जैसलमेर संत सदाराम जी महाराज के पैनोरमा निर्माण से धार्मिक पर्यटन का होगा विकास ,

 जैसलमेर संत सदाराम जी महाराज के पैनोरमा निर्माण  से धार्मिक पर्यटन का होगा विकास ,


 


जैसलमेर सरहदी क्षेत्र झिनझिनियाली के पास स्थित गुहड़ा गांव में संत सदाराम जी महाराज के पैनोरमा निर्माण की  घोषणा  मुख्यमंत्री  भजनलाल जी शर्मा द्वारा की गई, यह घोषणा न केवल संत सदाराम जी महाराज के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार की दिशा में एक सराहनीय कदम भी है। मुख्य सचेतक  जोगेश्वर जी गर्ग ने नवम्बर 2024 में सदा राम जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गुहड़ा में सदा राम जी महाराज का पनोरमा बनाने की घोषणा की थी,गर्ग के प्रयासों से मुख्यमंत्री बजनलाल शर्मा ने बजट रिप्लाई में पेनोरमा की घोषणा की थी ,पेनोरमा की  घोषणा से गर्ग ( अनुसूचित जाति ) में ख़ुशी की  लहर हैं। गर्ग समाज ने भजनलाल शर्मा विधायक छोटू सिंह और जोगेश्वर गर्ग का आभार जताया हे


कौन हे सूफी संत शिरोमणि बाबा सदाराम जी


सूफी संत शिरोमणि बाबा सदाराम जी जिसे संत श्री सादूल के नाम से भी जाना जाता हैं ।  ये राजस्थान के एक लोक संत हैं , जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान, गुजरात व छत्तीसगढ़ के साथ साथ पाकिस्तान में भी की जाती है। इनका समाधि-स्थल थार के रेगिस्तान रूपी समंदर में श्री सादूल धाम गुहङा (जैसलमेर) में स्थित है । प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल चतुर्थी को भव्य मेला लगता है, जहाँ पर देश भर से लाखों श्रद्धालु पहुँचते है।


 ये जैसलमेर के तत्कालीन शासक श्री केशरीसिंह जी के गुरु थे, जिनके पास मान्यतानुसार चमत्कारी शक्तियां थीं। उन्होंने अपना सारा जीवन जन सेवा के लिए समर्पित किया। भारत में कई समाज उन्हें अपने इष्टदेव के रूप में पूजते हैं।बाबा श्री सदाराम जी ने वि.स. 1936 में चैत्र शुक्ल चतुर्थी को राजस्थान के गुहङा गांव(जैसलमेर से 100 कि.मी.) में जीवित समाधि ले ली।


हैमीलों पसरे सरहदी क्षेत्रों में कई श्रद्धास्थल हैं संतश्री के उन्होंने हजारों मील यात्रा की व विभिन्न स्थानों पर धूंणा स्थापित कर तपस्या की। सदारामजी महाराज के तपस्या स्थलों में गुहड़ा का धाम सर्वाधिक प्रसिद्ध है जहाँ उनका मुख्य धूंणा है।इसके अलावा कोहरा गांव, देवीकोट के पास लाला कराड़ागांव,हाबुर गाँव में पहाड़ी के पास, मुल्तान में कोट मिठणमें फरीद शाह के पवित्र स्थल, जिला मीरपुर माथेला,जिला घोटकी पिताफी व जरवारा, रोहल साहेब के कनड़ी व झोक शरीफ में शाह अनाथ के पवित्र स्थलमें तपस्या की व धूंणा स्थापित किया


गुहड़ा गांव में अवस्थित योगिराज श्री सदाराम महाराज का प्राचीन आश्रम, जहाँ हर वर्ष महाराज श्री की पुण्यतिथि पर चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में तीज व चौथ को बड़ा भारी मेला भरता है गुहड़ा (सादुल धाम)भक्तों के लिए मेले में आने वाले हजारों भक्तों के लिए व्यापकप्रबंध सुनिश्चित किये गये हैं। मेलार्थियों के ठहरने,खाने-पीने आदि के  की व्यवस्था होती हे

 

अलौकिक लीलाओं की कीर्ति दूर-दूर तक संत शिरोमणि सदाराम जी महाराज ने कई अलौकिक लीलाएँ की व चमत्कार दिखाये जो आज भी बहुश्रुत हैं।श्री सदारामजी महाराज गुहङा के गर्ग वंशिय  श्री जीवणराम जी महाराज के घर चैत्र शुक्ल दूज वि.स 1863 व वेकुंट लोक गमन वि.स. 1936 चैत्र शुक्ल चतुर्थी को गुहङा में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री जीवणराम जी गर्ग एवं माता का नाम ईतू देवी हैं ,ये हिन्दू धर्म से थे ।

मुख्यमंत्री भजनलाल जी शर्मा की इस घोषणा से गर्ग समाज और जैसलमेर के लोगों को बहुत खुशी होगी। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो  राजस्थान की संस्कृति और धरोहर को बढ़ावा देगा। पारस गर्ग पूर्व पार्षद भाजपा नेता

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