अथः रक्षम
सवा साल से लावारिस घूम रहा हैं भरतपुर कलेक्टर का चैक
बाड़मेर
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आज आपको ऐक जिला कलेक्टर के चैक की कहानी बताते हैं कि एक भ्रष्ट बाबू की कारस्तानी के कारण एक कनेक्टर का चैक सवा साल से कैसे लावारिसों की तरह चोखटें पार कर रहा हैं।
बाडमेर के जिला कलेक्टर रहे और वर्तमान में भरतपुर कलेक्टर गौरव गोयल को शायद आप अभी भूले नहीं होंगे।जनाब जब कलेक्टर थे तो सरकारी कारिन्दें किस तरह उनकी हाजरी बजाते थे किसी को बताने की शायद जरूरत नही।गौरव गोयल का ऐक चैक जो स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर की मुख्य ब्रांच से दिनांक इक्कतीस मार्च दौ हजार ग्यारह को बैंकर चैक नम्बर 435455 जारी हुआ था।कायऐ से यह बैंकर चेक रजिर्स्टड डाक से गौरव गोयल को भेजा जाता।तगर ऐया नही हुआ।यह चेक आज भी लावारिसों की तरह चोखटें चूम रहा हे।आखिर एक कलैक्टर रैंक के व्यक्ति का बारह हजार आठ सौ छियानवे रूप्ये को बैकर चैक लावारिस किसकी कारस्तानी से हैं।किसने इस चैक को गौरव गोयल तक पहुॅचने नही दिया।बात चैक की नहीं जिला कलैक्टर कार्यालय की व्यवस्थओं की हैं।यह चैक मेरे हाथ लगा हैं इस चैक को खुर्द बुर्द करने का काम लेखा भाखा के एक लिपिक द्घारा किऐ जाने की जानकारी मिली हैं।उक्त लिपिक पर पूर्व में भी भ्रश्टाचार के आरोप लग चूके हैं।इतना ही नही कुछ रोत पूर्व लिपिक महोदय पराई स्त्री के याथ गुलछर्रे उडाने पवित्र स्थान हरिद्घार भी गये थे बाद में कववाहिता के रितेदारों कासे जानकारी होने पर जमकर इनकी धुलाई भी की गई।इस बाबू की दादागिरी देखिऐ लेखा भाखा को अपनी बपोती समझ कर मनमानी करता हैं,जिला कलैक्टर की फटकार के बाद भी कोई सुधार नही।इस लिपिक के खिलाफ मुख्यमुत्री काया्रलय से भी जॉच आ रखी हैं साथ ही जिला कलेक्टर ने भी कोशाधिकारी को जॉच दे रखी हैं।कोशाधिकारी दुविधा में हैं।जॉच में वे स्वयं और अतिरिक्त जिला कलेक्टर भी फंस रहे हैं।बहरहाल तत्कालीन जिला कलेक्टर गौरव गोयल का भुगतान उक्त लिपिक सीधे उनके खाते में भी कर सकता था मगर इसने एंसा नही कर बैंकर चैक बनाया ताकि दनकों भुगतान ना मिले ऐसा ही हुआ।वर्तमान में भरतपुर जिला कलेकटर गौरव गोयल नें बताया कि बात पैसे की नही हैं ।मगर जिस तरह लेखा भाखा द्घारा लापरवाही बरती गई हैं वो चौंकाने वाली हेैं,लेखा शाखा को भुगतान सीधे मेरे खातें में जमा करना चाहिऐ थौ।सौलह माह के बाद भी मुझे बैंकर चैक नही मिला।लेखाशाखा के लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिऐं।
लेखाशाखा के इस भ्रश्ट लिपिक के खिलाफ कार्यवाही करने का साहस कोई अधिकारी जुटा नही पा रहा जिसका कारण हैं कि सभी के सुविधा खर्चे एडजस्ट करने का जिम्मा इसके पास हैं। े
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