नागौर। मारवाड़ की राजनीति में अहमियत रखने वाले नागौर जिले की सभी दस विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। नागौर, खींवसर और मकराना में बागियों ने ताल ठोक कर भाजपा और कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। दोनों ही पार्टियों ने सारे समीकरणों का आकलन कर प्रत्याशी घोषित किए थे। सबसे ज्यादा दिक्कत कांग्रेस से बागी हुए हरेन्द्र मिर्धा दोनों ही पार्टियों के लिए खड़ी कर सकते हैं।
विरासत के नाम पर मना रहे
नागौर से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से खफा नामांकन दाखिल करने वाले पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा पर नाम दबाव बनाया जा रहा है। दिल्ली के नेता उनसे सम्पर्क कर अपने पिता रामनिवास मिर्धा और ससुर परसराम मदेरणा की विरासत का हवाला दे रहे हैं।
खेल बिगाड़ने वाले और भी हैं बागी
मकराना के अब्दुल अजीज और नागौर के नवीन मंडा सहित अन्य बागियों को भी मनाने के जतन किए जा रहे हैं। भाजपा के बागी नवीन मंडा तो बसपा का टिकट लाकर मैदान में डट गए हैं। खींवसर विधान सभा सीट पर भाजपा से निष्कासित मौजूदा विधायक हनुमान बेनीवाल ने निर्दलीय नामांकन भर दिया था। खींवसर में इस बार पूर्व प्रधान राजेन्द्र फिडौदा को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। मकराणा में कांग्रेस से विधायक रहे अब्दुल अजीज बागी बन चुनौती दे रहे हैं तो भाजपा के भंवर लाल राजपुरोहित भी बागी बन गए हैं। जायल सीट पर भाजपा के मदन मेघवाल पहले ही इस्तीफा भेज अपने मंसूबे जाहिर कर चुके हैं तो मेड़ता में पांचाराम इन्द्रावड़ कांग्रेस प्रत्याशी के लिए परेशानी खड़ी करेंगे।
मुद्दों की किसी को नहीं सुध
क्षेत्र में मीठे पानी की समस्या, नावां में नमक उद्योग के पुर्नजीवन की मांग, मकराणा में रेल की मांग और डीडवाणा, परबतसर को जिला बनाने की मांग लंबित है। अब तक किसी पार्टी ने इन पर ध्यान नहीं दिया है।
मुझे जनता ने चुनाव मैदान में उतारा है। मैं जनता के लिए चुनाव लड़ूंगा। मैं किसी प्रेशर में नहीं आने वाला हूं। बातचीत का दौर और गुंजाइश अब खत्म हो गई है। कांग्रेस ने मेरे परिवार के साथ ठीक नहीं किया।
हरेंद्र मिर्धा, नागौर से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी
विरासत के नाम पर मना रहे
नागौर से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से खफा नामांकन दाखिल करने वाले पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा पर नाम दबाव बनाया जा रहा है। दिल्ली के नेता उनसे सम्पर्क कर अपने पिता रामनिवास मिर्धा और ससुर परसराम मदेरणा की विरासत का हवाला दे रहे हैं।
खेल बिगाड़ने वाले और भी हैं बागी
मकराना के अब्दुल अजीज और नागौर के नवीन मंडा सहित अन्य बागियों को भी मनाने के जतन किए जा रहे हैं। भाजपा के बागी नवीन मंडा तो बसपा का टिकट लाकर मैदान में डट गए हैं। खींवसर विधान सभा सीट पर भाजपा से निष्कासित मौजूदा विधायक हनुमान बेनीवाल ने निर्दलीय नामांकन भर दिया था। खींवसर में इस बार पूर्व प्रधान राजेन्द्र फिडौदा को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। मकराणा में कांग्रेस से विधायक रहे अब्दुल अजीज बागी बन चुनौती दे रहे हैं तो भाजपा के भंवर लाल राजपुरोहित भी बागी बन गए हैं। जायल सीट पर भाजपा के मदन मेघवाल पहले ही इस्तीफा भेज अपने मंसूबे जाहिर कर चुके हैं तो मेड़ता में पांचाराम इन्द्रावड़ कांग्रेस प्रत्याशी के लिए परेशानी खड़ी करेंगे।
मुद्दों की किसी को नहीं सुध
क्षेत्र में मीठे पानी की समस्या, नावां में नमक उद्योग के पुर्नजीवन की मांग, मकराणा में रेल की मांग और डीडवाणा, परबतसर को जिला बनाने की मांग लंबित है। अब तक किसी पार्टी ने इन पर ध्यान नहीं दिया है।
मुझे जनता ने चुनाव मैदान में उतारा है। मैं जनता के लिए चुनाव लड़ूंगा। मैं किसी प्रेशर में नहीं आने वाला हूं। बातचीत का दौर और गुंजाइश अब खत्म हो गई है। कांग्रेस ने मेरे परिवार के साथ ठीक नहीं किया।
हरेंद्र मिर्धा, नागौर से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी
Mirdha ji jato ki nak ka sawal hai neet sure hogi
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