पाली सनसनीखेज!! दोस्त को जिंदा दफनाया, 18 घंटे बाद जिंदा निकला
पाली. दोस्त को फ्लेट की रजिस्ट्री करवाने के बहाने बुलाकर उसे पहले से एक मकान में खोदे खड्ढे में जिंदा दफना दिया। जिससे की वह मर जाए और फ्लेट के लिए ले रखे 26 लाख रुपए उसे वापस न देने पड़े। लेकिन युवक ने संघर्ष करते हुए करीब 18 घंटे बाद खड्ढे से जिंदा निकल गया और किसी से फोन लेकर घरवालों को घटना की जानकारी देकर मौके पर बुलाया तब जाकर इस घटनाक्रम का खुलासा हुआ। मामले की जानकारी मिलते ही परिजनों व ग्रामीणों ने आरोपित युवक से जमकर मारपीट की। पुलिस ने हत्या के प्रयास, अमानत में खयानत, बंधक बनाकर रखने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया। फालना के कार्यवाहक थानाप्रभारी सज्जनसिंह ने बताया कि फालना नेहरू कॉलोनी निवासी महिपालसिंह पुत्र नैनसिंह ने पर्चा बयान दिया कि फालना के स्वर्ण मंदिर के निकट एक बहुमंजिला इमारत में उसने अपने दोस्त कोट बालियान हाल फालना निवासी कन्हैयालाल पुत्र लच्छीराम सुथार से 32 लाख में दो फ्लेट खरीद रखे थे। इसके बदले अभी तक उसे 26 लाख रुपए दे दिए, लेकिन पिछले दो वर्ष से रजिस्ट्री करवाने के लिए आरोपित उन्हें चक्कर कटवाता रहा। रविवार दोपहर करीब सवा एक बजे कन्हैयालाल सुथार ने फोन कर फ्लेट की रजिस्ट्री करवाने के लिए एसबीबीजे बैंक के पास बुलाया। स्कूटी पर बिठाकर रजिस्ट्री करवाने के लिए बाली ले गया। जहां दस्तावेज कोट बालियान पड़े होने की बात कहते हुए कोट बालियान स्थित मदनलाल जैन के मकान पर ले गया। आरोपित वहां पर फर्नीचर का कार्य करता था। योजना के तहत आरोपित ने पहले से ही मकान में करीब नौ-दस फीट गहरा खड्ढा खोद रखा था तथा उस पर लकड़ी की पतली फ्लाई रख रखी थी। मकान में जाने के बाद आरोपित ने महिपालसिंह को मोबाइल देने के बहाने अंदर बुलाया। वह जैसे ही अंदर गया।
खड्ढे के ऊपर रखी फ्लाई के टूटने से उसमें गिर गया। आरोपित ने उसे धक्का देकर खड्ढे में पूरा डाल दिया तथा ऊपर से मिट्टी डाल दी और खड्ढे पर लकड़ी की फ्लाई और पत्थर रख दिए। शाम करीब छह बजे तक आरोपित मकान के बाहर बैठा रहा। इधर महिपालसिंह के परिजन उसे ढूंढते में जुटे रहे। आरोपित के पास फोन आया तो उसने कहा कि उसे महिपाल के बारे में कोई जानकारी नहीं है और स्वयं उनके साथ उसे ढूंढने में जुटा रहा, लेकिन इधर खड्ढे में गिरे महिपाल ने हिम्मत नहीं हारी और खड्ढे की कच्ची दीवारों को नाखून से छोटे-छोटे खड्ढे किए और उसमें पैर रखते हुए ऊपर तक पहुंचा और जोर लगाकर फ्लाई हटाई और सोमवार सुबह करीब नौ बजे (करीब 18 घंटे बाद) बाहर निकला। मकान का ताला लगा होने के कारण वह छत पर खड़ा हो गया। उधर से गुजर रहे एक व्यक्ति के मोबाइल से परिजनों को फोन करवा मौके पर बुलाया। तब जाकर इस सनसनीखेज वारदात का
खुलासा हुआ।
