जैसलमेर के बढ़ते टूरिज्म में फोटोग्राफी टूरिज्म का अहम योगदान ,फोटोग्राफरों के लिए पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं की दरकार ,नगर परिषद बनाएगी दो फोटोग्राफी टॉवर

जैसलमेर के बढ़ते टूरिज्म में फोटोग्राफी टूरिज्म का अहम योगदान ,फोटोग्राफरों के लिए पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं की दरकार ,नगर परिषद बनाएगी दो फोटोग्राफी टॉवर 


चन्दन सिंह भाटी

 


जैसलमेर पर्यटन और फोटोग्राफी लंबे समय से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पर्यटकों को एहसास हो गया है कि फोटोग्राफी और पर्यटन दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, और इस तरह के रिश्ते को साबित करने के लिए सालों पुराना इतिहास मौजूद है।


यह उनका सहज जुनून था जिसने प्राचीन काल से ही पर्यटकों को उन जगहों की छवि कैद करने के लिए प्रेरित किया है, जहाँ वे यात्रा करते थे। ड्राइंग, स्केचिंग और पेंटिंग प्रकृति की छवियों को संरक्षित करने के लिए उनकी प्रशंसा और जुनून को व्यक्त करने का माध्यम हुआ करते थे, जब तक कि एक ऐसी मशीन का आविष्कार करने के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा गया, जो सुंदर प्रकृति की स्थायी छवियों को कैप्चर कर सके और उन्हें लंबे समय तक संरक्षित करने में सक्षम हो।


वर्तमान समय में हर हाथ मे कैमरा है । लोग पर्यटन स्थलों , वाइल्ड लाइफ, पौराणिक किले सहित विरासत व ग्रामीण परिवेश से जुड़े जगहों के फोटोग्राफ क्लिक ओर शेयर करते हैं ।जैसलमेर में पर्यटन को  शुरूआती बढ़ावा कैमरे  से मिला ,साठ सत्तर के दशक में विख्यात फ़िल्मकार सत्यजीत रे ने अपनी फिल्म सोनार किला के माध्यम से जैसलमेर किले की खूबसूरती को विश्व पर्यटन पटल पर रखा तो सुनील दत्त ने फिल्म रेशमा और शेरा के माध्यम से जिले के रेगिस्तान की खूबसूरती को बखूबी लोगो के सामने लाये ,इन दो फिल्मो के साथ दो  बूँद पानी जैसी फिल्म ने भी जैसलमेर के खूबसूरत सुनहरे रेगिस्तान को दर्शको के बीच लाकर उनका ध्यान आकर्षित किया यही दौर था जब जैसलमेर पर्यटन स्थल के रूप में लोगों को भाने लगा जैसलमेर के खूबसूरत स्थलों की  चर्चा होने  लगी और देखते देखते जैसलमेर विश्व पर्यटन केंद्र बिंदु के रूप में उभरा ,बाद में आने वाले विदेशी पर्यटकों ने फोटो ,स्केच ,आदि से जैसलमेर की फोटोग्राफी में चार चाँद लगाए जो जैसलमेर के पर्यटन के लिए मील  का पत्थर साबित हुए 


जैसलमेर में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो अपनी अद्भुत सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर से यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। हरे-भरे पहाड़, शांत झीलें, सुनहरी रेत, और ऐतिहासिक किले – ये सभी स्थान न केवल सुकून देते हैं, बल्कि कैमरे में कैद करने लायक अविस्मरणीय दृश्य भी पेश करते हैं।  "पिक्चर परफेक्ट" जगहों के बारे में, जहां यात्रा करना आपके अनुभवों को और भी खास बना सकता है।राजस्थान की जैसलमेर अपनी ऐतिहासिक धरोहर झरोखो और राजसी महलों के लिए मशहूर है। गड़ीसर ,सालम सिंह की हवेली ,पटवा हवेली  और सोनार  किले की भव्यता पर्यटकों को सम्मोहित कर देती है। जैसलमेर  की गलियां सुनहरी रंग में रंगी हुई हैं, जो शहर को एक विशेष पहचान देती हैं। यहां के महलों और बाजारों में हर मोड़ पर फोटोग्राफी का एक नया मौका मिलता है।


