शनिवार, 7 दिसंबर 2013

एक्सक्लूसिव। .... मानवेन्द्र सिंह और हरीश चौधरी कि प्रतिष्ठा दांव पर ?कल होगा फैसला

एक्सक्लूसिव। .... मानवेन्द्र सिंह और हरीश चौधरी कि प्रतिष्ठा दांव पर ?कल होगा फैसला


बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जैसलमेर कि नौ विधानसभा सीटो के परिणाम बाड़मेर जिले के दो युवा नेताओ पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह और सांसद हरीश चौधरी कि प्रतिष्ठा तय करेगी। भाजपा ने दो जिले कि सभी नौ सीटो पर मानवेन्द्र सिंह और कांग्रेस ने सांसद हरीश चौधरी को प्रभारी बनाया था। चूँकि मानवेन्द्र सिंह स्व्यं शिव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हें।


भाजपा ने इस बार पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह पर भरोसा किया तथा नौ सीटो पर जीत कि जिम्मेदारी उन्हें दी। प्रथम चरण में टिकट बंटवारे के बाद उन्होंने जैसलमेर में सांग सिंह का नामांकन वापस दिलाया साथ ही बायतु के वरिष्ठ नेता बालाराम मूंढ को सक्रीय कर सफलता हासिल कि साथ ही उनके प्रयासो से बाड़मेर में जाट मतदाताओ सहित अनुसूचित जाती जन जाती का ध्रुवीकरण करने में भी उन्हें सफलता मिली ,मानवेन्द्र सिंह के कारण बड़ी संख्या में मुस्लिम वर्ग भी भाजपा से जुड़ा ,क्षेत्र में भाजपा को राजपूत जाट ध्रुवीकरण उनकी बड़ी सफलता हें ,. इस ध्रुवीकरण के कारन भाजपा को सभी सीटो पर फायदा हुआ या नहीं यह परिणाम के बाद पता चलेगा ,खुद मानवेन्द्र ने शिव से मुस्लिम दिग्गज नेता अमिन खान को कड़ी टक्कर दी हें व् कांग्रेस के परंपरागत समीकरण तहस नहस कर दिए ,उन पर शिव के अलावा सभी आठ सीटे जिताने कि जिम्मेदारी हें। इसमे कितने सफल होंगे यह कल तय होगा। अगर भाजपा सात आठ सीटे जीत जाती हें तो जीत का सेहरा यकीनन मानवेन्द्र सिंह के सर पर बंधेगा और राजस्थान कि राजनीती में उनका कद बढ़ेगा


कांग्रेस ने बाड़मेर जैसलमेर कि जिम्मेदारी सांसद हरीश चौधरी को दी थी ,हरीश चौधरी पहले फेर में जिले कि टिकटों कि दुविधा में थे ,उन्होंने सिवाना में महंत निर्मलदास और जैसलमेर से राजपूत का टिकट काट कर रूपाराम धंदे पर विश्वास जताया ,जबकि यह दोनों क्षेत्र राजपूतो के परंपरागत क्षेत्र हें ,सांसद कि दखलंदाजी के कारन टिकते बदलनी पड़ी। पचपदरा में कांग्रेस के विरोध के बावजूद मदन प्रजापत को टिकट दिलाना ,शिव से हादी परिवार कि बहु शम्मा खान कि टिकट कट कर अमिन खान को दिलाना ,वरिष्ट नेता हेमाराम चौधरी के सिवाना में कलबी जाती के प्रत्यासी को टिकट देने कि मांग कि अनदेखी ,बहुत सरे निर्णयो पर सांसद कि भूमिका रही हें ,विधानसभा चुनावो के दौरान कांग्रेस प्रत्यासियो के लिए प्रचार प्रसार में उनके द्वारा कई सभाओ का आयोजन किया गया ,उन पर कांग्रेस ने भरोसा किया इस भरोसे पर वो कितना खरा उतरेंगे यह रविवार को तय होगा। इतना तय हे इन चुनावो में इन दोनों दिग्गजों में से एक को शाबासी और दूसरे के हिस्से में नाकामी आणि तय हें।


--

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें