मुंबई। वानखेड़े स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए ऎतिहासिक मैच में जीत के तोहफे के साथ क्रिकेट के "भगवान" सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को अलविदा कर दिया। टेस्ट मैच के तीसरे दिन भी टीम इंडिया का प्रदर्शन मास्टर ब्लास्टर की मौजूदगी में उत्साह से लबरेज रहा और लंच ब्रेक से पहले पूरी वेस्टइंडीज टीम को पैवेलियन लौटा दिया।
वेस्टइंडीज महज 187 रन जोड़ पाई और भारत ने मैच पारी और 126 रनों से जीत लिया। इंडीज के बल्लेबाजों को छकाने वाले गेंदबाजों में प्रज्ञान ओझा और अश्विन के साथ खुद सचिन तेंदुलकर भी शामिल हुए।
फिरकी गेंदबाजों ने बरपाया कहर
मैच के तीसरे दिन इंडीज बल्लेबाज प्रज्ञान ओझा और आर अश्विन की फिरकी से नहीं बच पाए। इंडीज का 9वां विकेट अश्विन ने शिलिंगफोर्ड(08) को पगबाधा आउट कर गिराया। इससे पहले 8वां विकेट सैमी के रूप में गिरा। सैमी को 1 रन के निजी स्कोर पर ओझा ने पगबाधा आउट किया। इससे पहले ओझा के लगातार तीन लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद 7वां विकेट(चंद्रपॉल) आर अश्विन ने चटका। 41 रन के निजी स्कोर पर खेल रहे चंद्रपॉल को अश्विन ने पगबाधा आउट किया। इससे पूर्व सैमअल्स(11) और क्रिस गेल(35) को ओझा ने जहां विकेट के पीछे धोनी के हाथों आउट करवाया वहीं देवनारायण(0) को अपनी ही गेंद पर कैच आउट कर दिया। मैच का आखिरी विकेट(ग्रेबियल) मोहम्मद शमी ने चटका।
धोनी ने लपके दो विकेट
कप्तान धोनी ने विकेट के पीछे शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रज्ञान ओझा की गेंद पर सैमुअल्स और क्रिस गेल के कैच लपके। सैमुअल्स 11 रन और गेल 35 रन बनाकर आउट हुए।
उल्लेखनीय है कि पहली पारी में 313 रनों से पिछड़ चुकी कैरेबियाई टीम ने तीसरे दिन 43 रनों से आगे खेलना शुरू किया था।
विदाई मैच डे-2: सचिन की 74 रनों की शानदार पारी
मैच का दूसरा दिन पूरी तरह से सचिन के नाम रहा। मास्टर ब्लास्टर ने शानदार 74 रनों की पारी खेली। अपनी इस शानदार पारी की बदौलत सचिन ने यह साबित कर दिया है कि वह करियर में अब तक चैम्पियन थे, चैम्पियन बने रहे और एक चैम्पियन की ही तरह मैदान से विदा हो रहे हैं।
विदाई मैच डे-1 : इंडीज को 182 पर समेटा,सचिन रहे नाबाद
टॉस जीतकर भारत ने पहले गेंदबाजी करते हुए रविचंद्रन अश्विन (45 रन पर तीन विकेट) और प्रज्ञान ओझा (40 रन पर पांच विकेट) की घातक गेंदबाजी की बदौलत वेस्टइंडीज को पहली पारी में मात्र 182 रनों पर लुढका दिया था। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने सचिन (नाबाद 38) और पुजारा (नाबाद 34) की शानदार 80 रनों की साझेदारी की बदौलत 157 रन बनाए थे।
वेस्टइंडीज महज 187 रन जोड़ पाई और भारत ने मैच पारी और 126 रनों से जीत लिया। इंडीज के बल्लेबाजों को छकाने वाले गेंदबाजों में प्रज्ञान ओझा और अश्विन के साथ खुद सचिन तेंदुलकर भी शामिल हुए।
फिरकी गेंदबाजों ने बरपाया कहर
मैच के तीसरे दिन इंडीज बल्लेबाज प्रज्ञान ओझा और आर अश्विन की फिरकी से नहीं बच पाए। इंडीज का 9वां विकेट अश्विन ने शिलिंगफोर्ड(08) को पगबाधा आउट कर गिराया। इससे पहले 8वां विकेट सैमी के रूप में गिरा। सैमी को 1 रन के निजी स्कोर पर ओझा ने पगबाधा आउट किया। इससे पहले ओझा के लगातार तीन लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद 7वां विकेट(चंद्रपॉल) आर अश्विन ने चटका। 41 रन के निजी स्कोर पर खेल रहे चंद्रपॉल को अश्विन ने पगबाधा आउट किया। इससे पूर्व सैमअल्स(11) और क्रिस गेल(35) को ओझा ने जहां विकेट के पीछे धोनी के हाथों आउट करवाया वहीं देवनारायण(0) को अपनी ही गेंद पर कैच आउट कर दिया। मैच का आखिरी विकेट(ग्रेबियल) मोहम्मद शमी ने चटका।
धोनी ने लपके दो विकेट
कप्तान धोनी ने विकेट के पीछे शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रज्ञान ओझा की गेंद पर सैमुअल्स और क्रिस गेल के कैच लपके। सैमुअल्स 11 रन और गेल 35 रन बनाकर आउट हुए।
उल्लेखनीय है कि पहली पारी में 313 रनों से पिछड़ चुकी कैरेबियाई टीम ने तीसरे दिन 43 रनों से आगे खेलना शुरू किया था।
विदाई मैच डे-2: सचिन की 74 रनों की शानदार पारी
मैच का दूसरा दिन पूरी तरह से सचिन के नाम रहा। मास्टर ब्लास्टर ने शानदार 74 रनों की पारी खेली। अपनी इस शानदार पारी की बदौलत सचिन ने यह साबित कर दिया है कि वह करियर में अब तक चैम्पियन थे, चैम्पियन बने रहे और एक चैम्पियन की ही तरह मैदान से विदा हो रहे हैं।
विदाई मैच डे-1 : इंडीज को 182 पर समेटा,सचिन रहे नाबाद
टॉस जीतकर भारत ने पहले गेंदबाजी करते हुए रविचंद्रन अश्विन (45 रन पर तीन विकेट) और प्रज्ञान ओझा (40 रन पर पांच विकेट) की घातक गेंदबाजी की बदौलत वेस्टइंडीज को पहली पारी में मात्र 182 रनों पर लुढका दिया था। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने सचिन (नाबाद 38) और पुजारा (नाबाद 34) की शानदार 80 रनों की साझेदारी की बदौलत 157 रन बनाए थे।
बहा नाक से खून पर, जमा पाक में धाक |
जवाब देंहटाएंचौबिस वर्षों तक जमा, रहा जमाना ताक |
रहा जमाना ताक, टेस्ट दो सौ कर पूरे |
कर दे ऊँची नाक, बहा ना अश्रु जमूरे |
चला मदारी श्रेष्ठ, दिखाके करतब नाना |
ले लेता संन्यास, उम्र का करे बहाना |।
Excellent
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