मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013
23 से 25 फरवरी तक रहेगी मरू महोत्सव की धूम
23 से 25 फरवरी तक रहेगी मरू महोत्सव की धूम
ख्यातनाम कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
जैसलमेर पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में 23 से 25 फरवरी तक आयोजित होने वाले जगविख्यात मरू महोत्सव को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही हंै। मरू महोत्सव के दौरान तीनों दिवस विभिन्न अंचलों के ख्यातनाम कलाकरों द्वारा भव्य सास्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। कलेक्टर शुचि त्यागी के निर्देशों पर स्वर्ण नगरी जैसलमेर को साफ सुथरा बनाया जा रहा है वहीं सम के लहरदार रेतीले धोरों पर भी सफाई अभियान जारी है।
पर्यटक स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक हनुमान मल आर्य ने बताया कि तीन दिवसीय मरू महोत्सव के समारोह की शृंखला में प्रथम दिवस 23 फरवरी, शनिवार को सोनार दुर्ग के प्रवेश द्वार से शहीद पूनम सिंह स्टेडियम तक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सीमा सुरक्षा बल के सजे धजे ऊंट, मरूश्री, मूंछ प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागी भी शामिल होंगे वहीं सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए स्कूली छात्राएं, मूमल-महेन्द्रा की सज्जी हुई झांकियों के साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा आमंत्रित लोक कलाकारों के कला का प्रदर्शन, पारम्परिक वेशभूषा में जैसलमेर के वाशिंदे शामिल होंगे।
शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में मरू महोत्सव समारोह का उद्घाटन होगा। उसके बाद साफा बांध प्रतियोगिता देशी एवं विदेशी, मूमल महेन्द्रा, मिस मूमल, मिस्टर डेजर्ट, मूंछ प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में पहले दिन लोक कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय मरू महोत्सव के दूसरे दिन 24 फरवरी, रविवार को शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में ऊंट शृंगार, शान-ए-मरूधरा, रस्सा कस्सी देशी एवं विदेशी पुरूष व महिलाओं के मध्य, पणिहारी मटका रेस, केमल पोलो मैच की प्रतियोगिताएं होगी। इसके साथ ही दोपहर में सीमा सुरक्षा बल द्वारा आकर्षक केमल टेटू शो का प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही दूसरे दिन भी भव्य सांस्कृतिक एवं मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।
तीन दिवसीय मरू महोत्सव के तीसरे एवं अंतिम दिन 25 फरवरी सोमवार को सम के धोरों पर ऊंट दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन होगा वहीं पहली बार रेतीले धोरों पर पुरूष एवं महिलाओं की दौड़ का आयोजन होगा। इससे पूर्व देशी एवं विदेशी पर्यटक प्राचीन ऐतिहासिक गांव कुलधरा एवं खाभा में ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं। सम के लहरदार रेतीले धोरों पर ख्यातनाम कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जाएगा। भव्य आतिशबाजी के साथ ही मरू महोत्सव का समापन हो जाएगा।
मूमल-महेन्द्रा प्रतियोगिता के भी मापदंड
जैसलमेर. जग विख्यात मरू महोत्सव 2013 के प्रथम दिवस 23 फरवरी को आयोजित की जाने वाली मूमल-महेन्द्रा प्रतियोगिता के लिए पर्यटन विभाग द्वारा मापदंड निर्धारित किए गए हैं। सहायक निदेशक पर्यटक स्वागत केन्द्र हनुमान मल आर्य ने बताया कि मूमल-महेन्द्रा प्रतियोगिता में भाग लेने वालों की उम्र 10 से 18 वर्ष तक होना आवश्यक है। जिसका आयु प्रमाण-पत्र संलग्न करें अथवा स्कूल प्रमाणित करें। मूमल व महेन्द्रा एक साथ ऊंट पर नहीं बैठेंगे। सहायक निदेशक आर्य ने बताया कि मूमल व महेन्द्रा की वेशभूषा पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ पद्धति पर आधारित होनी चाहिए। मूूमल व महेन्द्रा के गहने परिधान व पूर्ण वेशभूषा एक अविवाहित लड़की व लड़के की अभिव्यक्ति व प्रस्तुतिकरण होना चाहिए। मूमल प्रतियोगी का विवरण परिशिष्ट-प्रथम में तथा महेन्द्रा प्रतियोगी का विवरण परिशिष्ट - द्वितीय में देना आवश्यक होगा। पूर्व प्रथम विजेता सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। 'मूमल/महेन्द्रा' प्रतियोगी राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है। निर्णायक मण्डल द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम रहेगा।
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