बाड़मेर कि सभी विधानसभा सीटो पर घमाशान शुरू
सभी सात सीटो पर घमाशान जोर आज़माईश दोनों दलों की
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जिले कि सभी सातो विधानसभा सीटो पर कांग्रेस भाजपा में आमने सामने घमाशान शुरू हो गया। चुनाव आयोग कि सख्ती के चलते शहरो और गाँवो में होर्डिंग्स बेनर्स पोस्टर्स गायब हें ,चौपालो और हथाइयो में सिर्फ चुनाव कि चर्चा हें। उम्मीदवारो और पार्टी के गुणो के साथ लोगो का नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का रुझान साफ़ दिखाई देता हें। लोग पहली बात मोदी से शुरू करते हें फिर उम्मीदवार के गुण अवगुण पर। बाड़मेर जिले कि सभी सीटो में से पचपदरा में त्रिकोणीय स्थति बनी हें बाकि छह सीटो पर सीढ़ी टक्कर हें। कोई प्रभावशाली बागी या निर्दलीय मैदान में नहीं जो पार्टी उम्मीदवारो को चुनौती दे सके
बाड़मेर बाड़मेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के मेवाराम और भाजपा कि डॉ प्रियंका चौधरी आमने सामने हें। पांच साल के कार्यकाल में कि गयी गलतियों का खामियाजा कांग्रेस उम्मीदवार को उठाना पद रहा हें। विभिन समाजो और प्रभावशाली लोगो कि खिलाफत के चलते कांग्रेस उम्मीदवार संकट में हें। बाड़मेर के लोकप्रिय उद्योगपति तन सिंह चौहान के भाजपा के पक्ष में खुले आने से कांग्रेस कि बेचैनी बढ़ी हें वाही जाट राजपूत गठजोड़ भी कांग्रेस को टेंसन दे रहा हें।
बायतु। बायतु से कांग्रेस के कर्नल सोनाराम चौधरी और भाजपा के कैलाश चौधरी के बीच सीढ़ी टक्कर हें ,यंहा कर्नल का विशाल राजनितिक व्यक्तित्व भाजपा पर भरी दिख रहा हें मगर नामांकन के समय कर्नल के समर्थन में आये लोगो से कैलाश चौधरी ने दुगुनी भीड़ जुटा कर चुनौती दे डाली हें ,रिफायनरी बायतु में नहीं लगा पाने का सर भी कर्नल के वोट बेंक पर पडेगा साथ ही स्थानीय जाट नेता कर्नल से खुनस खाये हे उन्हें कर्नल को निपटने का मौका मिला हें। चर्चा हे बाड़मेर के जाट नेता कर्नल के खिलाफ लामबंद हो गए हें
शिव। . शिव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के अमिन खान का मुकाबला भाजपा के मानवेन्द्र सिंह के साथ हें। मानवेन्द्र सिंह ने नामांकन में अच्छी खासी भीड़ जिसमे अल्पसंख्यको का जबर्दस्त समर्थन कर अमिन खान पर दबाव बढ़ा दिया। मवेन्द्र सिंह और उनके पिता जसवंत सिंह का मुस्लिम समुदाय पर बेहतर पकड़ हें। प्रारंभिक दौर में मानवेन्द्र ने कांग्रेस के वोट बेंक जाट और मुस्लिमो के साथ अनुसूचित जाती वर्ग का समर्थन हासिल कर सेंध लगाने में सफल हो गए हें। शिव के पूर्व विधायक जलम सिंह रावलोत ने भी परचा भरा था मगर उन्होंने पार्टी हित में नामांकन वापस लेकर भाजपा को बड़ी बढ़त कि तरफ मोड़ दिया। क्षेत्र में माहौल भाजपा के पक्ष में हें। अमिन खान अपने ही लोगो को समझने में जूट हें अमिन खान अपने ब्रह्मास्त्र मुस्लिम धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर का असफल प्रयोग कर चुके हें गाज़ी फ़क़ीर के दौरे से अमिन खान को फायदा होता नहीं दिख रहा
चौहटन सरहदी चौहटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल और भाजपा के तरुण कागा की सीढ़ी टक्कर हें ,गाहे बगाहे निर्दलीय और छोटी पार्टियो के निस्प्रभावी उम्मीदवार भी मैदान में हें। तरुण कागा को इस बार जाट समुदाय और मुस्लिम के समर्थन से मजबूत हो गए वाही अन्य समाजो का भी उन्हें समर्थन हासिल हो रहा हें। कांग्रेस प्रत्यासी पदमाराम पांच साल कि विधायकी का जवाब देने में जूट हें। पदमाराम पर अब्दुल हादी परिवार के रबर स्टम्प का ठप्पा लगा हें जो असर दिखा रहा हें। हादी परिवार पदमाराम के लिए जीतनी अधिक म्हणत करेंगे उन्हें उतना ही अधिक फायदा होगा।
सिवाना दो धड़ो में बनती कांग्रेस कि वजह से भाजपा प्रत्यासी हमीर सिंह भायल ने कांग्रेस के बाहरी प्रत्यासी महंत निर्मल दस पर हें नामांकन के समय हमीर सिंह के साथ उमड़े जन सैलाब ने सिवाना कि चुनावी फिजा का रुख बदल दिया ,महंत निर्मलदास अपने घर को मानाने में जूट हें कांग्रेस से कलबी छिटक गए राजपूत लामबंद हो गए उनके खिलाफ ,स्थानीय उम्मीदवार को टिकट नहीं देना कांग्रेस को भरी पड़े तो कोई आस्चर्य नहीं प्रारंभिक स्थति में महँ जहा कांग्रेस्सियो को मानाने में ऊर्जा लगा रहे वाही भाजपा क्षेत्र में अपने प्रचार में जुटी हें
पचपदरा सिवाना जैसी हालत पचपदरा कि हें कांग्रेस ने स्थानीय कांग्रेस कमिटी के विरोध के बावजूद वर्त्तमान विधायक मदन प्रजापत को टिकट दिया विरोध में स्थानीय कांग्रेस ने अब्दुल को मैदान में उतर कांग्रेस उम्मीदवार को संकट में , भाजपा ने चौधरी को मैदान में उतरा हे जो समानजनक स्थति में हें। कांग्रेस आपस में उलझी हें। भाजपा कि नामांकन सभा में उमड़ी भीड़ ने रामबाण का कम किया हें
गुड़ा मलानी जिले कि जाट सीट गुड़ा में इस बार बदले हालत को राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने पहले भांप लिया। चुनाव लड़ने से मना कर सियासी हलके में खलबली मचा दी। राहुल गांधी के आग्रह पर चुनाव लड़ने को राजी हुए हेमाराम का मुकाबला चिर परिचित प्रतिद्वंदी भाजपा के लादूराम विश्नोई से। हे। कांग्रेस ने सिवाना में कलबी जाती के दावेदार को टिकट न देकर करीब बीस हज़ार कल्बियो को नाराज़ कर लिया। साथ बार राणा का मानस बदला बदला नज़र रहा हें। सीधे मुकाबले में कागज़ो पर कांग्रेस भले ही भारी नज़र आती हो मगर धरातल पर डरी हुई नज़र आ रही हें। दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा
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