रविवार, 3 सितंबर 2017

बाड़मेर पानी तो महारानी की मेहरबानी से आ गया।पानी से पेट कैसे भरूँ।।फकाकस्सी में है धोधे ख़ाँ*

बाड़मेर पानी तो महारानी की मेहरबानी से आ गया।पानी से पेट कैसे भरूँ।।फकाकस्सी में है धोधे ख़ाँ*


*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक मदन बारूपाल के साथ*

बाड़मेर अन्तराष्ट्रीय स्तर का पश्चिमी सरहद की शान कहै जाने वाले अलगोजा वादक धोधे खां महारानी वसुंधरा राजे को दुआएं देते नही थकता।मगर साथ ही निराश भी है कि उसे पेंशन की राशि जितनी मिलती है उससे पेट नही भरता।।*

*धोधे खान से आज एक समारोह में मुलाकात हो गई।वही जिंदादिल अंदाज़,हंसमुख चेहरा।जिसके पीछे दर्द छुपा हुआ।।कहने को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विवाह समारोह में अलगोजा बजा रातों रात चर्चा में आये धोधे आज अपना जीवन फकाकसी मे गुजार रहा।।उन्होंने बताया कि महारानी ने मुझे ट्यूबवेल करा के दिया।उनके मात पिता को धन्यवाद।टीबी वेल पिछले कई महीनों से बिजली की खराबी के कारण बन्द पड़ा हैं।धोरीमन्ना सहायक अभियंता को भी बोला ।अभी ठीक नही किया।बरसात के पानी पर अभी निर्भर हैं। उसने कहा कि कलेक्टर को बोला नही।में किसी अधिकारी के पेट पर लात नही मारना चाहता।।ठीक कर देगा ।आज नही तो महीने में।।धोधे खान को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गक्त साल अपने बाड़मेर दौरे के दौरान खास तौर से ट्यूब वेल स्वीकृत किया था।मुख्यमंत्री की घोषणा तो पूरी हो गई।मगर अब ट्यूब वेल खराब पड़ा हैं।*

*धोधे खान के अनुसार उसे 500 रुपए पेंशन मिलती है।इन पेसो से उसके बीड़ी के बंडल भी नही आते।।एक टाइम इधर उधर से मांग के अपना जीवन यापन कर रहा।बात करते करते उसकी आँखों से आंसू छलक पड़े।उसने बताया कि पानी से पेट नही भरता साहब।।नाम बहुत हैं।नाम से घर का गुजारा नही होता।।पेंशन राशि बढा दे तो अहसान है।।*

*धोधे खान बाड़मेर ही नही राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर है।एक मात्र अलगोजा वादक हैं। राष्ट्रीय धरोहर को फकाकसी में दिन गुजरने पड़े।इससे ज्यादा दुर्भाग्य कुछ हो नही सकता।सरकारी योजना से जोड़ उसे लाभ दिया जा सकता है।।पिच्यासी साल की उम्र में धोधे खान का जोश बरकरार हैं।।*

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