कोटा. महापौर ने षड्यंत्र रचकर हड़पे 80 लाख, धोखाधड़ी का मामला दर्ज
कोटा. एक व्यक्ति को फर्म में पार्टनर बनाकर षड्यंत्र पूर्वक 80 लाख रुपए हड़पकर धोखाधड़ी करने के मामले में महापौर महेश विजय के खिलाफ गुरुवार को जवाहर नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में पिता-पुत्री समेत तीन अन्य लोग भी शामिल हैं।
विज्ञान नगर निवासी नितिन चौधरी ने तलवंडी निवासी महापौर महेश विजय, कुन्हाड़ी निवासी पल्लवी वशिष्ट, उसके पिता अजय वशिष्ट और महालक्षमी एनक्लेव बारां रोड निवासी अनुज शर्मा उर्फ विक्की के खिलाफ अदालत में परिवाद पेश किया था।
इसमें कहा था कि वह महेश विजय समेत सभी ने 16 सितम्बर 2012 में द्वारिका बिल्डकेन के नाम से एक फर्म बनाई। इसमें उसे भी पार्टनर बनाया। महेश विजय ने उस समय उसे आश्वासन दिया कि फर्म में उसे कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
उसे फर्म से अलग भी नहीं किया जाएगा। इस आश्वासन पर उसने फर्म में 80 लाख रुपए लगा दिए। कुछ समय बाद जब फर्म का काम अच्छा चलने लगा तो इन सभी की नीयत में खोट आ गया।
उन्होंने उसे धोखा देने व रकम हड़पने की नीयत से षड्यंत्र रचा। उसे इस तरह से परेशान किया, जिससे उसे फर्म से अलग कर दिया जाए। जुलाई 2014 में उसे फर्म से अलग कर दिया गया।
इसी दौरान रकम लौटाने संबंधी उनके बीच समझौता हुआ, लेकिन आज तक उसे 80 लाख रुपए रकम नहीं लौटाई गई। साथ ही उसे कानूनी कार्रवाई नहीं करने के लिए धमकी दी जा रही है।
उसे इतना परेशान किया जा रहा है, वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो सकता है। अदालत ने परिवाद को जवाहरनगर थाने में भेजकर मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे।
परिवादी के अधिवक्ता एडवोकेट अशोक चौधरी ने बताया कि पुलिस ने परिवाद पर आदेश होने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस पर परिवादी की ओर से अदालत में दोबारा से प्रार्थना पत्र पेश किया।
इसके बाद पुलिस ने गुरुवार को महापौर महेश विजय, पल्लवी, अजय व अनुज के खिलाफ धारा 306, 384, 386, 406, 409, 420, 467, 468, 471, 500, 504, 506 व 120 बी में मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच उप निरीक्षक ओम प्रकाश शर्मा कर रहे हैं।
कोटा. एक व्यक्ति को फर्म में पार्टनर बनाकर षड्यंत्र पूर्वक 80 लाख रुपए हड़पकर धोखाधड़ी करने के मामले में महापौर महेश विजय के खिलाफ गुरुवार को जवाहर नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में पिता-पुत्री समेत तीन अन्य लोग भी शामिल हैं।
विज्ञान नगर निवासी नितिन चौधरी ने तलवंडी निवासी महापौर महेश विजय, कुन्हाड़ी निवासी पल्लवी वशिष्ट, उसके पिता अजय वशिष्ट और महालक्षमी एनक्लेव बारां रोड निवासी अनुज शर्मा उर्फ विक्की के खिलाफ अदालत में परिवाद पेश किया था।
इसमें कहा था कि वह महेश विजय समेत सभी ने 16 सितम्बर 2012 में द्वारिका बिल्डकेन के नाम से एक फर्म बनाई। इसमें उसे भी पार्टनर बनाया। महेश विजय ने उस समय उसे आश्वासन दिया कि फर्म में उसे कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
उसे फर्म से अलग भी नहीं किया जाएगा। इस आश्वासन पर उसने फर्म में 80 लाख रुपए लगा दिए। कुछ समय बाद जब फर्म का काम अच्छा चलने लगा तो इन सभी की नीयत में खोट आ गया।
उन्होंने उसे धोखा देने व रकम हड़पने की नीयत से षड्यंत्र रचा। उसे इस तरह से परेशान किया, जिससे उसे फर्म से अलग कर दिया जाए। जुलाई 2014 में उसे फर्म से अलग कर दिया गया।
इसी दौरान रकम लौटाने संबंधी उनके बीच समझौता हुआ, लेकिन आज तक उसे 80 लाख रुपए रकम नहीं लौटाई गई। साथ ही उसे कानूनी कार्रवाई नहीं करने के लिए धमकी दी जा रही है।
उसे इतना परेशान किया जा रहा है, वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो सकता है। अदालत ने परिवाद को जवाहरनगर थाने में भेजकर मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे।
परिवादी के अधिवक्ता एडवोकेट अशोक चौधरी ने बताया कि पुलिस ने परिवाद पर आदेश होने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस पर परिवादी की ओर से अदालत में दोबारा से प्रार्थना पत्र पेश किया।
इसके बाद पुलिस ने गुरुवार को महापौर महेश विजय, पल्लवी, अजय व अनुज के खिलाफ धारा 306, 384, 386, 406, 409, 420, 467, 468, 471, 500, 504, 506 व 120 बी में मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच उप निरीक्षक ओम प्रकाश शर्मा कर रहे हैं।
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