अब 5 साल का बच्चा पढ़ेगा पहली कक्षा में
राज्य सरकार ने आयु सीमा 6 साल से घटाकर 5 साल की
प्रदेश के बच्चों को होगा फायदा, प्रतियोगी परीक्षाओं में मिलेंगे अधिक अवसर
अजमेर, 9 सितम्बर। राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में विद्यार्थियों के प्रवेश की उम्र 6 साल से घटाकर 5 साल कर दी है। राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं एवं शिक्षण में फायदा मिलेगा।
शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत राज्य के विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश की न्यूनतम आयु 6 वर्ष लागू कर दी गई थी। केन्द्रीय विद्यालयों में आयु 5 वर्ष निर्धारित है। इसी तरह गैर सरकारी विद्यालय, जो केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध है। उनमें भी प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 5 वर्ष है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल तथा सैनिक विद्यालयों में कक्षा 6 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 10 वर्ष व अधिकतम आयु 11 वर्ष निर्धारित है। ऐसे में राज्य के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मिलिट्री स्कूल, सैनिक विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय आदि में प्रवेश से वंचित होना पड़ रहा था। साथ ही बड़े होने पर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उन्हें एक साल का नुकसान झेलना पड़ रहा था।
प्रो. देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार ने इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए राज्य के सरकारी विद्यालयों में प्रवेश की न्यूनतम आयु 6 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई है। इससे राजस्थान के लाखों विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा।
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