नई दिल्ली। रक्षक से भक्षक बनने का दिल्ली पुलिस से बेहतरीन उदाहरण कोई नहीं हो सकता। एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली में 100 से अधिक पुलिसवालों पर रेप और महिलाओं से छेड़छाड़ के केस चल रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता राजहंस बंसल द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं कि दुष्कर्म जैसे आरोपों के बावजूद अधिकतर अभियुक्त पुलिसवालों को जमानत मिल गई है और वे अभी भी पुलिस की नौकरी कर रहे हैं। जब इन्हीं पुलिसवालों को किसी दुष्कर्म की जांच सौंपी जाएगी तो क्या आप विश्वास कर पाएंगे कि निष्पक्ष जांच होगी या पीडित लड़की के साथ फिर से एक बार मानसिक, शारीरिक या भावनात्मक बलात्कार नहीं किया जाएगा।
आरटीआई के जवाब में यह भी सामने आया कि लगभग 70 पुलिसवाले रेप के आरोपी हैं जबकि बाकी पर छेड़छाड़ और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप है। दिल्ली पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 2009 से 2013 के बीच में पुलिसकर्मियों द्वारा रेप की घटनाओं में बहुत तेज वृदि्ध हुई है।
घटना का दुखद पहलू यह है कि इतने आरोपों के बावजूद पिछले वर्ष सिर्फ दो पुलिसमैन को ही सस्पेंड कर अरेस्ट किया गया जबकि बाकी सभी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।
गिरफ्तार दोनों अभियुक्त कांस्टेबल अमित तोमर तथा गुरजिन्दर सिंह एक नार्थवेस्ट दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी हैं। इनमें से अमित तोमर को तीन नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोपी पाया गया है।
इन दोनों के अलावा दो सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ भी पिछले वर्ष दुष्कर्म के आरोप दाखिल किए गए थे। घटनाक्रम को और दुखद बनाते हुए हाल ही में एक सब-इन्सपेक्टर पर एक 19 वर्षीय लड़की से रेप करने का आरोप लगा है। आरोपी सब-इन्सपेक्टर अभी फरार चल रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजहंस बंसल द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं कि दुष्कर्म जैसे आरोपों के बावजूद अधिकतर अभियुक्त पुलिसवालों को जमानत मिल गई है और वे अभी भी पुलिस की नौकरी कर रहे हैं। जब इन्हीं पुलिसवालों को किसी दुष्कर्म की जांच सौंपी जाएगी तो क्या आप विश्वास कर पाएंगे कि निष्पक्ष जांच होगी या पीडित लड़की के साथ फिर से एक बार मानसिक, शारीरिक या भावनात्मक बलात्कार नहीं किया जाएगा।
आरटीआई के जवाब में यह भी सामने आया कि लगभग 70 पुलिसवाले रेप के आरोपी हैं जबकि बाकी पर छेड़छाड़ और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप है। दिल्ली पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 2009 से 2013 के बीच में पुलिसकर्मियों द्वारा रेप की घटनाओं में बहुत तेज वृदि्ध हुई है।
घटना का दुखद पहलू यह है कि इतने आरोपों के बावजूद पिछले वर्ष सिर्फ दो पुलिसमैन को ही सस्पेंड कर अरेस्ट किया गया जबकि बाकी सभी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।
गिरफ्तार दोनों अभियुक्त कांस्टेबल अमित तोमर तथा गुरजिन्दर सिंह एक नार्थवेस्ट दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी हैं। इनमें से अमित तोमर को तीन नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोपी पाया गया है।
इन दोनों के अलावा दो सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ भी पिछले वर्ष दुष्कर्म के आरोप दाखिल किए गए थे। घटनाक्रम को और दुखद बनाते हुए हाल ही में एक सब-इन्सपेक्टर पर एक 19 वर्षीय लड़की से रेप करने का आरोप लगा है। आरोपी सब-इन्सपेक्टर अभी फरार चल रहा है।
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