जोधपुर। पेड़ों के नीचे लगती हैं कक्षाएं, सुविधाओं का भी टोटा
जोधपुर। एक ओर सरकार आरटीई के तहत स्कूलों को सम्पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन कई ऐसे भी स्कूल है जहां विद्यार्थियों के पास बैठने के लिए पर्याप्त कमरे तक नहीं हैं। ऐसा ही एक स्कूल है गिलाकोर गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय। इस स्कूल में 312 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन इन विद्यार्थियों के पढऩे के लिए महज 4 कमरों की व्यवस्था है। इस वजह से शिक्षण कार्य के लिए कई कक्षाएं पेड़ों के नीचे संचालित करनी पड़ रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय को क्रमोन्नत तो कर दिया गया है लेकिन, यहां सुविधाएं अभी भी प्राथमिक स्तर की हैं। विद्यालय में 19 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 8 पदों पर कार्मिक कार्यरत हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अंग्रेजी, हिन्दी सहित कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद खाली है। विद्यालय में कनिष्ठ लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी सभी पद रिक्त हैं। गिलाकोर सरपंच किशनसिंह राठौड़ ने कहा कि विद्यालय में कक्षा-कक्षों की कमी होने के कारण कक्षाएं पेड़ों के नीचे संचालित हो रही हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मेरा प्रयास रहेगा कि किसी भी योजना के तहत विद्यालय में जल्दी से जल्दी नए कमरों का निर्माण कराया जाए।
जोधपुर। एक ओर सरकार आरटीई के तहत स्कूलों को सम्पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन कई ऐसे भी स्कूल है जहां विद्यार्थियों के पास बैठने के लिए पर्याप्त कमरे तक नहीं हैं। ऐसा ही एक स्कूल है गिलाकोर गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय। इस स्कूल में 312 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन इन विद्यार्थियों के पढऩे के लिए महज 4 कमरों की व्यवस्था है। इस वजह से शिक्षण कार्य के लिए कई कक्षाएं पेड़ों के नीचे संचालित करनी पड़ रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय को क्रमोन्नत तो कर दिया गया है लेकिन, यहां सुविधाएं अभी भी प्राथमिक स्तर की हैं। विद्यालय में 19 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 8 पदों पर कार्मिक कार्यरत हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अंग्रेजी, हिन्दी सहित कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद खाली है। विद्यालय में कनिष्ठ लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी सभी पद रिक्त हैं। गिलाकोर सरपंच किशनसिंह राठौड़ ने कहा कि विद्यालय में कक्षा-कक्षों की कमी होने के कारण कक्षाएं पेड़ों के नीचे संचालित हो रही हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मेरा प्रयास रहेगा कि किसी भी योजना के तहत विद्यालय में जल्दी से जल्दी नए कमरों का निर्माण कराया जाए।
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