*बाडमेर कुपोषण से नामांकित बच्चो की मौतें,स्वास्थ्य विभाग बेखबर,आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन*
*न फॉलो अप चला,न बच्चो के अभिभावकों को मानदेय दिया*
*जिला कलेक्टर को जांच कमिटी बिठाकर हकीकत जाननी होगी,आखिर कुपोषण से जिले में कितनी मौत हुई*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*
बाडमेर लम्बे समय से स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग में चल रहे करोड़ो के गड़बड़ झाले को सामने लाया गया।।जिले में सामुदायिक आधारित कुपोषण प्रबंधन योजना का संचालन बाडमेर ब्लॉक को छोड़ सभी ब्लॉक में किया जा रहा है।केंद्र सरकार ने बाडमेर जिले को कुपोषण योजना में शामिल कर योजना का संचालन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाडमेर को दिया था।इस योजना में करोड़ो रुपयों का बजट जारी किया।।बाडमेर जिले को आठ हजार कुपोषित बच्चों को इस योजना में शामिल करने का टारगेट दिया गया।धोरीमन्ना ब्लॉक में किए सर्वे में 84 कुपोषित बच्चों को नामांकित किया गया।।इस बच्चो का muac ,ऊंचाई लम्बाई, वजन,एडिमा,भूख टेस्ट,कर उसकी रिपोर्ट निर्धारित फॉर्मेट में दर्ज करनी होती है।।इस रिपोर्ट को बाकायदा दर्ज भी किया।।इसी सूची में क्रमांक 25 और 26 पर उडासर ग्राम पंचायत के भीलों की ढाणी के दो बच्चे क्रमश संगीता और धर्माराम के नाम दर्ज है।।इनके नाम इसी साल मार्च माह में दर्ज किए गए।।इनके माता पिता इनको लेकर फॉलो अप शिविर में आये।प्रावधान है कि बच्चे के साथ आये माता पिता को यात्रा किराया मानदेय के रूप में शिविर के दौरान ही देना होता है।मगर इस ब्लॉक में आज तक किसी माता पिता को मानदेय नही दिया गया।।इस योजना में प्रावधान है कि कुपोषित बच्चे की प्रतिदिन मोनिटरिंग आशा सहयोगिनी को कर उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट प्रतिदिन देनी होती है।मगर यहां ऐसा कुछ नही हुआ।न तो परिचारिका न ही आशा सह्योगिनिया कुपोषित बच्चों को फॉलो करने पहुंची।जिसका नतीजा यह हुआ कि कुपोषित बच्चे पोष्टिक आहार के अभाव में दम तोड़ गए।।उडासर के दोनो बच्चे पिछले महीने दम तोड़ चुके है।संगीता और धर्माराम की मौत हो चुकी है।मगर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी ने कभी अपनी रिपोर्ट में इसे दर्ज ही नही किया।।स्वास्थ्य विभाग अपनी लापरवाही और योजना में हो रहे भरष्टाचार को छुपाने के चक्कर मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी ही नही दी।ऐसा हर ब्लॉक में हो रहा है।जिले में कितने बच्चे इस कार्यक्रम में कुपोषित की सूची में दर्ज हुए इसकी जानकारी मुख्य चिक्तिसा एवम स्वास्थ्य अधिकारी तक को नही।।अलबत्ता बाडमेर न्यूज़ ट्रैक को कुछ ब्लॉक के दस्तावेज हाथ लगे है।।जिससे साफ है कि जिले में चल रही इस महत्वपूर्ण योजना को भी भरस्टाचार से अछूता नही रखा।कुपोषित बच्चों तक के पैसे खा गए।।उडासर में मृतक बच्चो के दादा का फोन बाडमेर न्यूज़ ट्रैक को आया जिसमे उन्होंने बताया कि उन्हें शिविर में यह कह कर बुलाया था कि आपके बच्चों और आपको पैसे मिलेंगे।बच्चो को पोष्टिक आहार ओरतिदिन मिलेगा ।बच्चे ठीक हो जाएंगे मगर शिविर में हमे यात्रा भत्ते का भुगतान नही दिया।भुगतान के अभाव में हम बच्चो को लेकर दूसरी बार अस्पताल नहीं जा सके।।न ही बच्चो को चेक करने कोई अस्पताल का स्टाफ या आशा सहयोगिनी आई।पिछले महीने दोनो बच्चो की मौत हो गई।बच्चो की मौत के बाद धोरीमना सी एच सी पर यात्रा भुगतान लेने गया।मगर कोई जवाब नही देते।।अलबत्ता उडासर के अलावा कोजा ,खारी, मालपुरा में भी कुपोषित बच्चों के मौत की खबर है।मगर स्वास्थ्य विभाग इन मौतों पर पर्दा डालने में लगा है। जिला कलेक्टर को चाहिए कि जिले में इस योजना में शामिल कुपोषित बच्चों की भौतिक उपस्थिति की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जायेगी।।जिस तरह बाडमेर न्यूज टीक ने कलेवा योजना और सफाई वतावस्था में भरष्टाचार का भण्डा फोड़ किया।इनमें कलेक्टर द्वारा बिठाई जांच कमिटी की सिफारिश पर कलेवा योजना में भरष्टाचार के लिए डॉ विष्णु राम को चार्जशीट भी जारी की।जबकि दोषी वर्तमान ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी है जो राजनीतिक पहुंच से बच निकला।खैर कुपोषण से हुई इन मौतों की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को तय कर कार्यवाही अमल में लानी चाहिए ।