पाली. दोस्त को फ्लेट की रजिस्ट्री करवाने के बहाने बुलाकर उसे पहले से एक मकान में खोदे खड्ढे में जिंदा दफना दिया। जिससे की वह मर जाए और फ्लेट के लिए ले रखे 26 लाख रुपए उसे वापस न देने पड़े। लेकिन युवक ने संघर्ष करते हुए करीब 18 घंटे बाद खड्ढे से जिंदा निकल गया और किसी से फोन लेकर घरवालों को घटना की जानकारी देकर मौके पर बुलाया तब जाकर इस घटनाक्रम का खुलासा हुआ। मामले की जानकारी मिलते ही परिजनों व ग्रामीणों ने आरोपित युवक से जमकर मारपीट की। पुलिस ने हत्या के प्रयास, अमानत में खयानत, बंधक बनाकर रखने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया। फालना के कार्यवाहक थानाप्रभारी सज्जनसिंह ने बताया कि फालना नेहरू कॉलोनी निवासी महिपालसिंह पुत्र नैनसिंह ने पर्चा बयान दिया कि फालना के स्वर्ण मंदिर के निकट एक बहुमंजिला इमारत में उसने अपने दोस्त कोट बालियान हाल फालना निवासी कन्हैयालाल पुत्र लच्छीराम सुथार से 32 लाख में दो फ्लेट खरीद रखे थे। इसके बदले अभी तक उसे 26 लाख रुपए दे दिए, लेकिन पिछले दो वर्ष से रजिस्ट्री करवाने के लिए आरोपित उन्हें चक्कर कटवाता रहा। रविवार दोपहर करीब सवा एक बजे कन्हैयालाल सुथार ने फोन कर फ्लेट की रजिस्ट्री करवाने के लिए एसबीबीजे बैंक के पास बुलाया। स्कूटी पर बिठाकर रजिस्ट्री करवाने के लिए बाली ले गया। जहां दस्तावेज कोट बालियान पड़े होने की बात कहते हुए कोट बालियान स्थित मदनलाल जैन के मकान पर ले गया। आरोपित वहां पर फर्नीचर का कार्य करता था। योजना के तहत आरोपित ने पहले से ही मकान में करीब नौ-दस फीट गहरा खड्ढा खोद रखा था तथा उस पर लकड़ी की पतली फ्लाई रख रखी थी। मकान में जाने के बाद आरोपित ने महिपालसिंह को मोबाइल देने के बहाने अंदर बुलाया। वह जैसे ही अंदर गया।
खड्ढे के ऊपर रखी फ्लाई के टूटने से उसमें गिर गया। आरोपित ने उसे धक्का देकर खड्ढे में पूरा डाल दिया तथा ऊपर से मिट्टी डाल दी और खड्ढे पर लकड़ी की फ्लाई और पत्थर रख दिए। शाम करीब छह बजे तक आरोपित मकान के बाहर बैठा रहा। इधर महिपालसिंह के परिजन उसे ढूंढते में जुटे रहे। आरोपित के पास फोन आया तो उसने कहा कि उसे महिपाल के बारे में कोई जानकारी नहीं है और स्वयं उनके साथ उसे ढूंढने में जुटा रहा, लेकिन इधर खड्ढे में गिरे महिपाल ने हिम्मत नहीं हारी और खड्ढे की कच्ची दीवारों को नाखून से छोटे-छोटे खड्ढे किए और उसमें पैर रखते हुए ऊपर तक पहुंचा और जोर लगाकर फ्लाई हटाई और सोमवार सुबह करीब नौ बजे (करीब 18 घंटे बाद) बाहर निकला। मकान का ताला लगा होने के कारण वह छत पर खड़ा हो गया। उधर से गुजर रहे एक व्यक्ति के मोबाइल से परिजनों को फोन करवा मौके पर बुलाया। तब जाकर इस सनसनीखेज वारदात का
खुलासा हुआ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें