जैसलमेर धरती का सीना अवैध खनन से छलनी ,प्रभावशाली लोग कर रहे सौ करोड़ का अवैध खनन
जैसलमेर जिले में इन दिनों अवैध खनन माफिया पूरी तरह से सक्रिय है। जहां पहले चोरी छिपे रात में अवैध खनन होता था वहीं अब दिन व रात खुलेआम अवैध खनन चल रहा है। वसूली अवैध खनन के मुकाबले कुछ भी नहीं है। करीब 10 से 15 दिन तक अवैध करने वाले के खिलाफ सिर्फ एक बार कार्रवाई और उसके बाद फिर से अवैध खनन शुरू हो जाता है।अवैध खनन से जैसलमेर के दर्जनों गांवों की धरती का सीना छलनी छलनी हो गया ,जियाई ,अमर सागर ,मूलसागर ,जेठवाई ,सहित जैसलमेर शहर के दस किलोमीटर दायरे में जमकर अवैध खनन प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा हैं ,पुलिस विभाग की छोटी बड़ी कार्यवाहियों को छोड़ दे तो खनन माफियों के खिलाफ जिला प्रशासन और खनिज विभाग द्वारा कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी जिसके कारन खनन माफियों के होंसले बुलंद ,हैं आश्चर्यजनक हे की इन माफियों को राजनितिक सरंक्षण प्राप्त हैं
जानकारी के अनुसार पिछले एक साल से अवैध खनन करने वालों की तादाद एकाएक बढ़ गई है। इस दौरान 80 करोड़ से ज्यादा का पत्थर अवैध रूप से खनन कर बेचा गया है। जिस लेवल पर अवैध खनन हो रहा है।उससे जैसलमेर के आसपास पूरी पथरीली जमीन खोद डाली ये जिला प्रशासन के संज्ञान में बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही
उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदारों की मिली भगती भी है। अवैध खनन वर्तमान में मूलसागर व जियाई इलाके में सर्वाधिक अवैध खनन हो रहा है। जियाई में सिर्फ एक लीज है वह भी काफी पुरानी है और लगभग उस खदान का माल खत्म हो गया है। लेकिन वर्तमान में जियाई क्षेत्र में कई जगहों पर धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। इसके अलावा मूलसागर में भी जमकर अवैध खनन चल रहा है। इसके अलावा सिपला व पिथला में भी अवैध खनन हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार रोजाना 10 से 12 गाड़ी ब्लॉक व 100 गाड़ी बिल्डिंग मेटेरियल के पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। इसकी कीमत दस से पंद्रह लाख रुपए है।
पीले पत्थर के आलावा बजरी गिट्टी का भी अवैध खनन जमकर हो रहा हैं ,कुलधरा ,नभ डूंगर ,खाभा सहित इस क्षेत्र में अवैध खनन जमकर हो रहा हे तो शहर से लगते सांवल कॉलोनी जी डी कल्ला कॉलोनी ,सागरमल गोपा कॉलोनी सहित आसपास जमकर अवैध खनन गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा हैं ,इन खनन माफियों के गेराज और स्टोर भी इन्ही स्थानों पर अवैध रूप से बनाये हुए हैं
रॉयल्टी ठेकेदार की लापरवाही से नाकों पर टीमें ही तैनात नहीं
अवैध खनन करने वाले रॉयल्टी चुका रहे हैं क्योंकि रॉयल्टी ठेकेदार अवैध खनन करने वालों की गाड़ियां निकलने नहीं देता। लेकिन उसे अवैध खनन से मतलब नहीं है और वे किसी अन्य की लीज पर रॉयल्टी वसूल कर लेते हैं। अवैध खनन करने वाले रॉयल्टी से बचकर नहीं निकल सकते, क्योंकि रॉयल्टी ठेकेदार का सालाना ठेका है। इसलिए वे रॉयल्टी देकर आसानी से निकल जाते हैं। यहां पर भी उनकी मिलीभगती है।
यदि माइनिंग विभाग रॉयल्टी नाके पर अपनी टीम जानबूझकर भेजती ,खनन माफियाओ का खौफ विभाग को भी सत्ता रहा हैं , कार्मिक ऊपरी इशारे के चलते कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ,इसलिए खनिज विभाग के नाके बिना सुरक्षा के सुने पड़े हे फायदा खनन माफिया उठा रहे हैं
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें