शनिवार, 7 सितंबर 2019

बाड़मेर -जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की अनूठी पहल,जिले मंे बीस पुराने कुआंे का होगा जीर्णाेद्धार

बाड़मेर -जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता  की अनूठी पहल,जिले मंे बीस पुराने कुआंे का होगा जीर्णाेद्धार

-जिला कलक्टर हिमांशु की अनूठी पहल, 72 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी।

बाड़मेर, 07 सितंबर। बाड़मेर जिले के विभिन्न गांवांे मंे प्रथम चरण मंे अनुपयोगी एवं जर्जर बीस कुआंे का जीर्णाेद्धार होगा। बाड़मेर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के प्रयासांे की बदौलत इसके लिए 72 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। आगामी कुछ दिनांे मंे जलदाय विभाग इनके जीर्णोद्धार की शुरूआत करेगा।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बाड़मेर जिले के भ्रमण के दौरान पाया कि कई कुएं अनुपयोगी एवं मरम्मत के अभाव मंे बंद पड़े हैं। इस बारे मंे ग्रामीणांे से पूछताछ करने पर उन्हांेने बताया कि इन कुआंे की अगर मरम्मत करवा दी जाए तो कई गांवांे मंे पेयजल संकट की समस्या हल हो सकती है। क्यांेकि ग्रामीण पिछले कई वर्षांे से इन कुआंे के पानी का पेयजल के रूप मंे इस्तेमाल करते रहे है। इस पर जिला कलक्टर गुप्ता ने विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियांे एवं कार्मिकांे से इस तरह के पेयजल स्त्रोतांे के बारे मंे जानकारी मंगवाई। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने लंगेरा गांव मंे पहुंचकर इस तरह के कुंआंे का अवलोकन किया। इसके उपरांत जलदाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियांे से विशेष अनुरोध करते हुए पुराने कुआंे के जीर्णाेद्धार के लिए 72 लाख की विशेष स्वीकृति जारी करवाई। जलदाय विभाग आगामी दिनांे मंे यह कार्य प्रारंभ करेगा। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के मुताबिक बाड़मेर जिले के परा गांव के कुएं के लिए 3.61 लाख, लंगेरा मंे 2.92 लाख, दरूड़ा मंे 2.81 लाख, नाभानियो का तला 5.58 लाख, ताणूरावजी मंे 4.29 लाख, जैसिंधर गांव मंे 4.39 लाख, चोचरा मंे 4.08 लाख, सियाणी मंे 5.91 लाख, भदरू मंे 5.10 लाख, हाथमा मंे 3.82 लाख, धनोड़ा मंे 4.38 लाख, सेतराउ मंे 3.77 लाख, जाट बस्ती मंे 1.58 लाख, जाखड़ो का तला मंे 4 लाख, चारणो की ढाणी मंे 4.30 लाख, बाटाडू बायतू मंे 4.07 लाख, कमठाई मंे 2.77 लाख एवं समद्रो का तला मंे 3.17 लाख रूपए की लागत से कुआंे के जीर्णाेद्धार कराया जाएगा।
सरहदी इलाकांे के ग्रामीणांे को मिलेगी राहतः प्रथम चरण मंे जारी की गई कुआंे के जीर्णाेद्धार की स्वीकृति मंे कई सरहदी गांव शामिल है। जहां पर कई बार पाइप लाइन के अंतिम छोर वाले गांवांे मंे नियमित रूप से जलापूर्ति नहीं हो पाती है। ऐसे मंे स्थानीय स्तर पर कुआंे का जीर्णाेद्धार होने से जलापूर्ति मंे सहुलियत होगी।
बेरियांे के बाद अब कुआंे के जीर्णाेद्धार की पहलः बाड़मेर जिला प्रशासन ने कुछ समय पर सरहदी इलाकांे मंे बेरियांे के जीर्णोद्धार की अनूठी पहल की थी। इसके उत्साहजनक परिणाम आने के साथ सरहदी इलाके के ग्रामीणांे को खासी राहत मिली है।  

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