पाली में कैसे हुई फिल्म 'डॉली की डोली' जैसी वारदात
शादी के बाद कुछ दिन रहने के बाद यह अपने पति के घर से 50 हजार रुपए और सोने-चांदी के गहने लेकर फरार हो गई थी। थानाप्रभारी भुट्टाराम विश्नोई ने बताया कि धामली निवासी रूपाराम पुत्र पन्नाराम सीरवी ने वर्ष 2009 में रिपोर्ट दर्ज दी थी कि धामली निवासी गिरधारीराम पटेल, रायपुर निवासी बसंती उर्फ पसुबाई सीरवी, राजकोट निवासी रितेश उर्फ राजू भाई, पुरानपुरा निवासी संगीता, सिलमपुरा (मध्यप्रदेश) निवासी गयाबेन उर्फ दयाबेन, महाराष्ट्र निवासी ज्योति, सिलमपुरा (मध्यप्रदेश) ने एक लाख रुपए लेकर उसकी शादी 28 अगस्त 2009 को सिलमपुरा (मध्यप्रदेश) निवासी मनीषा उर्फ माया पुत्री जगनबाबा महार से करवाई। जो उसकी पत्नी बनकर घर पर रही। लेकिन कुछ दिनों बाद मौका देख कर पच्चास हजार रुपए व गहने लेकर भाग गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू करते हुए सभी आरोपितों को पकड़ लिया था। लेकिन मनीषा फरार चल रही थी। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर हैड कांस्टेबल मानसिंह कविया, कांस्टेबल आशाराम, हनुमानसिंह, रामकेश, शकुन्तला की टीम गठित कर फरार मनीषा की तलाश में मध्यप्रदेश भेजी। जिन्होंने मध्यप्रदेश के सिलमपुरा गांव से मनीषा उर्फ माया को गिरफ्तार किया तथा मारवाड़ लेकर आई।
बड़ा गिरोह है ठगों का
यह ठग गिरोह शहर में पहले भी कई बार इस प्रकार की वारदात कर चुका है। पाली शहर समेत जिले में एेसे कई मामले सामने आए जिनमें दलाल बाहर की लड़कियों से शादी करवाते हैं और बदले में मोटी रकम वसूलते हैं। इसके बाद वह दुल्हन भी चम्पत लगा कर फरार हो जाती है।
शादी के बाद कुछ दिन रहने के बाद यह अपने पति के घर से 50 हजार रुपए और सोने-चांदी के गहने लेकर फरार हो गई थी। थानाप्रभारी भुट्टाराम विश्नोई ने बताया कि धामली निवासी रूपाराम पुत्र पन्नाराम सीरवी ने वर्ष 2009 में रिपोर्ट दर्ज दी थी कि धामली निवासी गिरधारीराम पटेल, रायपुर निवासी बसंती उर्फ पसुबाई सीरवी, राजकोट निवासी रितेश उर्फ राजू भाई, पुरानपुरा निवासी संगीता, सिलमपुरा (मध्यप्रदेश) निवासी गयाबेन उर्फ दयाबेन, महाराष्ट्र निवासी ज्योति, सिलमपुरा (मध्यप्रदेश) ने एक लाख रुपए लेकर उसकी शादी 28 अगस्त 2009 को सिलमपुरा (मध्यप्रदेश) निवासी मनीषा उर्फ माया पुत्री जगनबाबा महार से करवाई। जो उसकी पत्नी बनकर घर पर रही। लेकिन कुछ दिनों बाद मौका देख कर पच्चास हजार रुपए व गहने लेकर भाग गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू करते हुए सभी आरोपितों को पकड़ लिया था। लेकिन मनीषा फरार चल रही थी। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर हैड कांस्टेबल मानसिंह कविया, कांस्टेबल आशाराम, हनुमानसिंह, रामकेश, शकुन्तला की टीम गठित कर फरार मनीषा की तलाश में मध्यप्रदेश भेजी। जिन्होंने मध्यप्रदेश के सिलमपुरा गांव से मनीषा उर्फ माया को गिरफ्तार किया तथा मारवाड़ लेकर आई।
बड़ा गिरोह है ठगों का
यह ठग गिरोह शहर में पहले भी कई बार इस प्रकार की वारदात कर चुका है। पाली शहर समेत जिले में एेसे कई मामले सामने आए जिनमें दलाल बाहर की लड़कियों से शादी करवाते हैं और बदले में मोटी रकम वसूलते हैं। इसके बाद वह दुल्हन भी चम्पत लगा कर फरार हो जाती है।
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