गुरुवार, 13 जनवरी 2011

शिविरों के माध्यम से छात्रों को सशक्त करनें की अनूठी पहल

जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाह
शिविरों के माध्यम से छात्रों को सशक्त करनें की अनूठी पहल


जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिले के जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाह नें विशय अध्यापक विहीन विद्यालयों के छात्रों के लियें आवासीय भौक्षणिक शिविरों का आयोजन करा छात्रों को साक्त करनें की अनूठी पहल कर छात्रों कों बेहतरीन अवसर प्रदान किया।कुशवाह नें जन सहयोग से जैसलमेर जिला मुख्यालय और पोकरण उपखण्ड मुख्यालय पर दस दिवसीय आवासीय शिविरों का आयोजन करा ना केवल विशय अध्यापकों की सेवाऐं उपलब्ध कराई अपितु छात्रों को नैतिकता और योगा शिक्षा का भी पाइ पा जीवन में आगे बने का अवसर प्रदान किया।जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह नें बताया कि जैसलमेर के विभिन्न गांवों में भ्रमण के दौरान विधालयों में विशय अध्यापकों की कमी प्रमुखता से सामने आई।दूरस्थ गांवों में दसवीं कक्षा के छात्रों कें सामनें गणित और विन जैसे विशयाके पद विधायों में रिक्त होनें कें कारण पाठयक्रम पूरा करनें की प्रमुख समस्या थीं।छात्रों की अस समस्या के समाधान के लिऐं जिले के शिक्षाविदों कों बुला कार्ययोजना बनानें का कहा ।जिस पर जैसलमेर तथा पोकरण में दों भौक्षणिक उन्नयन्न आवासीय शिविरों कें आयोजन को अंतिम रूप दिया। पाकिस्तसन सीमा सें लगे सरहदी गांवों सहित 24 विद्यालयों को चिन्हित किया जिसमें विशय अध्यापकों के पद रिक्त थे।इन विद्यालयों सें दसवी कक्षा कें 387 छात्र छात्राओं का चयन कर जैसलमेर शिविर में 113 तथा पोकरण शिविर में 175 छात्रों का चयन कर बुलाया गया।एनर्जी कम्पनी एनरकोन कें आर्थिक सहयोग सें इन शिविरों का संचालन किया गया।िविरों में दूरस्थ गांवों सें पहली बार छात्राऐं भी शिविरों पहूॅच शिक्षा ग्रहण कीं।जैसलमेर शिविर प्रभारी सुरो चन्द्र पालीवाल नें बताया कि आवासीय िविरों का मूल विषय गणित तथा विन विशयों का कोर्स छात्रों कों पूरा कराया जाऐ ताकि प्एने की ललक वाले छात्रों कों इसका लाभ परीक्षाओं में मिल सके।िविर संयोजक प्रका व्यास नें बताया कि छात्रों को स्ओनरी ,भोजन,आवास सुविधा निुल्क उपलब्ध कराइ्र गइ्रंर्।शिविरों में प्रात पॉच बजें योग िक्षा के साथ दिन चर्या आरम्भ होती ,जो रात दस बजें तक अनवरत चलती।इस दौरान छात्रो को नाता,भोजन,चाय ,दूध,,बस्किट की सूविधा उपलब्ध कराई गई थी।दस दिवसीय शिविर में छात्रों में जबरदस्त बदलाव आया।छात्रों का कोर्स पूरा करनें कें साथ शिविरों में रह का नीति तथा योग शिक्षा की भी ज्ञान अर्जित किया।शिविर में आई छात्रा इतिया मेगवाल नें बताया कि वह गरीब परिवार सें हैं।पढने की ललक के कारण अपनें गांव से पॉच किलोमीटर दूर विद्यालय में पने जाती,मगर स्कूल में विशय अध्यापकों के पद रिक्त होनें कें कारण प्ढाई नही होती ंकोर्स भी नहीं हुआ।शिविर में आकर मेरा कोर्स भी पूरा हुआ और कई नई इबारतें सीखी।शिविर सें सभी छात्रों को फायदा मिला। बहरहाल जिला कलेक्टर के अनुसार इन शिविरों परीक्षाऐंली गई।जिन परीक्षाथीरयों कें साठ फीसदी सें अधिक अंक आऐंगें उनके लिऐं परीक्षाओं सें पहले एक और शिविर लगा कर इन्हें लाभान्वित किया जाऐंगा।राजसथान भर में यह अनूठी पहल हैं।

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