राजस्थान में राष्ट्रपति शासन की संभावना ,उच्च स्तरीय बैठक आयोजित !
: राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने के सम्बंध में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई । बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यमंत्री जी.कृष्ण रेड्डी तथा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी उपस्थित थे ।
भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में स्पस्ट तौर पर कहा गया कि प्रदेश में सरकार करत्वविमुख होकर होटलों में अय्याशी कर रही है । सारा प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह तहस नहस होगया है तथा सत्तारूढ़ दल के विधायक अलग अलग खेमो में बंटकर कुश्ती लड़ रहे है । नतीजतन जनता अपनी बुनियादी सुविधाओ से महरूम है ।
बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि गहलोत और सचिन पायलट दोनों खेमे अदालत में जाकर जोर आजमाइश कर रहे है ।
अदालत में किसी गुट के पक्ष में फैसला आता है तो दूसरा गुट निश्चित रूप से सर्वोच्च न्यायालय में उस फैसले को चुनोती देगा । ऐसे में प्रदेश की जनता का भगवान ही मालिक है ।
बताया जाता है कि एक खुफिया एजेंसी ने केंद्र को आगाह किया है कि राजस्थान में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होगई है । परिणामतः कोरोना पीड़ितों का अपेक्षित गति से इलाज नही हो पा रहा है । केंद्र ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से भी प्रदेश की ताजा रिपोर्ट मांगी है । सरकार अदालत के फैसले का आज इंतजार करेगी । फैसला दोनों पक्षो को ग्राह्य हुआ तो राष्ट्रपति शासन नही लगेगा । वरना सर्वोच्च न्यायलय में जाने से पूर्व ही राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है ।
: राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने के सम्बंध में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई । बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यमंत्री जी.कृष्ण रेड्डी तथा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी उपस्थित थे ।
भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में स्पस्ट तौर पर कहा गया कि प्रदेश में सरकार करत्वविमुख होकर होटलों में अय्याशी कर रही है । सारा प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह तहस नहस होगया है तथा सत्तारूढ़ दल के विधायक अलग अलग खेमो में बंटकर कुश्ती लड़ रहे है । नतीजतन जनता अपनी बुनियादी सुविधाओ से महरूम है ।
बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि गहलोत और सचिन पायलट दोनों खेमे अदालत में जाकर जोर आजमाइश कर रहे है ।
अदालत में किसी गुट के पक्ष में फैसला आता है तो दूसरा गुट निश्चित रूप से सर्वोच्च न्यायालय में उस फैसले को चुनोती देगा । ऐसे में प्रदेश की जनता का भगवान ही मालिक है ।
बताया जाता है कि एक खुफिया एजेंसी ने केंद्र को आगाह किया है कि राजस्थान में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होगई है । परिणामतः कोरोना पीड़ितों का अपेक्षित गति से इलाज नही हो पा रहा है । केंद्र ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से भी प्रदेश की ताजा रिपोर्ट मांगी है । सरकार अदालत के फैसले का आज इंतजार करेगी । फैसला दोनों पक्षो को ग्राह्य हुआ तो राष्ट्रपति शासन नही लगेगा । वरना सर्वोच्च न्यायलय में जाने से पूर्व ही राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है ।
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