मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाडा मेलों से बढ़ती हैअपणायत’ |
बाडमेर जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि ये मेला प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में विख्यात है।प्रशासनिक स्तर पर इस मेले का वेबसाइट बनाकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि विदेशी पर्यटक भी ज्यादा संख्या में यहां आकर मेले का लुत्फ उठा सकें।पशुपालकों की सुविधा के लिए मेला अवधि के दौरान तिलवाड़ा स्टेशन पर रेलों के ठहराव के संबंध में डीआरएम से बात की है। मेले हमारी संस्कृति के प्रतीक है,मेलों के आयोजन से आपसी अपणायत बढ़ती है। ये बात बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के सांसद हरीश चौधरी ने निकटवर्तीतिलवाड़ा में मल्लीनाथ पशु मेले के झंडारोहण के अवसर पर मेले में उपस्थित पशुपालकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आमजन का जुड़ाव मेलों से रहता है।लगभग ७५० साल पुराने इस मेले की परंपरा को आज भी क्षेत्र के ग्रामीण बचाये रखे हुए हैं।ये एक गौरव का विषय है।मालाणी की परंपरा रही हैकि यहां मेहमान का सत्कार तन-मन-धन से किया जाता है।मेले में आने वाले पड़ोसी राज्यों के पशुपालकों को पूरी अपणायत दें जिससे कि वो प्रभावित होकर बार-बार इस मेले में आएं।उन्होंने मेले में दिनोंदिन घटने वाले पशुओं की संख्या पर चिंता जताते हुए ग्रामीणों को पशुपालन की ओर रूझान रखने की बात कही।विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि सरकार ऐसे मेलों को प्रोत्साहन देने में कोईकसर नहीं रख रही है।उन्होंने कहा कि आगामी वर्षतक नदी के बीच बने मार्ग पर सीसी रोड का निर्माण करवा दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि मेले मे आने वाले पशुपालकों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।आगामी वर्ष तक इस समस्या के समाधान के लिए भी पुख्ता प्रबंध कर दिए जाएंगे। |
गुरुवार, 31 मार्च 2011
मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाडा
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