सोमवार, 29 अक्तूबर 2018

*बाड़मेर के दिग्गजों की परंपरा को कायम रख रहे मानवेन्द्र सिंह* *परिवार में कोई विधानसभा चुनाव नही लड़ने की घोषणा कर कद और बढ़ा*







*बाड़मेर के दिग्गजों की परंपरा को कायम रख रहे मानवेन्द्र सिंह*
*परिवार में कोई विधानसभा चुनाव नही लड़ने की घोषणा कर कद और बढ़ा*



बाड़मेर जेसलमेर की राजनीति में परंपरागत राजनीति में कई दिग्गजों में अपने परिवारों को राजनीति से दूर रखा।।शिव विधायक पूर्व सांसद कर्नल मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस प्रवेश के साथ कयास लगाए जा रहे थे कि उनके परिवार से उनके भाई भूपेंद्र सिंह और धर्मपत्नी चित्रा सिंह को विधानसभा चुनाव लड़ाएंगे।।काफी समय से इस पर बहस चल रही थी साथ ही इनके परिवार की दावेदारियों को सामने रख सोसल मीडिया पर टिकट वितरण के कयास लग रहे थे।जैसे कि मानवेन्द्र सिंह अपने राजनीतिक फैसलों से चोंकाते आये है।।बाड़मेर जिले में प्रवेश के साथ उन्होंने यह ब्यान देकर की उनके परिवार से कोई विधानसभा चुनाव नही लड़ेगा देकर न केवल सबको चोंका दिया बल्कि अपना राजनीतिक कद समर्थकों के बीच और बढ़ा दिया।।मानवेन्द्र सिंह ने हमेशा सभ्य और शालीन राजनीति की।।इसी का नतीजा है कि कल उनके कांग्रेस में जाने के बाद भी समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा।।ये उनके एक तरफ विरोधियों को संकेत है कि कांग्रेस में भी वो मजबूरी वाले नेता थे।।एक कार्यकर्ता ने कल अहिंसा सर्किल पे बताया कि मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने से कार्यकर्ताओ के लिए घर बैठे गंगा आ गई।।हमे सुलभ नेता मिल गया जिसके पास हम जा सकते है।अपनी बात रख सकते है।।खैर ये राजनीति है।मानवेन्द्र सिंह ने अपने आपको इसमे बहने नही दिया।उन्होंने थार की राजनीति के दिग्गज तन सिंह  हेमाराम चौधरी,विरधी चंद जैन ,मदन कौर की परंपरा को कायम रख स्वछ राजनीति का संदेश दिया।।मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में बड़े अंतर से जिताने का लक्ष्य लेकर आये है।।मानवेन्द्र सिंह के समर्थक दोनो जिलो की सभी विधानसभा में है जो तख्ता पलट के लिए पर्याप्त है।।जिस तरफ मानवेन्द्र सिंह समर्थक मत देंगे उनका ही बेड़ा पार होगा।इस बार कई दिग्गजों को मानवेन्द्र समर्थकों के वोटों की जरूरत पड़ेगी।।राजनीति समीकरण पल पल बदलते है।।हनुमान बेनीवाल फेक्टर जिले में चला तो मानवेन्द्र सिंह अहम हो जाएंगे।।कल उनके स्वागत में जिले के सभी दिग्गज मौजूद थे कुछ नेताओं को छोड़ कर।।पार्टी कार्यकर्ताओ से मिल कर बनती है नेता भी कार्यकर्ता बनाते है। मानवेन्द्र सिंह ने दिल की बात कही की कल तक बन्द कमरों में बैठक कर बाते होती थी आज से खुले में होगी।।यह भी तय है कि भाजपा में रहते हुए भी मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में बड़ी संख्या में समर्थक रहे है।।मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है।।*

बाड़मेर जेसलमेर की राजनीति में परंपरागत राजनीति में कई दिग्गजों में अपने परिवारों को राजनीति से दूर रखा।।शिव विधायक पूर्व सांसद कर्नल मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस प्रवेश के साथ कयास लगाए जा रहे थे कि उनके परिवार से उनके भाई भूपेंद्र सिंह और धर्मपत्नी चित्रा सिंह को विधानसभा चुनाव लड़ाएंगे।।काफी समय से इस पर बहस चल रही थी साथ ही इनके परिवार की दावेदारियों को सामने रख सोसल मीडिया पर टिकट वितरण के कयास लग रहे थे।जैसे कि मानवेन्द्र सिंह अपने राजनीतिक फैसलों से चोंकाते आये है।।बाड़मेर जिले में प्रवेश के साथ उन्होंने यह ब्यान देकर की उनके परिवार से कोई विधानसभा चुनाव नही लड़ेगा देकर न केवल सबको चोंका दिया बल्कि अपना राजनीतिक कद समर्थकों के बीच और बढ़ा दिया।।मानवेन्द्र सिंह ने हमेशा सभ्य और शालीन राजनीति की।।इसी का नतीजा है कि कल उनके कांग्रेस में जाने के बाद भी समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा।।ये उनके एक तरफ विरोधियों को संकेत है कि कांग्रेस में भी वो मजबूरी वाले नेता थे।।एक कार्यकर्ता ने कल अहिंसा सर्किल पे बताया कि मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने से कार्यकर्ताओ के लिए घर बैठे गंगा आ गई।।हमे सुलभ नेता मिल गया जिसके पास हम जा सकते है।अपनी बात रख सकते है।।खैर ये राजनीति है।मानवेन्द्र सिंह ने अपने आपको इसमे बहने नही दिया।उन्होंने थार की राजनीति के दिग्गज तन सिंह  हेमाराम चौधरी,विरधी चंद जैन ,मदन कौर की परंपरा को कायम रख स्वछ राजनीति का संदेश दिया।।मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में बड़े अंतर से जिताने का लक्ष्य लेकर आये है।।मानवेन्द्र सिंह के समर्थक दोनो जिलो की सभी विधानसभा में है जो तख्ता पलट के लिए पर्याप्त है।।जिस तरफ मानवेन्द्र सिंह समर्थक मत देंगे उनका ही बेड़ा पार होगा।इस बार कई दिग्गजों को मानवेन्द्र समर्थकों के वोटों की जरूरत पड़ेगी।।राजनीति समीकरण पल पल बदलते है।।हनुमान बेनीवाल फेक्टर जिले में चला तो मानवेन्द्र सिंह अहम हो जाएंगे।।कल उनके स्वागत में जिले के सभी दिग्गज मौजूद थे कुछ नेताओं को छोड़ कर।।पार्टी कार्यकर्ताओ से मिल कर बनती है नेता भी कार्यकर्ता बनाते है। मानवेन्द्र सिंह ने दिल की बात कही की कल तक बन्द कमरों में बैठक कर बाते होती थी आज से खुले में होगी।।यह भी तय है कि भाजपा में रहते हुए भी मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में बड़ी संख्या में समर्थक रहे है।।मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है।।

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