ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागु करने और पर्यावरण सरंक्षण को लेकर जैसलमेर पूरी तरह रहा बंद ,बंद की पूर्व संध्या पर मशाल जुलुस निकला
ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागु करने और पर्यावरण सरंक्षण को लेकर जैसलमेर पूरी तरह रहा बंद ,बंद की पूर्व संध्या पर मशाल जुलुस निकला
जैसलमेर राज्य वृक्ष खेजड़ी के संरक्षण व ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर आज जैसलमेर बंद है। अखिल भारतीय विश्नोई महासभा, अखिल भारतीय जीव रक्षा सभा, राजस्थान पर्यावरण जीव रक्षा संस्थान, पर्यावरण संघर्ष समिति खेजड़ला व जिला बिश्नोई संस्थान सहित कई पर्यावरण व वन्य जीव के संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों द्वारा आज दोपहर 2 बजे तक जैसलमेर बंद का आह्वान किया गया है।जिसको लेकर आज जैसलमेर शहर के बाजार बंद रहे। लोगों ने बंद के समर्थन में अपनी स्वेच्छा से बाजार बंद रखे।यह मांग अखिल भारतीय विश्नोई महासभा, अखिल भारतीय जीव रक्षा सभा, राजस्थान पर्यावरण जीव रक्षा संस्थान, पर्यावरण संघर्ष समिति खेजड़ला व जिला बिश्नोई संस्थान सहित कई पर्यावरण व वन्य जीव के संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों ने की है।
जैसलमेर बंद की पूर्व शाम रविवार को मशाल जुलूस निकाला गया। जिसमें बड़ी संख्या में विश्नोई समाज सहित अन्य समाजों के लोग शामिल हुए। शहर के मुख्य मार्गों से निकले मशाल जुलूस से सभी ने जैसलमेर को बंद रखने में सहयोग करने की अपील की। इसके साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने भी जैसलमेर बंद का समर्थन करते हुए आमजन से जैसलमेर बंद को सफल बनाने की अपील की है।
रामगोपाल विश्नोई ने बताया कि तापमान में वृद्धि से क्लाइमेंट चेंज आज विश्व पर्यावरण की सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आई है। देश व प्रदेश की सरकार भी "एक पेड़ मां के नाम " से अभियान चला रही हैं। प्रदूषण की वजह से तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। गोचर व देवी देवताओं के नाम पर संरक्षित अभ्यारण (ओरण) के भी बहुत बुरे हाल हैं। सरकार से राज्य वृक्ष के संरक्षण तथा राजस्थान ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर 18 जुलाई 2024 से नोखा दईया खेजड़लाकी रोही में धरना चल रहा है। इसको लेकर सोमवार को जैसलमेर बंद का आह्वान किया गया है। गड़ीसर लेक से सुबह 11 बजे जुलूस के रूप में शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचा । वहां आमसभा का आयोजन किया गया । उसके बाद कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन में राज्य वृक्ष खेजड़ी के संरक्षण व ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की गयी ।

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