मंगलवार, 26 जुलाई 2016

बाड़मेर। नौ बालश्रम करने वाले बालकों को पुनर्वासित किया



बाड़मेर। नौ बालश्रम करने वाले बालकों को पुनर्वासित किया
बाड़मेर। बाड़मेर जिले की पुलिस व चाईल्ड लाईन द्वारा स्माईल द्वितीय अभियान के तहत जिले के पचपदरा व सदर थानान्तर्गत शनिवार व रविवार को बालश्रम से मुक्त करवाकर बालगृह लाया गया था, नाबालिग बालकों को बाल कल्याण समिति बाड़मेर के समक्ष पेश किया गया जिन्हें उनके माता-पिता व संरक्षक को सुपुर्द कर पुनर्वासित करने का अन्तिरिम आदेश दिये गये।

चाईल्ड के समन्वयक सोनाराम ने बताया कि वर्तमान में राज्य भर मंे पुलिस विभाग द्वारा भिक्षावृत्ति, बालश्रम, गुमशुदा, नाबालिग बच्चों के संबंध में चलाये जा रहे स्माईल द्वितीय अभियान के तहत पचपदरा व सदर थानान्तर्गत बाल श्रम समिति के सदस्य राजाराम सर्राफ के समक्ष पेश किया गया । समिति के सदस्य ने उनके माता-पिता व संरक्षकों के सत्यापित दस्तावेजों की जांच कर उन्हें बालश्रम से मुक्त करने की हिदायत देते हुए कि आगामी में इन्हें बालश्रम नही करवाएंगे और बालकों को परिजनों के संरक्षण में सुपुर्द किया गया।

बाल कल्याण समिति के सदस्य राजाराम सर्राफ ने बताया कि सोमवार को पचपदरा थानान्तर्गत के छह नाबालिग बालकों को बालश्रम से मुक्त करवाए गए नाबालिंगों को पेश किया गया। जिसमें एक बालक मुकनाराम की होटल, पचपदरा रोड, एक बालक राधिका नमकीन, प्रथम फाटक बालोतरा, एक बालक को रमजान ओटो रिपेयरिंग पचपदरा रोड, एक बालक श्रीराम भोजनालय पुराना बस स्टेण्ड बालोतरा व दो बालकों को विशाल भोजनालय पुराना बस स्टेण्ड बालोतरा से बालश्रम से मुक्त करवाकर लाया गया था।

बाड़मेर सदर थानान्तर्गत सदर पुलिस ने दो बालकों को रंगोली रेस्टोरेंट एण्ड होटल से बालश्रम से मुक्त करवा कर लाया गया था और एक बालक बाड़मेर जिले का होने के कारण जैसलमेर बाल कल्याण समिति द्वारा उनके परिजनों को सुपुर्द करने के लिये रविवार को बाल कल्याण समिति, बाड़मेर भेजा था । उस सहित सभी नौ नाबालिग बालकों की सोमवार को देर तक सुनवाई कर उनके माता-पिता व संरक्षक को उनके दस्तावेजों की जांच कर यह हिदायत देते हुए कि बच्चों के भविष्य को संवारे और उन्हे पढ़ने भेजें इनमें कई बच्चें पढ़े लिखे भी है और वे आगे पढ़ना भी चाहते है। बस उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इन सभी को पुनर्वासित करने के लिए उनके परिजनों की सुपुर्द किया गया। मंगलवार को समदड़ा थानान्र्तगत एक बालक को बाल कल्याण समिति के सदस्य राजाराम सर्राफ के समक्ष चाईल्ड लाईन के मार्फत पेश किया गया जिसे बालगृह में रखा गया ।















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