शनिवार, 2 जुलाई 2016

झालावाड़ प्यासी धरती के कण्ठ को मिलीं अमृत की बूंदें



झालावाड़ प्यासी धरती के कण्ठ को मिलीं अमृत की बूंदें

पंचायत समिति डग में 28 लाख क्यूबिक मीटर अतिरिक्त जल संग्रहण क्षमता सृजित

झालावाड़ 2 जुलाई। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत डग पंचायत समिति में बनाई गई जल संरचनाएं वर्षा जल को रोककर प्यासी धरती के कण्ठ को अमृत की बूंदें उपलब्ध करा रही हैं।

झालावाड़, डग एवं चौमहला के पत्रकार दल द्वारा आज डग पंचायत समिति में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों के अवलोकन के दौरान ये बात सामने आई। पत्रकारों ने शरिवार 2 जुलाई को गुराड़िया ईसर, केलूखेड़ा, टापली, दुधालिया तथा पिसाई आदि क्षेत्रों का दौरा किया। उपखण्ड अधिकारी चंदन दुबे ने पत्रकारों के दल का स्वागत किया तथा पंचायत समिति में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनवरी 2016 से जून 2016 की अवधि में पंचायत समिति क्षेत्र में 9 हजार 58 स्टेगर्ड टैªंचेज, 75 एमपीटी, 15 डीप सीसीटी, 9 एनीकट, 2 माइक्रो स्टोरेज टैंक तथा 11 नये तालाब बनाये गये हैं। इस अभियान के अंतर्गत 7 किसानों के यहां ड्रिप इरीगेशन सिस्टम तथा एक किसान के यहां स्प्रिंकलर सैट लगाया गया। एक किसान के खेत पर वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम आरम्भ किया गया, 6 स्थानों पर पाइपलाइन बिछाई गई और पंचायत समिति क्षेत्र में 9 पशु चिकित्सा शिविर लगाये गये। साथ ही 8 पुराने तालाबों का नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य किया गया और 40 किलोमीटर की लम्बाई में फील्ड बंडिंग की गई।

उन्होंने बताया कि प्रारम्भ में कई ग्रामीण गांव से बाहर करवाये गये स्टैगर्ड ट्रैंचेज के निर्माण के विरोध में थे उन्हें भय था कि उनके पशु इन खाइयों मंे गिर जायेंगे किंतु अब जबकि उनके पशुओं को सहज ही जल उपलब्ध हो गया है तथा घास आदि पनप जाने से हरियाली की मात्रा भी बढ़ गई है तो ग्रामीण वासी भी इस अभियान से खुश नजर आते हैं। वाटरशेड विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि इन जलसंरचनाओं के निकट रतनजोत, अरण्डी तथा स्टाइलोग्रास के बीज बोये जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि प्रत्येक स्टैगर्ड ट्रैंच में एक बार में चार से साढ़े चार हजार लीटर पानी आता है तथा एक मानसून में एक ट्रैंच औसतन छः बार भरती है। इस प्रकार एक ट्रैंच में लगभग 27 हजार लीटर जल भरता है जो जिसका अधिकांश भाग पूरा ही धरती में रिस जाता है जिससे भूगर्भीय जल स्तर में सुधार आता है तथा एनीकट एवं एमपीटी जैसी जल संरचनाओं में संग्रहीत पानी स्थानीय जनता के उपयोग के लिये उपलब्ध रहता है। इससे पशुओं को पानी मिलता है तथा फसलों को भी भूमि सिंचाई के लिये उपलब्ध कराया जा सकता है।

आज के दौरे में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता भगवानसिंह कर्दम, जलग्रहण विकास के सहायक अभियंता संजय गोयल तथा अजय भार्गव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

--00--

चौमहला में चरणपादुका कार्यक्रम सम्पन्न

झालावाड़ 2 जुलाई। झालावाड़ जिले की डग पंचायत समिति के चौमहला कस्बे में स्थित राजकीय विद्यालय में आज जिले के पत्रकारों द्वारा चरण पादुका कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

पत्रकारों द्वारा राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्कूल में पढ़ने वाले कंजर जाति के पचास बच्चों निर्धन बच्चों को जूते पहनाये। इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी गंगधार चंदन दुबे, सरपंच चौमहला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि रेजीडेण्ट एसोसियेशन ऑफ नॉर्थ अमरीका (राना) की मीडिया सेल द्वारा जिला प्रशासन झालावाड़ को 500 जोड़ी जूते उपलब्ध कराये गये हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें