गुरुवार, 4 जुलाई 2019

उदयपुर पति बच्चों को छोड़ प्रेमी के साथ गई थी भाग, संदिग्ध परिस्थिति में मिली विवाहिता की लाश

पति बच्चों को छोड़ प्रेमी के साथ गई थी भाग, संदिग्ध परिस्थिति में मिली विवाहिता की लाश

पति बच्चों को छोड़ प्रेमी के साथ गई थी भाग, संदिग्ध परिस्थिति में मिली विवाहिता की लाश

उदयपुर में एक विवाहिता के अपने प्रेमी के साथ भाग कर और कहीं रहने के दौरान उसकी मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है. बताया जा रहा है कि विवाहिता की मौत संदिग्ध परिस्थतियों में हुई है. उसकी लाश को ससुराल के लोग और पीहर पक्ष ने भी लेने से मना कर दिया है. इस वजह से उसकी लाश उदयपुर के एमबी अस्पताल की मोर्चरी में काफी समय तक रखी रही. पुलिस द्वारा काफी समझाए जाने के बाद आखिरकार शव को पीहर पक्ष को सौंपा जा सका. इधर विवाहिता का प्रेमी फरार हो गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है.

विवाहिता ने ससुराल व पीहर को छोड़ दिया था 

मिली जानकारी के अनुसार, निलोद में भूपालसागर की रहने वाली 28 वर्षीय मंजू की शादी गायरिवास मावली निवासी हीरालाल गाडरी से 2011 में हुई थी. वह दो बच्चों की मां भी थी. बताया जा रहा है कि
दो महीना पहले मंजू मावली के रहने वाले एक शख्स दिनेश डांगी के साथ भाग गई. इसकी रिपोर्ट उसके पति हीरालाल ने पुलिस में लिखा दी. रिपोर्ट में पति ने पत्नी के गुम होने और जेवर के साथ नकदी की चोरी होने की रिपोर्ट भी लिखाई. पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के बाद मंजू को ढूंढ़ निकाला. लेकिन एक बार फिर मंजू उसी दिनेश डांगी के साथ चली गई. उसने अपने ससुराल के साथ ही पीहर पक्ष को भी छोड़ दिया.

तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती
पिछले कुछ समय से मंजू अपने आशिक के साथ उदयपुर के राणा प्रतापनगर रेलवे कॉलनी में रह रही थी. जानकारी के अनुसार, गत समोवार को उसकी तबीयत खराब हो गई थी. इलाज के लिए उसे उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए. इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.

विवाहिता का आशिक हुआ फरार

उसकी मौत होने के बाद उसका आशिक दिनेश डांगी फरार हो गया है. इसके बाद पुलिस ने मंजू के शव को एमबी अस्पताल में मोर्चरी में रखवा दिया और इसकी सूचना परिजनों को दी गई. लेकिन ससुराल के साथ-साथ पीहर पक्ष ने भी मंजू की लाश लेने से इंकार दिया. इसके बाद प्रतापनगर थाना के अधिकारी विवेक सिंह ने पीहर पक्ष को काफी समझाया और आखिरकार उन्हें मंजू का शव सौंप दिया.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें