ऋण बकायादारों जमानतियों के नाम सार्वजनिक करेगा कॉपरेटिव बैंक ,वसूली अभियान शुरू ,समिति गठित

 ऋण बकायादारों  जमानतियों के नाम सार्वजनिक करेगा कॉपरेटिव बैंक ,वसूली अभियान शुरू ,समिति गठित 


जैसलमेर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक अब बकाया ऋण बकायदारों और उनके जमानतियों  से वसूली करेगा ,इसके लिए बैंक प्रबंधन ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली हैं , 



 जैसलमेर सेन्ट्रल  कॉपरेटिव बैंक में लगभग साठ करोड़ से अधिक ऋण और ब्याज खातेदारों से बकाया चल रहा हैं ,पिछले दो सालों में ऋण  बकायादारों से उचित वसूली नहीं होने  की आर्थिक स्थति डांवाडोल हो गयी ,जिसके चलते पिछले  द्वारा ग्राम   सदस्य किसानों को खरीफ और रबी फसलों के ऋण तक नहीं दिए ,बैंक प्रबंधक वसूली को लेकर काफी गंभीर दिख रहे हैं ,बैंक के मुख्य प्रबंधक ओम सिंह भाटी ने जिला कलेक्टर पदेन  प्रशासक  प्रताप सिंह से चर्चा कर बकाया ऋण वसूली के लिए विस्तृत योजना बनाई ,इस योजना के तहत अब रीनंदरों से व्यक्तिगत वसूली के प्रयास होंगे उसके बाद बकाया रीनंदरों और जमानतियों के नाम समाचार पत्रों में सार्वजनिक किये जायेंगे ,


बैंक के एम्क डी ओम सिंह भाटी ने बताया कि लक्टर एवं प्रषासक जैसलमेर केन्द्रीय सहकारी बैक लि0. के निर्देषानुसार बैंक के पुराने बकाया / एनपीए ऋणों पर कड़ी कार्यवाही की तैयारी की जा रही है। बैंक के प्रबन्ध निदेषक श्री ओमपाल सिंह भाटी ने बताया कि लम्बे समय से अवधिपार एवं एनपीए ऋणियों को सहकारी अधिनियम की धारा 99 एवं 100 तथा एन.आई.एक्ट 138 के तहत कड़ी कार्यवाही हेतु जिला कलक्टर महोदय ने निर्देष प्रदान किये है साथ ही ऋणियों से व्यक्तिगत सम्पर्क हेतु वसूली दल का गठन भी किया गया है। पुराने ऋणियों एवं जमानतदारों की सभी समाचार पत्रों में नाम प्रकाषित करने हेतु की तैयारी जारी है। प्रबन्ध निदेषक ने सभी ऋणियों को अपना ऋण चुकाने की अपील की है। अन्यथा विधिक कार्यवाही की जावेगी।



क्या हे ऍन पी ऐ 


गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियाँ (Non-Performing Assets-NPA) वित्तीय संस्थानों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक ऐसा वर्गीकरण है जिसका सीधा संबंध कर्ज़/ऋण/लोन न चुकाने से होता है। जब ऋण लेने वाला व्यक्ति 90 दिनों तक ब्याज अथवा मूलधन का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसको दिया गया ऋण एनपीए माना जाता है। एनपीए को ऐसी परिसंपत्ति कहा जा सकता है जो मूल रूप से वसूली की अनुमानित अवधि तक नकद मौद्रिक प्रवाह का हिस्सा नहीं बनती।


आर आर बी आई के 2023 के के नियम से वसूली 


आर बी आई का यह निर्देश 2023 में तब आया था जब वह जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वाले ग्राहकों (विलफुल डिफॉल्टर्स) की परिभाषा को ज्यादा व्यापक बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी । 2023 में  आरबीआई ने इस बारे में नये निर्देश पर विमर्श करने के लिए एक ड्राफ्ट प्रपत्र जारी किया है। इसमें आरबीआई ने साफ किया है कि वह 25 लाख रुपये से ज्यादा का बैंकिंग कर्ज नहीं लौटाने वाले ग्राहकों को उसके कर्ज खाते को एनपीए घोषित होने के छह महीने के भीतर 'विलफुल डिफॉल्टर्स' घोषित किया जा सकेगा।



 फोटो jccb 

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