वही जैसलमेर के रेगिस्तान  खूबसूरती इतिहास में दर्ज हैं ,सम विशाल रेतीले टीबों  स्थल जंहा का सूर्यास्त  रेगिस्तान धोरों की खूबसूरती में चार चाँद लगाते ,हैं धोरो पर राजस्थानी लोक नृत्य ,ऊंटों के कारवां , कलाकारों की महफ़िल ,कैमल राइडिंग सहित बेहद सुंदर दृश्य  फोटोग्राफरों की पहली पसंद बनी हुई हैं , सम के आकर्षक फोटो ही पर्यटकों को आने पर मजबूर करते हैं , जैसलमेर के पारम्परिक पेजयल स्रोत कुँए ,तालाब इतने  खूबसूरत हे की हर कोई फोटोग्राफर अपने कैमरे में दृश्य कैद करना चाहता हैं,सोसल मिडिया के जमाने में इन  जैसलमेर के फोटो और वीडियों खूब वायरल हो रहे हे जो पर्यटकों का रुख जैसलमेर की और करता हैं। जैसलमेर के पर्यटन को आकर्षित बनाने में हिंदी और साउथ की फिल्मों का प्रमुख योगदान हैं कई चर्चित विज्ञापन जैसलमेर में शूट हुए जिन्होंने जैसलमेर को नई पहचान दी , 


सबसे शानदार वन्यजीव देखने वाले क्षेत्रों में अविस्मरणीय फोटोग्राफी रोमांच के लिएजैसलमेर के प्रमुख वन्यजीव और प्रकृति फोटोग्राफरों में से एक के साथ जुड़ें।जैसलमेर की  जैव विविधता के प्रमुख केंद्र देगराय ओरण ,गजरूप सागर  ,अमर सागर ,जसेरी  ,सालम  ,और लाठी के मनभावन तालाब फोटोग्राफरों की  पहली पसंद बने हे , तालाबों पर वर्ष  प्रवासी पक्षियों सत्तर से अधिक प्रजातियों के पक्षी डेरा डालते हैं ,वन्य जीवों की फोटोग्राफी में रूचि  रखने वाले विश्व स्तर के फोटोग्राफरों ने इनको अपने कैमरों में कैमरों में कैद कर पर्यटकों के समक्ष रखा ,यहां के तालाबों की खूबसूरती का आलम यह हे की जसेरी तालाब एक मात्र ऐतिहासिक पारम्परिक तालाब हे जिसकी बड़ी तस्वीर दिल्ली के विज्ञानं  भवन की शोभा बढ़ा रही हैं 


पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन को मिलकर जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फोटोग्राफरों को खास महत्व देना चाहिए साथ ही  सभी स्तर के फ़ोटोग्राफ़रों के लिए फ़ोटोग्राफ़ी टूर और कार्यशालाएँ आयोजित करनी चाहिए ,समय समय पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन भी पर्यटन बढ़ाने में सहयोग करेगा अधिक उन्नत वन्यजीव फ़ोटोग्राफ़रों के लिए टूर और अभियान  शुरुआती और मध्यवर्ती फ़ोटोग्राफ़रों के लिए तैयार,हेरिटेज ,डिवोशनल ,डेजर्ट ,ट्रेडिशनल आर्ट ,क्राफ्ट ,हेंडीक्राफ्ट ,डेजर्ट लाइफ स्टाइल जैसे विषयो पर कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए साथ ही फोटोग्राफरों की सुविधा के लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फोटोग्राफी टावर्स का निर्माण करना चाहिए  


जैसलमेर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पार्टन स्थलों की फोटोग्राफी के लिए फोटोग्राफरों के लिए खास तौर से दो टावर नगर परिषद निर्माण करने जा रही हैं ,एक टावर गड़ीसर झील और दूसरा सनसेट पोईं सूली डूंगर पर बनाया जायेगा ,सूली डूंगर के विकास योजना का टेंडर हो चूका हैं ,फोटोग्राफी के लिए अन्य संसाधनों का फीडबैक लेकर कार्य योजना बनाई जायेगा ,लजपाल सिंह सोढा आयुक्त नगर परिषद 


जैसलमेर के वाइल्ड लाइफ के दृश्य कैद करके सोसल मीडया पर लगातार शेयर कर रहा हूँ ,वाइल्ड लाइफ ,लोक जीवन से जुड़े फोटो खूब पसंद  हैं ,इन फोटो के जरिये कई पर्यटक देगराय ओरण देखने आ चुके हैं ,फोटोग्राफी का अपना हुनर हे जो पर्यटकों को  हैं ,फोटोग्राफरों के लिए योजना बननी चाहिए ,सुमेर सिंह भाटी सांवता ,वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी विशेषज्ञ    

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