सोनार दुर्ग में हेमंत व्यास बने एक दिन के बादशाह:शहजादा बने नैतिक व्यास, सोनार फोर्ट में सजा बादशाह का दरबार
सोनार दुर्ग में हेमंत व्यास बने एक दिन के बादशाह:शहजादा बने नैतिक व्यास, सोनार फोर्ट में सजा बादशाह का दरबार
जैसलमेर की होली में सबसे अनूठी परंपरा एक दिन के बादशाह और शहजादे की है। सोनार दुर्ग में इस परम्परा को निभाया गया। बादशाह व शहजादे के इस दरबार को देखने शहर के कोने-कोने से लोग सोनार दुर्ग के व्यास पाड़ा में इकट्ठे हुए। इस मौके पर हेमंत व्यास बादशाह बने, जबकि नैतिक व्यास शहजादा बने।
सिंहासन पर बैठे बादशाह व शहजादे की जयकारे के रूप में बादशाही बरकरार, शहजादा सलामत के जयकारे लगे। उनके सामने ढोल की थाप पर लय बद्ध तरीके से फाग गीत गाते गेर रसियों ने माहौल में अनोखा समां बांध दिया। होली पर बादशाह शहजादे का पारंपरिक स्वांग स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि देसी-विदेशी सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रही।
सोनार दुर्ग में सजता है बादशाह का दरबार
जैसलमेर में होली की परम्परा को निभाते हुए सोनार दुर्ग में बादशाह और शहजादे का दरबार सजाया गया। लोगों ने रंगों को उड़ाकर होली के पारंपरिक फाग गाकर माहौल को खुशनुमा कर दिया। होली के दूसरे दिन इस परंपरा को निभाया जाता है। सोनार किले में पुरानी परंपरा के तहत बादशाह का दरबार लगता है और बाकायदा सिंहासन लगाकर एक व्यक्ति को बादशाह बनाया जाता है और छोटे बच्चे को शहजादा। उसके चारों तरफ होली के गीत गाए जाते हैं तथा रंग गुलाल उड़ाया जाता है। होली पर बादशाह का दरबार सजाने की एक दिलचस्प परंपरा है। सोनार दुर्ग के व्यास पाड़ा में व्यास जाति के पुष्करणा ब्राह्मण ही होली पर बादशाह बनते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें