सोमवार, 20 जून 2016

झालावाड पचपहाड़ जैसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो - जिला कलक्टर



झालावाड पचपहाड़ जैसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो - जिला कलक्टर

झालावाड 20 जून। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जिले की समस्त कार्यकारी ऐजेन्सियों को निर्देश दिये हैं कि रविवार को पचपहाड़ में तीन बच्चों की दुखद मृत्यु जैसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कार्यकारी ऐजेन्सियां एवं ठेकेदार पूर्ण सावधानी बरतें।

जिला कलक्टर आज जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्य की साप्ताहिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे इस तरह के गड्ढे न हों जिनमें पानी भरने से बच्चों के डूबने की आशंका हो जाए। जिला कलक्टर ने परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि वे वर्षाकाल में बच्चों को लाने ले जाने वाली बालवाहिनियों की सघन जांच करें तथा उन्हें पाबंद करें कि किसी नदी, नाले या रपट में बहते हुए पानी में बालवाहिनी को लेकर न जायें। इससे बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग को निर्देशित किया कि पिछले दिनों पड़ी तेज गर्मी के कारण जिन स्कूलों में पेयजल का स्रोत सूख गया है वहां तुरन्त समुचित व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में विभिन्न स्थलों से पेयजल के सेम्पल नियमित रूप से लेकर उनकी जांच करवायें तथा जल जनित रोगों की रोकथाम के लिये हर सम्भव उपाय करें। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी स्कूलों में पानी की टंकियों की अनिवार्य रूप से सफाई करवायें तथा स्कूलों में किचन गार्डनिंग को बढ़ावा दें। प्रत्येक बच्चा कम से कम एक पेड़ अपने स्कूल या गांव या घर के निकट लगाये और उसकी देखभाल करे।

जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पिछले दिनों जिले में आयोजित किये गये ग्रामीण उत्सवों में प्राप्त जनशिकायतों का त्वरित निस्तारण करें तथा उनकी प्रगति सम्पर्क पोर्टल पर अपडेट करें। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों तथा अर्द्धसरकारी संस्थाओं में विशेष योग्यजन के उपयोग के लिये रेम्प आवश्यक रूप से बनाये जाने चाहिए। जहां रेम्प बनवाने की आवश्यकता है उसकी सूची पीडब्ल्यूडी को उपलब्ध करवायें।

जिला कलक्टर ने बैठक में बताया कि चन्द्रभागा नदी की सफाई का काम निरन्तर चल रहा है तथा अब तक 15 हजार से अधिक डम्पर एवं ट्रेक्टर ट्राली गाद एवं मलबा निकाला जा चुका है। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग को निर्देश दिये कि वे स्कूलों से जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चों के अध्ययन प्रमाण पत्र प्राप्त कर उन्हें इस योजना की राशि उपलब्ध करवायें। जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से करवायें। जिले में अनुप्रति योजना का लाभ अधिक से अधिक युवाओं को मिले। उन्होंने कहा कि चन्द्रभागा नदी के पास लगभग 35 गाड़िया लुहारों के परिवार रहते हैं जिनके पास जमीन के पट्टे हैं इन गाड़िया लुहारों को मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवायें।

जिला कलक्टर ने जिले में अब तक 196 कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उपचार तथा 115 नन्द घर के एमओयू को कम बताते हुए कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर काम करें तथा कुपोषित बच्चों को पहचान कर उन्हें उपचार के लिये स्वास्थ्य केन्द्रों में लायें। इसी प्रकार आंगनवाड़ियों को नन्दघर योजना में गोद लेने के लिए भामाशाहों को प्रेरित करें। उन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में सरकारी अस्पतालों में अब तक 10 हजार 71 दर्ज किये गये प्रकरणों को अपर्याप्त बताया तथा समस्त पात्र लाभार्थी रोगियों को इस योजना का लाभ दिलवाने के लिए निर्देशित किया।

जिला कलक्टर ने जिले में संतरे की प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना की सम्भवनाओं का पता लगाने के लिये उद्यानिकी विभाग को निर्देशित किया तथा कहा कि कृषि विभाग जिले के कम से कम 1 लाख किसानों को खेती री बातां पत्रिका से जोड़ने का कार्य करे। यह पत्रिका केवल 1 रुपये में उपलब्ध करवाई जाती है। आज की बैठक में जिला आबकारी अधिकारी भवानी सिंह पालावत, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता कैलाशदान सांदू, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार जैन, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता आर.ए. त्रिवेदी, जयपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता एन.पी. गोयल, जिला परिवहन अधिकारी दिनेश सिंह सागर, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. अजीत शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र सिंह गौड़ तथा लक्ष्मण मालावत, उपनिदेशक कृषि कैलाश मीणा, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास श्रीमती रमा गौतम सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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