रेफ ग्लोबल और एल्केम फाउंडेशन एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सयुक्त तत्वधान में जिला स्तरीय एनीमिया मुक्त कार्यशाला का आयोजन

 रेफ ग्लोबल और एल्केम फाउंडेशन एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सयुक्त तत्वधान में जिला स्तरीय एनीमिया मुक्त कार्यशाला का आयोजन

बाड़मेर को एनीमिया मुक्त बनाने में सहभागिता निभाएं : विश्नोई

जिला स्तरीय एनीमिया मुक्त राजस्थान आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित




बाड़मेर,05 मार्च l बाड़मेर को एनीमिया मुक्त बनाने में सब मिलकर सहभागिता निभाएं l इसके लिए आयरन की गुलाबी एवं नीली गोलियां तथा दवाओं के वितरण की सघन मॉनिटरिंग  करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विष्णु राम विश्नोई ने बुधवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रेफ ग्लोबल और एल्केम फाउंडेशन एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला के दौरान संबोधित करते हुए यह बात कही l

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विष्णु राम विश्नोई ने कहा कि एनीमिया मुक्त अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा, किशोर-किशोरी एवं गर्भवती महिला खून की कमी से रोगग्रस्त नहीं हो। उन्होंने कहा कि इसके लिए चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास एवं शिक्षा विभाग को मिलकर कार्य करना है।

इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विश्नोई ने एनीमिया मुक्त अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी l महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित ने कहा कि बाड़मेर जिले को एनीमिया मुक्त करना हमारा कर्तव्य हैl इसके लिए संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी की प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित करवाएं l उन्होंने पंचायत स्तर पर स्क्रीनिंग, नियमित हीमोग्लोबिन परीक्षण में चुनौतियों ,आयरन और फोलिक एसिड खुराक की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने,एनीमिया दर को कम करने में आंगनवाड़ी केंद्रों, पोषण अभियान और आईसीडीएस की भूमिका के बारे में विस्तार से अवगत कराया l कार्यशाला में एनीमिया मुक्त अभियान के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी  दिया गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ पंकज कुमार ने एनीमिया -मुक्ति के लिए पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल और पोषण कार्यक्रम को मजबूत करने की जरूरत जताते हुए कहा कि एनीमिया जांच, निदान,आपूर्ति श्रृंखला दक्षता और रोकथाम में मातृ एवं शिशु पोषण कार्यक्रमों की प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएं l विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ पंकज कुमार ने एनीमिया मुक्त अभियान में सरकारी विभागों एवं सहयोगी संस्थाओं की भूमिका के बारे में अवगत कराया l उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग समुदायों में स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र उचित पोषण प्रदान करें l महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर नज़र रखते हुए कुपोषण से लड़ने के लिए पोषण अभियान जैसी पहल करें। एनीमिया मुक्त राजस्थान के तहत चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से सामंजस्य स्थापित कर खून की कमी के कारणों की प्रति आमजन को जागरूक करें।

श्योर संस्थान के हनुमान चौधरी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार और एनीमिया से लड़ने के लिए विभिन्न विभाग और संगठनों को मिलकर काम करना होगा l

उन्होंने पोषण के महत्व को समझाकर जागरूकता फैलाने और स्वास्थ्य जांच के लिए स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी के जरिए  समुदाय को सशक्त बनाने की बात कही। रेफ ग्लोबल के मुख्य प्रबंधक तापस कुमार ने कहा कि लोगों को एचबी परीक्षण की सुविधा मिले l आयरन और फोलिक एसिड की खुराक की निरंतर आपूर्ति होती रहे l एनीमिया की पहचान एवं इलाज के लिए एनीमिया स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाया जाएं l उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग स्कूलों में मध्याह्न भोजन में सुधार करके भोजन में आवश्यक पोषक तत्व जोड़ने और छात्रों को एनीमिया और समग्र स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं l उन्होंने संस्थागत प्रसव दर और नवजात देखभाल में सुधार की जरूरत जताई l

 उप निदेशक रामचंद्र बामनिया ने कहा कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन सुदृढ़ीकरण की अनुपालना की जाएं l उन्होंने महिलाओं और बच्चों में एनीमिया की रोकथाम के लिए समुदाय- आधारित दृष्टिकोण और व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूकता और व्यवहार में बदलाव लाने की जरुरत जताई l उन्होंने जागरूकता अभियानों में एसएचजी, स्कूल-आधारित कार्यक्रमों और स्थानीय शासन की भूमिका पर प्रकाश डाला l

इस दौरान क्षेत्रीय प्रमुख रेफ ग्लोबल से तापस सतपथी  ने कहा कि एनीमिया मुक्त बाड़मेर के तहत चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से सामंजस्य स्थापित कर खून की कमी के कारणों की प्रति आमजन को जागरूक करें। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने ने बताया कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां वितरण करने के साथ-साथ शाला दर्पण एवं पीसीटीएस में समय अनुसार रिपोर्टिंग की जाए तथा अधिकारियों की ओर से इसकी मॉनिटरिंग की जाए। माह में एक बार इसकी बैठक आवश्यक रूप से हो।

उन्होंने बड़े पैमाने पर पहुंच के लिए व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया के उपयोग की बात कही l कार्यशाला में एरिया मैनेजर करिश्मा भाटी तंवर ने कार्यक्रम के उद्देश्य और अब तक किए गए कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। प्रोग्राम मैनेजर मीनू ने अब तक किए गए कार्यों और उनके प्रभावों पर विस्तृत जानकारी दी।

प्रभावी मोनेटरिंग करें : कार्यशाला में बताया कि बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां वितरण करने के साथ-साथ शाला दर्पण एवं पीसीटीएस में समय अनुसार रिपोर्टिंग की जाए तथा अधिकारियों की ओर से इसकी मॉनिटरिंग की जाए। इस दौरान बताया गया कि  6 माह से 59 माह के छोटे बच्चों को आईएफ की सिरप आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दी जाती है । इसी तरह 6 वर्ष से 9 वर्ष तक के विद्यालय जाने वाले बच्चों को विद्यालय में तथा विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुलाबी गोली दी जाएगी।

कार्यशाला में मैनेजर मीनू ने कार्यक्रम के उद्देश्य और अब तक किए गए कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। मैनेजर मीनू ने पिछले दो वर्षों में किए गए कार्यों और उनके प्रभावों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रोग्राम ऑफिसर सोनाराम ने बताया की  कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग , शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन व चंदनसिंह भाटी, मोटाराम, हेल्थ मैनेजर नरेंद्र खत्री ,लेखाकार सुरेश गोलेच्छा ,अशोक ,राजपुरोहित, रमेश सिंह इन्दा,,राकेश भाटी, सचिन भार्गव DPM उपस्थित रहे।



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