रविवार, 6 अक्तूबर 2013

बाड़मेर बेक डेट में लोकार्पण का दिलचस्प मामला ,चुनाव आयोग की आँखों में धुल झोंकने का प्रयास

बेक डेट में लोकार्पण का दिलचस्प मामला ,चुनाव आयोग की आँखों में धुल झोंकने का प्रयास 
बाड़मेर विधायक पर आचार संहिता उलंघन का मामला ,उप खंड अधिकारी ने जाँच शुरू की 

बाड़मेर पंचायत समिति क्षेत्र के जाखड़ों की ढाणी ग्राम पंचायत में राप्रावि. फतेहपुरा के उप्रावि. में क्रमोन्नत होने पर आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में बाड़मेर जिले के कई जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। हालांकि लोकार्पण समारोह में अधिकारियों ने बड़ी समझदारी दिखाई। अनावरण पट्टिका पर एक दिन पूर्व की तारीख (4 सितंबर 2013) लिखवाई गई है। लेकिन लोकार्पण कार्यक्रम शनिवार को आयोजित हुआ है। आचार संहिता के उल्लंघन के इस मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से मामले की जांच उप खंड अधिकारी बाड़मेर को सौंप दी हें। बेक डेट में लोकार्पण का पहला मामला सामने आया हें अब तक सरकारी कार्यालयों में बेक डेट के काम होते थे 

जानकारी के अनुसार शनिवार को दोपहर 12 बजे नव क्रमोन्नत स्कूल का लोकार्पण समारोह था। जिसमें जिसमें बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, बीईईओ बाड़मेर मूलाराम बेरड, सरपंच हेमंत सारण सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। लेकिन स्कूल पर लगी अनावरण पट्टिका से विधायक ने दूरियां बनाए रखी और उसका अनावरण नहीं किया।

वहां आयोजित हुए कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सरकार की उपलब्धियों की जमकर प्रशंसा की। इस दौरान राजनीतिक कार्यक्रम में बाड़मेर बीईईओ मूलाराम बेरड सहित कई अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे। इस मामले की मीडिया को भनक लगने के बाद सभी सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधि लोकार्पण समारोह पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देने लगे।

सवाल ये है कि अगर राजनीतिक कार्यक्रम है तो वहां सरकारी कर्मचारी या अधिकारी तो शिरकत कर ही नहीं कर सकते है। अगर सरकारी अधिकारी लोकार्पण करते है और जनप्रतिनिधि राजनीतिक कार्यक्रम करते हंै तो भी आचार संहिता का उल्लंघन है।

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नेताओं पर रहेगी कैमरे की नजर 

जिला प्रशासन ने इस बार राजनीतिक दलों की हर गतिविधि को कैमरे की निगाह में रखने का निर्णय लिया है। कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए पर्याप्त संख्या में वीडियोग्राफर की व्यवस्था की जा रही है। अलग से सेल बनाया जा रहा है। आचार संहिता का पालन नहीं करने वालों को वीडियो सेल की नजर में रखा जाएगा। इसके अलावा राजनीतिक दलों की ओर से होने वाली सभा व अन्य आयोजन की जानकारी रखी जाएगी।

प्रशासन ने ली राहत की सांस

आचार संहिता लागू होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। लोकार्पण, शिलान्यास कार्यक्रमों की होड़ के चलते रोजाना भागदौड़ में व्यस्त रहने वाले अफसरों ने शनिवार को राहत महसूस की। बीते चार साल की तुलना में सितंबर माह में रिकार्ड तोड़ शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम हुए। इसके चलते सरकारी मशीनरी पुरी तरह से व्यस्त रही।

॥विधायक मेवाराम जेन, पूर्व प्रधान मूलाराम चौधरी, बीईईओ मूलाराम बेरड सहित अन्य जनप्रतिनिधि स्कूल लोकार्पण कार्यक्रम में आए थे। लेकिन वहां लगी पट्टिका का अनावरण नहीं किया। पट्टिका पर एक दिन पुरानी तारीख लिखी गई। विधायक उद्घाटन से दूर रहे, लेकिन पट्टिका का अनावरण बीईईओ मूलाराम की ओर से किया गया।

चौखाराम, ग्रामीण

॥फतेहपुरा में स्कूल क्रमोन्नत हुआ है, लेकिन वहां उद्घाटन कार्यक्रम नहीं था। मैंने कोई उद्घाटन नहीं किया। वहां केवल लोगों की बैठक ली थी और उसे संबोधित किया है। मैंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया।

मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेर।

आचार संहिता में विधायक या मंत्री अपने दौरे में सरकारी काम को शामिल नहीं कर सके। कोई नई स्कीम, प्रोजेक्टर, नई मंजूरियां जारी नहीं की जा सकेगी। किसी भी योजना का उद्घाटन या शिलान्यास नहीं किया जा सकता। सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। तबादले व नियुक्तियां नहीं हो सकती। सरकारी खर्चे से उपलब्धियों का विज्ञापन जारी नहीं कर सकते आदि कई नियम लागू होते हंै।

बीईईओ बोले मैंने तो नहीं किया लोकार्पण

॥मैं स्कूल लोकार्पण समारोह कार्यक्रम था, लेकिन स्कूल का लोकार्पण मैंने नहीं किया। एमएलए साहब ने मना कर दिया कि आचार संहिता है उद्घाटन नहीं करूंगा। इसके बाद तो वहां कार्यक्रम हुआ था। जहां मैं भी था।

मूलाराम बेरड, बीईईओ बाड़मेर

कार्रवाई अमल में लाई जाएगी

॥आचार संहिता में कोई लोकार्पण या शिलान्यास नहीं कर सकता है। सरकारी कर्मचारी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते है। अगर ऐसा मामला है तो गभीरता के साथ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।ञ्जञ्ज अरुण पुरोहित, एडीएम
















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