बाड़मेर सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में मुखबिर तंत्र विकसित होंगे
बाड़मेर समेत सीमावर्ती जिलों के सरहदी क्षेत्रों में मुखबिर तंत्र विकसित किए जाएंगे
बाड़मेर, 28 अक्टूबर। प्रदेश में बेटी बचाओ अभियान के तहत् क्रियान्वित भू्रण जांच प्रतिषेध अधिनियम (पीसीपीएनडी) 1994 की कार्यवाही को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इसके लिए सीमावर्ती जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में मुखबिर तंत्र विकसित किए जाएंगे। इन क्षेत्रों की आशा-सहयोनियों, सक्रिय जनसेवकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को भू्रण लिंग जांच के घृणित कार्य में लिप्त दलालों एवं भू्रण लिंग जांच कराने के प्रयासशील लोगों की सूचना के लिए मुखबिर बनाया जाएगा। समुचित प्राधिकारी अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट की पालना में टोल फ्री नम्बर 104 एवं 108 पर प्राप्त विभिन्न मुखबिरों से प्राप्त सूचना के आधार पर 15 डिकॉय ऑपरेशन कर भू्रण लिंग जांच को अंजाम देने वालों दलालों एवं चिकित्सकों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालौर, सिरोही, राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ़, बाड़मेर एवं पाली जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में मुखबिर तंत्र विकसित किए जाएंगे। साथ ही पड़ौसी राज्यों में भू्रण लिंग जांच में लिप्त संदिग्धों पर निगरानी रखी जाएगी। जैन ने विशेषकर गांवों में मुखबिर नेटवर्क तैयार करने, युवाओं-कर्मचारियों को मुखबिरी के लिए प्रोत्साहित करने, बेटियों के प्रति अनुकूल वातावरण विकसित करने एवं गांव से बाहर इलाज के नाम पर जाने वाली प्रत्येक गर्भवती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी स्थानीय स्तर पर एकत्र करने इत्यादि की आवश्यकता जताई। उन्होंने बताया कि विशेषकर पड़ौसी राज्यों प्रसूताओं को उपचार के लिए लेकर जाने वाले निजी टैक्सी एवं एम्बूलेंस चालकों की इन गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है।
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