शुक्रवार, 12 अगस्त 2016

झालावाड़ हर्षोल्लास से मनाया जायेगा स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को दिया अंतिम रूप



झालावाड़ हर्षोल्लास से मनाया जायेगा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को दिया अंतिम रूप


झालावाड़ 12 अगस्त। आगामी 15 अगस्त को जिला मुख्यालय सहित सम्पूर्ण झालावाड़ जिले में स्वतंत्रता दिवस समारोह परम्परागत रूप से हर्षोल्लास से मनाया जायेगा।

अतिरिक्त जिला कलक्टर भवानी सिंह पालावत ने आज मिनी सचिवालय के सभागार में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय पर्व की गरिमा के अनुसार पूरे उत्साह एवं हर्षोल्लास से मनाये जाने के निर्देश दिये।

स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य समारोह पुलिस परेड ग्राउण्ड झालावाड़ में प्रातः 9 बजे से आयोजित होगा जिसमें मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण, राष्ट्रीय ध्वज को सलामी, परेड का निरीक्षण, पुलिस एनसीसी, स्काउट, गाईड्स एवं विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों द्वारा मार्च पास्ट, राज्यपाल का संदेश पठन, उत्कृष्ठ कार्य निष्पादित करने वालों को पुरस्कार एवं प्रशंसा पत्र, छात्र-छात्राओं द्वारा सामूहिक व्यायाम, स्काउट्स गाईड्स का प्रदर्शन, बालिकाओं द्वारा सामूहिक नृत्य प्रदर्शन आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे।

स्वतंत्रता दिवस पर प्रातः 8 बजे जिला कलक्टर निवास पर तथा प्रातः 8.15 बजे मिनी सचिवालय स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय पर ध्वजारोहण होगा।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भवानी नाट्यशाला में स्कूली बालक-बालिकाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। बैठक में विभिन्न व्यवस्थाओं को राष्ट्रीय कार्यक्रम के अनुकूल सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामपाल शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खुशाल सिंह राजपुरोहित, सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक राय सिंह मोजावत, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुरेन्द्र सिंह गौड़, तहसीलदार झालरापाटन श्रीमती अस्मिता सिंह, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी हरिशंकर शर्मा, पीटीआई अलीम बेग सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक 13 अगस्त को

झालावाड़ 12 अगस्त। झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री दुष्यन्त सिंह की अध्यक्षता में 13 अगस्त को दोपहर 3 बजे मिनी सचिवालय सभाभवन में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित होगी। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामपाल शर्मा ने बताया कि उक्त बैठक प्रातः 11 बजे के स्थान पर दोपहर 3 बजे मिनी सचिवालय सभाभवन कलेक्ट्रेट में आयोजित की जायेगी।

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फसलों में पीला मोजेक रोग व सेमीलूपर कीट की रोकथाम के उपाय

झालावाड 10 अगस्त। वर्तमान में जिले में कहीं-कहीं स्थानों पर सोयाबिन व उड़द की फसलों में पीला मोजेक रोग का आंशिक प्रकोप नजर आ रहा है। निरन्तर मौसम में आर्द्रता, ठंडक व उमस को देखते हुए इस रोग की सघनता व तीव्र गति से फैलने की आशंका है, जो सोयाबिन की फसल रोगग्रस्त उड़द की फसल के आसपास है उनमें यह रोग जल्दी फैल सकता है। क्योंकि यह एक वायरस जनित रोग है। यह रोग मूंगबीन यैलो मोजेक विषाणु द्वारा उत्पन्न होता है तथा सफेद मक्खी कीट तथा अन्य रस चूसक कीट इस वायरस (विषाणु) के वाहक का कार्य करते हुए रोग को फसल पर फैलाती है।

इन रोगों से पौधे की बढ़वार कम होती है उनका नरमपन का होना, बदशक्ल होना, ऐंठ जाना, सिकुड़ जाना इत्यादि लक्षण है। कभी-कभी पत्तियां भी खुरदरी हो जाती है, मोटापन लिए गहरा हरा रंग धारण कर लेती है और सलवट पड़ जाती है। रोग के लक्षण प्रारम्भ में फसल पर कुछ ही पौधें पर प्रकट होते हैं और घीरे-धीरे बढ़कर भयंकर रूप धारण कर लेते हैं। रोगग्रस्त फसल में शुरू में खेत में कहीं-कहीं स्थानों पर कुछ पौधों में चितकबरे गहरे हरे पीले धब्बे दिखाई देते हैं और एक दो दिन बाद में सम्पूर्ण पौधे ऊपर से हरिमाहीन अर्थात बिल्कुल पीले हो जाते हैं और सम्पूर्ण खेत में फैल जाते हैं तथा शनैः शनैः आसपास की फसल में भी शुरू हो जाते हैं। उड़द व मुंग की फसल इस रोग के प्रति अति संवेदनशील है और वर्तमान मौसम इस रोग के प्रति अत्याधिक अनुकूल होने पर इस रोग की आशंका अधिक है।

रोकथाम हेतु यदि खेत में कुछ ही पौधे रोगग्रसित हो तो उन्हें उखाड़कर जलाना चाहिए। यह रोग कीट द्वारा एक पौधे से दूसरे पौधे पर और एक खेत से दूसरे में फैलाए जाते हैं। इसलिए इनकी रोकथाम रोग फैलाने वाले छोटे छोटे कीटों को मारकर की जाती है। रोग आते ही फसल पर बिना विलम्ब किए तुरन्त डाइमिथोएट एवं मेटासिस्टोक्स 500-600 मि.ली. दवा या थायोमेथोक्साम 100 ग्राम दवा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें। आवश्यकतानुसार 15 दिन बाद पुनः दोहरावें। फसल पर कीटनाशी घोल की बराबर व समुचित मात्रा हेतु 1 हैक्टेयर में 500 से 600 लीटर पानी के घोल का अवश्य छिड़काव करें। घोल में स्टिकर या टीपोल ए.जी. मिलाकर छिड़काव करना अधिक लाभदायक है।

आजकल सोयाबिन एवं अन्य सब्जियांें जैसे चवलां, टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि की फसलों में कुछ स्थानों पर सेमीलूपर कीट की इल्लियां का प्रकोप भी देखा जा रहा है। ये इल्लियां गहरे भूरे रंग की व शरीर के ऊपरी भाग पर लम्बवत्धारी होती है तथा कीट को ऊपर उठाकर अर्थात् अर्द्धलूप बनाती हुई चलती है। पत्तियों को कूतर कर छलनी बना देती है। इस कीट की इल्ली का अग्र भाग पतला और पिछला भाग मोटा होता है जो अर्द्धकुण्डलीय बनाकर चलती है। अधिक प्रकोप की स्थिति में इस कीट की इल्लियों द्वारा कली, फूल एवं फली को खा जाने तथा खेत में नमी कम होने से फसल में बांझपन भी आ जाता है। इसकी रोकथाम हेतु ट्राईजोफॉस 40 ई.सी. 800 मिलीलीटर प्रति हैक्टेयर या क्यूनॉलफॉस 25 ई.सी. 1.5 लीटर या क्लोरोपाइरोफॉस 20 ई.सी. का 1 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 15 दिन बाद पुनः छिड़काव करें।

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