कराने के सम्बंधित मदरसों के अध्यक्ष/सचिव को निर्देश भी जारी किए है। इस नई व्यवस्था से मदरसों के हालत और शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार निश्चित रूप से होगा।।यह प्रयोग सफल रहा तो कागज़ों पे चलने वाले मदरसों पे संकट आएगा।साथ ही मदरसे सरकार के अधिकार क्षेत्र में भी आ जायेंगे ।एक नवाचार राजस्थान के सभी मदरसों की गुणवत्ता सुधार सकता हैं।।अंतर मदरसा स्थानांतरण की शुरुआत एक अच्छी,सकारात्मक और ठोस पहल है जिसके दूरगामी परिणाम हासिल हो सकते हैं।

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