जैसलमेर होली ;दशकों से जैसलमेर की पारम्परिक होली मनाने आ रहे हे विदेशी पर्यटक ,इस बार भी पहुंचे विदेशी होली मनाने

 जैसलमेर होली ;दशकों से जैसलमेर की पारम्परिक होली मनाने आ रहे हे विदेशी पर्यटक ,इस बार भी पहुंचे विदेशी  होली मनाने



 जैसलमेर बरसाना और मथुरा की विख्यात होली  के साथ श्री कृष्ण की नोवी राजधानी जैसलमेर में सदियों से होली का त्यौहार उत्साह और उमंग के साथ परम्परिकत संस्कृति और परम्पराओं का निर्वहन  जाता , तक चलने वाला रंगो के त्यौहार का धमाल खास आकर्षण लिए होता हैं ,होली  जैसलमेर की अनूठी सांस्कृतिक धार्मिक महत्वताओं को समेटे होती ,हैं होली से पहले विभिन्न समाजों की निलकने वाली गैर और फ़ाग खास आकर्षण का केंद्र रहती हैं ,सदियों से चली आ रही परम्पराएं  जीवित हैं , होली के प्रति जैसलमेरवासियों  दीवानगी ने इसे वैश्विक  पटल पर खास पहचान दिलाई यही कारन हे की पिछले सालों से विदेशी पर्यटक  होली मनाने बड़ी संख्या में जैसलमेर पहुंचते हैं ,इस बार भी बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी होली खेलने जैसलमेर पहुंचे ,किले  ऊपर की होटल विदेशी सैलानियों से बुक हैं ,



 स्वर्णनगरी में होली का उल्लास कुछ ही दिनों में छाने वाला है। स्वर्णनगरी में रंगों का त्योहार अपनी रंगीन छटाओं में सात समंदर पार से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। पर्यटन उद्योग के जानकारों का कहना है कि इस बार होली मनाने के लिए तीन हजार से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक जैसलमेर पहुंचेंगे, जो रंगों में सराबोर होने को आतुर हैं। यहां की पारम्परिक  और गरिमामयी होली का आकर्षण हर साल सैकड़ों यूरोपीय पर्यटकों को जैसलमेर  खींच लाता है।


विदेशी पर्यटकों का जैसलमेर की होली से यह रिश्ता नया नहीं है। तीन दशक पहले जब कुछ यूरोपीय पर्यटकों ने पहली बार जैसलमेर में होली का आनंद लिया था, तब से यह चलन हर साल बढ़ता जा रहा है। अब तो होली से पहले ही विदेशी पर्यटकों के समूह रंगों की धूम महसूस करने जैसलमेर की गलियों में पहुंच जाते हैं।


आगामी 13 और 14 मार्च को जब स्वर्णनगरी के आसमान में गुलाल के बादल छाएंगे, तब विदेशी पर्यटकों के समूह गोपा चौक, सोनार दुर्ग, पटवा हवेलियों और संकरी गलियों में नाचते नजर आएंगे। उनके हाथों में पिचकारियां, चेहरों पर मुस्कान और आंखों में भारतीय संस्कृति को जीने का उत्साह होगा। बच्चों के साथ रंगों की मस्ती, स्थानीय लोगों के साथ गुलाल उड़ाना और चंग-ढोल की थाप पर नाचना- यह सब उनके लिए किसी स्वप्नलोक से कम नहीं है।


पर्यटन संबंधी जानकारी बताती है कि हजारों  देशी-विदेशी पर्यटकों के आने से जैसलमेर में पर्यटन को भी नई उड़ान मिलेगी। इससे होटल, गाइड, कैफे, लोक कलाकार और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक बढ़ावा मिलेगा। हर साल यह संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे पता चलता है कि जैसलमेर की होली अब वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान बना चुकी है।


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