शनिवार, 27 अगस्त 2016

अजमेर मैराथन स्टाईल में अध्ययन से मिलती है सफलता - केन्द्रीय मंत्राी श्री सी.आर.चैधरी



अजमेर मैराथन स्टाईल में अध्ययन से मिलती है सफलता - केन्द्रीय मंत्राी श्री सी.आर.चैधरी

भारतीय शिक्षण संस्थान बनेंगे विश्व स्तरीय


अजमेर 27 अगस्त। केन्द्रीय उपभोक्ता मामलात, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्राी श्री सी.आर.चैधरी ने राजस्थान मैरिट अवार्ड समारोह समिति के तत्वावधान में आयोजित राज्य मैरिट अवार्ड समारोह के अवसर पर कहा कि शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ने से विद्यार्थियों में पढ़ाई की प्रतिस्पर्धा चल रही है। अध्ययन के द्वारा जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मैराथन स्टाईल में अध्ययन आवश्यक है। फर्राटा दौड़ की तरह अध्ययन करने वाले लम्बे समय तक अध्ययन नहीं कर पाने के कारण सफल व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल होने से वंचित रह जाते है। यह समारोह शनिवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा कि सफलता एक अवस्था है जो जीवन भर चलती रहती है। व्यक्ति को प्रत्येक क्षेत्रा में सफल होने का प्रयास करना चाहिए। अनवरत रूप से बिना थके प्रयास करने से सफलता की दर बढ़ जाती है। दिल से मेहनत करने वाले प्रतिदिन अपने में सुधार करते हुए जीवन में आगे बढ़ते जाते है। असफलता प्राप्त होने पर घबराकर निराश होने के स्थान पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

श्री चैधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार विभिन्न योजनाओं के द्वारा आगामी दो वर्षों में शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कृतसंकल्पित है। शिक्षण संस्थाओं में विशेष योग्यताधारी प्रतिभाओं के द्वारा अध्ययन करवाने के लिए ज्ञान परियोजना अमल में लायी जा रही है। विद्यार्थियों को सैद्धान्तिक के साथ-साथ प्रायोगिक अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रा में कार्यरत अभियंताओं एवं विशेषज्ञों को प्रतिनियुक्ति पर उच्च शिक्षण संस्थाओं में लगाए जाने पर सरकार कार्य कर रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर सीनियर सैकण्डरी तथा प्रत्येक ब्लाॅक पर अंग्रेजी माध्यम का माॅडल स्कूल खोला जाना इस दिशा में एक और कदम है। भविष्य में माॅडल स्कूल को चार -पांच गांवों के कलस्टर स्तर पर लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्रा में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा घर के आसपास मिलना आसान हो गया है। राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थी राज्य स्तरीय मैरिट में पुनः स्थान प्राप्त करने में सफल हो रहे है। यह एक अच्छा संकेत है। शैक्षिक संस्थाओं में कार्य संस्कृति का बढ़ना देश और समाज के लिए फायदेमंद है। वर्तमान में बेटियों को सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशलयुक्त होने से देश के विकास को नई गति मिलेगी। कौशल विकास के क्षेत्रा में राजस्थान अग्रणी राज्य है। रोजगार प्राप्ति के लिए हुनर सीखना आवश्यक है प्रत्येक युवा को एक हुनर अवश्य सीखना चाहिए। सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक बड़ा कौशल केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित है जिसके लिए सम्पूर्ण संसाधन सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जाएंगे। कौशल प्राप्त युवाओं को सरकारी, अर्द्धसरकारी, काॅरपोरेट तथा निजी क्षेत्रा में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार विभिन्न स्तरों पर प्रयासरत है। स्वरोजगार आरम्भ करने वालों के लिए मुद्रा योजना सफलता की नई राहंे लेकर आयी है।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल.चैधरी ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोआ के नवीनतम सर्वे के अनुसार राजस्थान बोर्ड की गुणवत्ता तेलंगाना के पश्चात द्वितीय स्थान पर है। यह राजस्थान क्षेत्रा के लिए गर्व का विषय है। शिक्षा के क्षेत्रा में किए गए सकारात्मक बदलावों से यह संभव हो सका है। कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम को भारतीय परीपेक्ष में तैयार किया गया है। आगामी सत्रा से कक्षा 10 एवं 12 में भी नया पाठ्यक्रम लागु हो जाएगा। यह पाठ्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय रूप लिए होगा। बोर्ड द्वारा विभिन्न विषयों पर जरनल प्रकाशित की जा रही है। इसका पिछले वर्ष पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम पर आधारित सामग्री समाहित की गई थी। वर्तमान अंक योग पर आधारित होगा। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी मार्गदर्शन के लिए बोर्ड की जरनल बहुत उपयोगी साबित हो रही है। उन्होंने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मुझे मेरी मां और पत्नि ने खेती करके पढ़ाया है।

समारोह में राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय मैरिट में स्थाान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मेडल तथा प्रशस्ति पत्रा प्रदान कर सम्मानित किया गया। मंचासीन अतिथियों द्वारा राजस्थान मैरिट अवार्ड स्मारिका 2016 का विमोचन भी किया गया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय निर्भय नारायण पीठ के पीठाधीश्वर श्री शंकरपुरी जी महाराज तथा किशनगढ़ उपखण्ड अधिकारी श्री अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए अभिभावक, शैक्षिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस समारोह के समन्वयक श्री एच.आर.किंवाड़ा थे।

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