भीषण गर्मी में जनता को पेयजल संकट से मिलेगी राहत
जैसलमेर 1 करोड़, पोकरण शहर में 40 लाख व गांवों के लिए 3 करोड़ का कंटिजेंसी प्लान स्वीकृत
चन्दन सिंह भाटी
जैसलमेर बारहों महीने पानी का संकट झेलने वाले जैसलमेर बार गर्मियों में पानी के संकट से राहत मिलने के आसार नजर हैं ,इस बार जलदाय विभाग ने गर्मियां आने से पहले कंटेलीजेंसी प्लान स्वीकृत करवा दिया ,जिससे ग्रामीण अंचलों में पेयजल किल्ल्त से ग्रामीणों और पशुओ को राहत मिलने की उम्मीद हैं ,इस बार विभाग ने समय पूर्व कंटेलीजेंसी प्लान बनाकर स्वीकृति के लिए जयपुर मुख्यालय पर भेजा जिसे मुख्यालय द्वारा स्वीकृत कर लिया ,जिले में साढ़े चार करोड़ का प्लान स्वीकृत किया गया
आमतौर पर हर साल गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है। लेकिन इस बार जलदाय विभाग ने गर्मी के मौसम से पहले ही कंटिजेंसी प्लान तैयार किया है। जिसमें करीब 500 गांवों व 2 हजार ढाणियों तक जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही हैंडपंप व ट्यूबवैल की भी स्वीकृति मिल गई है। मुख्य अभियंता रूरल के डी गुप्ता ने कंटेलीजेंसी प्लान की स्वीकृति जारी कर दी ,जिससे भी शहरी व ग्रामीण अंचलों में आमजन के हलक तर किए जाएंगे।
वास्तविकता में नहर की सोच पेयजल का पानी उपलब्ध करवाने के लिए ही थी। लेकिन उसके बाद भूमि आवंटित कर इसे फसल के लिए भी उपयोग में लिया जाना शुरू कर दिया। लेकिन सिंचाई होने के बाद से नहर पेयजल में भी काम नहीं आ रही है। जैसलमेर में सबसे ज्यादा जरूरत गर्मियों के मौसम में होती है। लेकिन इसी समय नहरबंदी होने के कारण पेजयल तक का पानी सुलभ उपलब्ध नहीं हो पाता है।
जिससे जलदाय विभाग को कंटिंजेंसी प्लान लागू करना पड़ता है। जिसके चलते आमजन को पीने के पानी के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जलदाय विभाग द्वारा इस बार पानी का परिवहन करवाने के साथ ही सुलभ पहुंच के प्रयास किए जाएंगे। समर प्लान के तहत जलदाय विभाग द्वारा जैसलमेर शहर के लिए 99.29 लाख, पोकरण शहर के लिए 39.59 लाख तथा ग्रामीण अंचलों के गांवों के लिए 3 करोड़ 76 हजार रुपए का कंटिंजेंसी प्लान स्वीकृत हो गया ।
जिससे ग्रामीण अंचलों के ना सिर्फ ग्रामीणों बल्कि पशुधन को भी राहत मिलेगी। अभी तक पशुधन पानी के अभाव में दर दर की ठोकर खा रहे है। लेकिन कंटिंजेंसी प्लान के तहत पशु बाहुल्य वाले सरहदी जिले में इस बार पशुओं का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। जैसलमेर में हर साल पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। मरुस्थली जिला होने के अलावा नहरी मानचित्र में भी जैसलमेर टेल पर है। ऐसे में यहां गर्मियों के मौसम में पानी को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि हर बार जलदाय विभाग द्वारा पेयजल व्यवस्था के लिए प्रयास किए जाते है। लेकिन हर बार सारी तैयारियां पूरी तरह से फेल हो जाती है।
अब जैसे-जैसे गर्मी का असर तेज होगा पानी की खपत बढ़ेगी। जैसलमेर व बाड़मेर में सबसे बड़ी दिक्कत ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को झेलनी पड़ सकती है। हर बार नहरबंदी से जैसलमेर में पेयजल संकट गहरा जाता है। जलदाय विभाग द्वारा हर साल नहरबंदी होने पर जलापूर्ति को लेकर बड़े-बड़े दावे तो जरूर किए जाते है। लेकिन हर बार पेयजल संकट गहराने से पेयजल विभाग भी हाथ खड़े कर देता है। जिससे लोगों को पेयजल के लिए भी काफी परेशान होना पड़ता है। इस बार जलदाय विभाग द्वारा विशेष तैयारियां की गई है। जलदाय विभाग की मोहनगढ़ डिग्गी में 30 दिन का पानी स्टोरेज क्षमता है। इसके तहत जैसलमेर व बाड़मेर शहर तथा जैसलमेर के 193 गांवों व बाड़मेर के करीब 550 गांवों में पानी सप्लाई होती है।
27 अप्रेल से नहरबंदी होना प्रस्तावित है। जैसलमेर जिले में 612 नलकूप व 7681 हैंडपंपों को तैयार करवाया गया है। इसके साथ ही 80 आरओ, 113 सोलर डीएफयू तथा 53 सोलर नलकूप, शहर के लिए 11 भूतल जलाशय, 17 स्वच्छ जलाशय तथा 14 बड़े जलाशय इसी प्रकार ग्रामीण अंचलों के लिए 1721 भूतल, 385 स्वच्छ जलाशय तथा 18 बड़े जलाशय से पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
गर्मी के मौसम की तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार कंटिजेंसी प्लान के तहत यह प्रयास किया जाएगा कि पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। उम्मीद है कि इस बार गर्मी के मौसम में पेयजल की दिक्कत नहीं आएगी। जलदाय विभाग आमजन को सुलभ पेयजल आपूर्ति पहुंचाने के लिए पूरे प्रयास कर रहा है।कँटीलिजेंसी प्लान को स्वीकृति मिल गयी हैं ,जिससे जैसलमेर की जनता को गर्मियों पेयजल सहज सुलभ कराया जायेगा , निरंजन मीणा, अधिशाषी अभियंता, पीएचईडी
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