*न फॉलो अप चला,न बच्चो के अभिभावकों को मानदेय दिया*
*जिला कलेक्टर को जांच कमिटी बिठाकर हकीकत जाननी होगी,आखिर कुपोषण से जिले में कितनी मौत हुई*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*
बाडमेर लम्बे समय से स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग में चल रहे करोड़ो के गड़बड़ झाले को सामने लाया गया।।जिले में सामुदायिक आधारित कुपोषण प्रबंधन योजना का संचालन बाडमेर ब्लॉक को छोड़ सभी ब्लॉक में किया जा रहा है।केंद्र सरकार ने बाडमेर जिले को कुपोषण योजना में शामिल कर योजना का संचालन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाडमेर को दिया था।इस योजना में करोड़ो रुपयों का बजट जारी किया।।बाडमेर जिले को आठ हजार कुपोषित बच्चों को इस योजना में शामिल करने का टारगेट दिया गया।धोरीमन्ना ब्लॉक में किए सर्वे में 84 कुपोषित बच्चों को नामांकित किया गया।।इस बच्चो का muac ,ऊंचाई लम्बाई, वजन,एडिमा,भूख टेस्ट,कर उसकी रिपोर्ट निर्धारित फॉर्मेट में दर्ज करनी होती है।।इस रिपोर्ट को बाकायदा दर्ज भी किया।।इसी सूची में क्रमांक 25 और 26 पर उडासर ग्राम पंचायत के भीलों की ढाणी के दो बच्चे क्रमश संगीता और धर्माराम के नाम दर्ज है।।इनके नाम इसी साल मार्च माह में दर्ज किए गए।।इनके माता पिता इनको लेकर फॉलो अप शिविर में आये।प्रावधान है कि बच्चे के साथ आये माता पिता को यात्रा किराया मानदेय के रूप में शिविर के दौरान ही देना होता है।मगर इस ब्लॉक में आज तक किसी माता पिता को मानदेय नही दिया गया।।इस योजना में प्रावधान है कि कुपोषित बच्चे की प्रतिदिन मोनिटरिंग आशा सहयोगिनी को कर उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट प्रतिदिन देनी होती है।मगर यहां ऐसा कुछ नही हुआ।न तो परिचारिका न ही आशा सह्योगिनिया कुपोषित बच्चों को फॉलो करने पहुंची।जिसका नतीजा यह हुआ कि कुपोषित बच्चे पोष्टिक आहार के अभाव में दम तोड़ गए।।उडासर के दोनो बच्चे पिछले महीने दम तोड़ चुके है।संगीता और धर्माराम की मौत हो चुकी है।मगर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी ने कभी अपनी रिपोर्ट में इसे दर्ज ही नही किया।।स्वास्थ्य विभाग अपनी लापरवाही और योजना में हो रहे भरष्टाचार को छुपाने के चक्कर मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी ही नही दी।ऐसा हर ब्लॉक में हो रहा है।जिले में कितने बच्चे इस कार्यक्रम में कुपोषित की सूची में दर्ज हुए इसकी जानकारी मुख्य चिक्तिसा एवम स्वास्थ्य अधिकारी तक को नही।।अलबत्ता बाडमेर न्यूज़ ट्रैक को कुछ ब्लॉक के दस्तावेज हाथ लगे है।।जिससे साफ है कि जिले में चल रही इस महत्वपूर्ण योजना को भी भरस्टाचार से अछूता नही रखा।कुपोषित बच्चों तक के पैसे खा गए।।उडासर में मृतक बच्चो के दादा का फोन बाडमेर न्यूज़ ट्रैक को आया जिसमे उन्होंने बताया कि उन्हें शिविर में यह कह कर बुलाया था कि आपके बच्चों और आपको पैसे मिलेंगे।बच्चो को पोष्टिक आहार ओरतिदिन मिलेगा ।बच्चे ठीक हो जाएंगे मगर शिविर में हमे यात्रा भत्ते का भुगतान नही दिया।भुगतान के अभाव में हम बच्चो को लेकर दूसरी बार अस्पताल नहीं जा सके।।न ही बच्चो को चेक करने कोई अस्पताल का स्टाफ या आशा सहयोगिनी आई।पिछले महीने दोनो बच्चो की मौत हो गई।बच्चो की मौत के बाद धोरीमना सी एच सी पर यात्रा भुगतान लेने गया।मगर कोई जवाब नही देते।।अलबत्ता उडासर के अलावा कोजा ,खारी, मालपुरा में भी कुपोषित बच्चों के मौत की खबर है।मगर स्वास्थ्य विभाग इन मौतों पर पर्दा डालने में लगा है। जिला कलेक्टर को चाहिए कि जिले में इस योजना में शामिल कुपोषित बच्चों की भौतिक उपस्थिति की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जायेगी।।जिस तरह बाडमेर न्यूज टीक ने कलेवा योजना और सफाई वतावस्था में भरष्टाचार का भण्डा फोड़ किया।इनमें कलेक्टर द्वारा बिठाई जांच कमिटी की सिफारिश पर कलेवा योजना में भरष्टाचार के लिए डॉ विष्णु राम को चार्जशीट भी जारी की।जबकि दोषी वर्तमान ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी है जो राजनीतिक पहुंच से बच निकला।खैर कुपोषण से हुई इन मौतों की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को तय कर कार्यवाही अमल में लानी चाहिए ।
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