शनिवार, 8 फ़रवरी 2014

ख़ास खबर बाड़मेर सरहद पर मदरसो के तालिबानी फरमान ,ख़ुफ़िया तंत्र हुआ सतर्क

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बाड़मेर सरहद पर मदरसो के तालिबानी फरमान ,ख़ुफ़िया तंत्र हुआ सतर्क

महिलाए न बाज़ार जाये न ही मोबाईल रखे


चन्दन सिंह भाटी

बाड़मेर भारत पाकिस्तान सरहद पर बसे पश्चिमी राजस्थान के सरहदी अल्पसंख्यक बाहुल्य गाँवो में तालिबानी और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनो कि तर्ज पर मदरसा संचालको ने महिलाओ को लेकर फतवा जारी किया हें.फतवा जारी होने के बाद से जिले का सुरक्षा और खुफिया तंत्र सक्रीय हो गया।


खुफिया एजेंसियो से मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले के सरहदी गाँवो में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनो के प्रभाव से मदरसा संचालको ने अहम् बैठक गागरिया गाँव में रख जिले कि मुस्लिम महिलाओ को लेकर फतवा जारी किया हें ,फतवा में लिखा हें कि क्षेत्र कि मुस्लिम महिलाए किसी भी सूरत में बाज़ार नहीं जायेगी ,यदि बहुत ही ज्यादा जरुरी हें तो अपने साथ अपने नज़दीकी रिश्तेदार पिटा या भाई को साथ लेकर जाएंगी। इसी तरह एक और फरमान जरी किया कि महिलाए अपने पास मोबाई;ल नहीं रखेगी। महिलाओ के मोबाईल इस्तेमाल पर पाबंदी का फरमान जरी किया हें। साथ ही महिलाओ को घरो से बाहर आने कि स्थति ने बुर्का पहन कर निकलने का फरमान जारी किया हें। 

खुफिया एजेंसी को मिले फतवे के मजमे में गगरिया मदरसा संचालक मौलाना हबीब के दस्तखत हें। खुफिया एजेंसियो का मानना हें कि बाड़मेर के गाँवो में तालिबानी समर्थक मुस्लिम धर्म के जरिये कट्टरता का सन्देश दे रहे हेह जो सरहद कि सुरक्षा के लिए घटक हें। उल्लेखनीय हें बाड़मेर जिले में वेध अवैध रूपसे कोई छह सौ से अधिक मदरसो का सञ्चालन हो रहा हें जबकि पांच साल पहले मदरो कि संख्या कोई डेढ़ सौ के करीब थी।
बाड़मेर जिले में कोई पांच लाख सिंधी मुस्लिम रहते हें ,सिंधी मुस्लिम कट्टरपंथी नहीं हें उनके कई रीती रिवाज हिन्दुओ के सम्मान हें। मगर पिछले कई सालो से सिंधी मुस्लिमो को कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा हें। इससे बढ़के अब सरहदी क्षेत्रो में सक्रीय कट्टरपंथी संगठन फतवो के फरमान जारी कर आम मुस्लिमो में खौफ पैदा कर रहे हें।

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