रविवार, 28 जून 2020

जैसलमेर हावड़ा का ठहराव जैसलमेर यथावत रखने को लेकर ग्रुप फॉर पीपल का जन अभियान शुरू प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


 जैसलमेर हावड़ा का ठहराव जैसलमेर यथावत रखने को लेकर ग्रुप फॉर पीपल का जन अभियान शुरू

प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जैसलमेर रेल मंत्रालय द्वारा गत दिनों रेलों के मार्ग में किये परिवर्तन में हावड़ा एक्सप्रेस को जैसलमेर की बजाय बीकानेर में रोकने के प्रस्ताव के विरोध में सामाजिक सरोकार और नवाचार के प्रतिक ग्रुप फॉर पीपल जैसलमेर द्वारा हावड़ा का ठहराव जैसलमेर  यथावत रखने को लेकर जन अभियान का आगाज़ किया ,गुरुवार को ग्रुप सदस्यों ने प्रधानमंत्री ,रेल मंत्री और कृषि राज्य मंत्री के नाम का ज्ञापन ग्रुप संयोजक चंदन सिंह भाटी ,अध्यक्ष मुकेश गज्जा ,ग्रुप के संस्थापक सदस्य हरीश धनदे ,ऋषि तेजवानी ,राजेंद्र सिंह चौहान ,मान सिंह देवड़ा ,जीतेन्द्र खत्री ने जिला कलेक्टर नामित मेहता को सुपुर्द किया ,,

ज्ञापन में लिखा हे कि गत दिनों रेलवे विभाग द्वारा रेलों के संचालन में बदलाव किया, जिसमे हावड़ा बीकानेर ट्रेन 14717 को बीकानेर से जैसलमेर तक संचालित हो रही थी जिसे बीकानेर तक रोक दिया गया हैं ,जो दुर्भाग्य पूर्ण हैं ,जैसलमेर देश का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल हैं ,कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के चलते जैसलमेर में पर्यटन की कमर पहले ही टूट चुकी हे। ऐसे में हावड़ा बीकानेर रेल को जैसलमेर से हटाकर बीकानेर तक रोकने के निर्णय से जैसलमेर का न केवल टूरिज्म खत्म होगा बल्कि जैसलमेर के स्थानीय प्रवासियों को मिलने वाली सुविधा भी बंद होगी,वहीं आर्मी ,बी एस एफ  जवानो को सुविधा से महरूम होना पड़ेगा । यह रेल जैसलमेर के पर्यटन  के लिए मील का पत्थर हे क्यूंकि पश्चिमी बंगाल से लाखो की तादाद में पर्यटक प्रति वर्ष जैसलमेर आते हैं ,वहीँ  जैसलमेर के हज़ारो लोग पश्चिम बंगाल में व्यवसाय से जुड़े प्रवासी हे उनको भी आने जाने की सुविधा मिलती हैं ,साथ ही पड़ौसी जिले बीकानेर से जैसलमेर को जोड़ती हैः,जैसलमेर के लोगो का बीकानेर से रोटी बेटी का रिश्ता हैं ,आपसी व्यापारिक और पारिवारिक संबध हैं ,छोटे बड़े कार्यो के लिए जैसलमेर के लोग बीकानेर जाते हैं ,चूँकि हावड़ा एक्सप्रेस जैसलमेर वासियों के लिए लाइफ लाइन हैं ,रेल मंत्रालय का हावड़ा को जैसलमेर से बंद कर बीकानेर तक रोकने का फैसला दुर्भाग्य पूर्ण हैं ,कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के चलते जैसलमेर का पर्यटन उद्द्योग मृतप्रायः हो चूका हैं ऐसे में जैसलमेर के पर्यटन व्यवसायियों को पश्चिमी बंगाल के टूरिस्टो से उम्मीद हैं की पश्चिमी बंगाल के टूरिस्ट  जैसलमेर के पर्यटन को ऑक्सीजन देंगे मगर केंद्र सरकार के एक गलत फैसले से जैसलमेर का टूरिज्म पूरी तरह नष्ट हो जायेगा ,जैसलमेर पाकिस्तान से सट्टा हुआ सीमावर्ती जिला   हैं यहाँ आर्मी ,सीमा सुरक्षा बल की बड़ी संख्या में नियमित तैनातगी हैं ,सरहदी जवानो के आवागमन के लिए यह रेल  हैं ,सेना के जवानो लिए शास्त्र ,आर्म आदि परिवहन के साथ उन्हें हावड़ा ,बीकानर से जोड़ने के लिए एकमात्र आवागमन का साधन हैं ,वहीं आम आदमी को इस ट्रेन से सुविधा मिल रही हैं ,सेकड़ो छात्र छात्राएं देश के विभिन स्थानों पर अपना कॅरियर बनाने के लिए अध्ययनरत हैं उनको हावड़ा रेल की सुविधा मिल रही हे सुगम आवागमन के लिए ,जैसलमेर वासियों की पुरजोर मांग हे की जैसलमेर में ही वाशिंग लाइन का निर्माण कराया जाए ताकि ट्रेनों का ठहराव हो सके,वाशिंग लाइन के आभाव में ट्रेनों को बारमेर तक बढ़ाया जा रहा हैं ,वाशिंग लाइन के निर्माण के बाद ट्रेनों का ठहराव जैसलमेर में हो सकेगा ,जैसलमेर वासियो की और से पुरजोर मांग हे  की हावड़ा बीकानेर  जैसलमेर ट्रेन को यथावत रखा जाए इसको  बीकानेर तक रोकने का आदेश वापस लिया जाये ,इसे पुनः  जैसलमेर तक संचालित किया जाए ,जल्द ही आदेश वापस नहीं लिया गया तो जैसलमेर वासी आंदोलन ,धरने ,उग्र  प्रदर्शन आदि करेंगे जिसकी जिम्मेदारी रेल मंत्रालय की होगी






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