.-----------------------------------------------------------------
बाड़मेर मनरेगा बनी वरदान ,डेढ़ लाख श्रमिकों को मिला रोजगार
बाड़मेर काेराेना वैश्विक महामारी के बीच से पूरा देश ही नहीं विश्व जूझ रहा है। हर कोई घरों में बंद है। जो लोग बाहरी मजदूरी पर गए हुए थे, वो भी इस संकट के बीच घर पहुंच गए। ऐसे में जोब कार्ड धारी श्रमिकों को नरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है, इसके लिए बाड़मेर जिले में वर्तमान में 1.52 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। जबकि जिले में 6.15 लाख जोब कार्ड धारक श्रमिक है। नरेगा के तहत अब इन्हें 202 रुपए के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। ऐसे में इस कोरोना संकट में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्र के उन गरीब लोगों के लिए वरदान बनी हुई है, जो काम नहीं मिलने से घर पर बैठे थे। पंचायतीराज विभाग ने ऐसे प्रवासी मजदूरों से भी अपील की है कि जिन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है, वे ग्राम पंचायत स्तर पर जाकर रोजगार के लिए आवेदन करें, उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
बाड़मेर जिले में वर्तमान में 17 पंचायत समिति क्षेत्रों के 489 ग्राम पंचायतों में 23414 काम चल रहे है। नवीन ग्राम पंचायतों में मेपिंग नहीं होने से काम उपलब्ध नहीं करवाया गया है, लेकिन नवीन ग्राम पंचायतों को के रेवन्यू ग्राम वार उन्हें पूर्व की ग्राम पंचायत के हिसाब से रोजगार दिया जा रहा है। फिलहाल पूर्व की ग्राम पंचायत अनुसार ही नरेगा, आवास योजना, व्यक्तिगत टांका निर्माण, नाड़ी खुदाई, ग्रेवल सड़क सहित अन्य सार्वजनिक काम हो रहे है। ऐसे में उन्हें रोजगार भी पूर्व पंचायत ही देगी।
45 प्रवासी परिवार को रोजगार
जिला परिषद बाड़मेर द्वारा 45 प्रवासी परिवारों को उनकी मांग पर रोजगार उपलब्ध कराया गया हैं ,अब तक 1350 प्रवासी परिवारों ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया ,इसके विपरीत 1280 परिवारों को जॉबकार्ड उपलब्ध कराये गए हैं
सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से घर आए ऐसे प्रवासी मजदूरों से ज्यादा से ज्यादा अपील की है कि वे बाहर से घर आ गए, लेकिन रोजगार की तलाश में खाली बैठे है। वे ग्राम पंचायत से मनरेगा के तहत रोजगार की मांग करें। आवेदन भर कर दें, ताकि रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके।
मनरेगा कोरोना संकट में रोजगार दिलाने के लिए वरदान बनी हुई है। व्यक्तिगत टांका निर्माण, ग्रेवल सड़क, आवास योजना, नाड़ी खुदाई सहित कई तरह के काम मनरेगा के तहत चल रहा है। इसमें बाड़मेर के 1.34 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार की ओर से बढ़ी मजदूरी की दर से इन्हें भुगतान किया जा रहा है। -मोहनदान रतनू, सीईओ,जिला परिषद बाड़मेर
--------------------------------------------------------------
बाड़मेर मनरेगा बनी वरदान ,डेढ़ लाख श्रमिकों को मिला रोजगार
बाड़मेर काेराेना वैश्विक महामारी के बीच से पूरा देश ही नहीं विश्व जूझ रहा है। हर कोई घरों में बंद है। जो लोग बाहरी मजदूरी पर गए हुए थे, वो भी इस संकट के बीच घर पहुंच गए। ऐसे में जोब कार्ड धारी श्रमिकों को नरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है, इसके लिए बाड़मेर जिले में वर्तमान में 1.52 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। जबकि जिले में 6.15 लाख जोब कार्ड धारक श्रमिक है। नरेगा के तहत अब इन्हें 202 रुपए के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। ऐसे में इस कोरोना संकट में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्र के उन गरीब लोगों के लिए वरदान बनी हुई है, जो काम नहीं मिलने से घर पर बैठे थे। पंचायतीराज विभाग ने ऐसे प्रवासी मजदूरों से भी अपील की है कि जिन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है, वे ग्राम पंचायत स्तर पर जाकर रोजगार के लिए आवेदन करें, उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
बाड़मेर जिले में वर्तमान में 17 पंचायत समिति क्षेत्रों के 489 ग्राम पंचायतों में 23414 काम चल रहे है। नवीन ग्राम पंचायतों में मेपिंग नहीं होने से काम उपलब्ध नहीं करवाया गया है, लेकिन नवीन ग्राम पंचायतों को के रेवन्यू ग्राम वार उन्हें पूर्व की ग्राम पंचायत के हिसाब से रोजगार दिया जा रहा है। फिलहाल पूर्व की ग्राम पंचायत अनुसार ही नरेगा, आवास योजना, व्यक्तिगत टांका निर्माण, नाड़ी खुदाई, ग्रेवल सड़क सहित अन्य सार्वजनिक काम हो रहे है। ऐसे में उन्हें रोजगार भी पूर्व पंचायत ही देगी।
45 प्रवासी परिवार को रोजगार
जिला परिषद बाड़मेर द्वारा 45 प्रवासी परिवारों को उनकी मांग पर रोजगार उपलब्ध कराया गया हैं ,अब तक 1350 प्रवासी परिवारों ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया ,इसके विपरीत 1280 परिवारों को जॉबकार्ड उपलब्ध कराये गए हैं
सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से घर आए ऐसे प्रवासी मजदूरों से ज्यादा से ज्यादा अपील की है कि वे बाहर से घर आ गए, लेकिन रोजगार की तलाश में खाली बैठे है। वे ग्राम पंचायत से मनरेगा के तहत रोजगार की मांग करें। आवेदन भर कर दें, ताकि रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके।
मनरेगा कोरोना संकट में रोजगार दिलाने के लिए वरदान बनी हुई है। व्यक्तिगत टांका निर्माण, ग्रेवल सड़क, आवास योजना, नाड़ी खुदाई सहित कई तरह के काम मनरेगा के तहत चल रहा है। इसमें बाड़मेर के 1.34 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार की ओर से बढ़ी मजदूरी की दर से इन्हें भुगतान किया जा रहा है। -मोहनदान रतनू, सीईओ,जिला परिषद बाड़मेर
--------------------------------------------------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें