रविवार, 9 सितंबर 2012

राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने मनाया काला दिवस


राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने मनाया काला  दिवस 

आरटेट परीक्षार्थियों को बाँधी काली पट्टिया .

आर टेट में राजस्थानी भाषा को शामिल करने की पुरजोर मांग

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा प्रदेश समिति के आह्वान पर आज काला दिवस मन कर राजस्थानी भाषा को आर टेट में शामिल नहीं करने पर विरोध जताया ,समिति के संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बारहट के निर्देशानुसार रवीवार को समिति ने काला दिवस मनाया ,संघर्ष समिति के जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के अनुसार राज्य सरकार ने हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, गुजराती और पंजाबी को तो राजस्थान की मातृभाषाएं मानते हुए आरटेट में शामिल किया है जबकि राजस्थान की प्रमुख भाषा राजस्थानी को कहीं जगह नहीं दी है। भाटी ने बताया कि जनगणना 2011 के आंकड़े बताते हैं कि 4 करोड़ 83 लाख लोगों ने अपनी मातृभाषा राजस्थानी दर्ज करवाई है तथा एनसीईआरटी ने भी इसे शिक्षा की माध्यम मातृभाषाओं की सूची में शामिल किया है। आरटेट में राजस्थानी न होने से प्रदेश की प्रतिभाएं पिछड़ रही हैं और अन्य प्रांतों के लोग यहां आसानी से सफल हो रहे हैं। यह प्रदेश के बेरोजगार शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता बताया की राजस्थानी छात्रा परिषद् के अध्यक्ष अशोक सारला के नेतृत्व में हाई स्कूल ,हिन्दू सिंह तामलोर के नेतृत्व में गांधी चौक ,भोम सिंह बलाई और रघुवीर सिंह तामलोर राजकीय महाविद्यालय ,रमेश सिंह इन्दा सरस्वती विद्या मंदिर विजय सिंह खरा आवड सिंह सोढ़ा, तरुण मुखी के नेतृत्व में कन्या महाविद्यालय में परिक्षार्थियो को काली पट्टिया बांध कर विरोध स्वरुप परीक्षा देने का निवेदन किया जिसे परीक्षार्थियों ने सहर्ष स्वीकार कर काली पट्टिया बाँध कर परीक्षा दी ,राजस्थानी भाषा को आर टेट में शामिल करने की मांग का परीक्षार्थियों ने पुरजोर समर्थन किया ,इस अवसर पर राष्ट्रिय प्रवक्ता ॐ पुरोहित कागद का लिखा सन्देश राजस्थान री टेट परीक्षा में दूजै प्रांत री भाषावां नै राखणों दूजै प्रांत रै लोगां नै राजस्थान में नोकरी देवण रो खुलो नूंतो है । म्हे काळी पाटी बांध इण रो विरोध करां । म्हारो राजस्थान , म्हारा टाबर , म्हारा स्कूल है तो मास्टर बारै रा क्यूं ? टेट फगत एक परीक्षा नीं है ,म्हारै पेट रो सवाल है ।बिना राजस्थानी भाषा री टेट , राजस्थान नै करै ला मटियामेट ! जागो राजस्थान्यां ! पढ़कर सुनाया तथा इसकी शपथ समिति के पदाधिकारियों एवम कार्यकर्ताओ को दिलाई ,कार्यकर्ताओ ने जोश के साथ काली पट्टी बाँध राजस्थानी को शामिल नहीं करने का विरोध जताया , विरोध दिवस शांति पूर्वक तरीके से मनाया गया इस अवसर पर अशोक सारला ,नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ,अवाड़ सिंह सोढ़ा ,विजय सिंह खारा शिवराज सिंह धान्धू ,तरुण मुखी ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,विजय सिंह तारातरा ,तेजाराम हुड्डा ,दिनेशपाल सिंह ,दिग्विजय सिंह चुली ,रतन सिंह आगोर ,किशोर सिंह बीजू ,दिलीप चारण संतोष माहेश्वरी ,तनवीर सिंह ,लक्ष्मण सिंह लुणु ,सूर्यदेव सिंह बालासर ,अवतार सिंह ,मुराद जायडू ,ओम प्रकाश जांगिड ,लोकेन्द्र सिंह देवड़ा,सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे
काला दिवस के संदर्भ में समिति द्वारा देश-विदेश में बसे राजस्थानियों व प्रदेश के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम काली पट्टी लगे पत्र भी बड़ी तादाद में प्रेषित किये गए ।

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