गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

बाड़मेर,निर्धारित समय पर समस्याओं का निस्तारण करे- अंशदीप जिला स्तरीय जन सुनवाई में आमजन की परिवेदनाएं सुनकर दिए समाधान के निर्देश

बाड़मेर,निर्धारित समय पर समस्याओं का निस्तारण करे- अंशदीप
जिला स्तरीय जन सुनवाई में आमजन की परिवेदनाएं सुनकर दिए समाधान के निर्देश


बाड़मेर, 13 फरवरी। जिला मुख्यालय पर भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र में गुरूवार को जिला स्तरीय जन सुनवाई के दौरान जिला कलक्टर अंशदीप ने आमजन की परिवेदनाएं सुनी। इस दौरान कई ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया गया। अन्य प्रकरणों में विभागीय अधिकारियों को जांच एवं आवश्यक कार्यवाही करते हुए निर्धारित समय पर अक्षतः निस्तारण कर परिवादियों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
जन सुनवाई के दौरान जिला कलक्टर अंशदीप ने ग्रामीण क्षेत्रों से आए परिवादियों से जुडे़ मामलों में संबंधित अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिले के विभिन्न स्थानों से आए लोगों ने विभिन्न समस्याओं से जुड़ी 100 परिवेदनाएं प्रस्तुत की। इसमे कुछ समस्याओं का मौके पर समाधान कर आमजन को राहत पहुंचाई गई। जबकि अन्य मामलों में निर्धारित समय सीमा में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया।
जिला स्तरीय जन सुनवाई के दौरान जिला कलक्टर अंशदीप ने छोगाणियों की ढाणी बाटाडू के नेखमबन्दी के प्रकरण में तहसीलदार बायतु को आज ही रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत धारासर में बकाया विद्युत कनेक्शन की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। नगर परिषद आयुक्त बालोतरा को वर्धमान स्कूल के पास खसरा नम्बर 656 एवं रूणेचा मंदिर के पास रास्ते पर अतिक्रमण की जॉच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होने शिव में मानसरोसर तालाब के पास अतिक्रमण कर रास्ता ब्लॉक करने के मामले में उपखण्ड अधिकारी को जॉच कर रास्ता खुलवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार आमजन की ओर से गैर मुमकिन एवं सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटवाने, विकलांगता प्रमाण पत्र दिलवाने, भूमि आवंटन करवाने, रहवासी मकान से विद्युत के तार हटवाने, क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत करवाने, पेयजल संकट, विद्युत कनेक्शन करवाने, विद्युत मीटर की रिडिंग चैक कर बिल दुरस्त करवाने, जली हुई डीपी को बदलवाने, टांका निर्माण की जॉच करवाने, पेंशन शुरू करवाने समेत विभिन्न प्रकार की परिवेदनाएं प्रस्तुत की गई। जिस पर जिला कलक्टर अंशदीप ने मौके पर उपस्थित एवं वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता से परिवेदनाओं का निस्तारण कर आमजन को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। जिला स्तरीय जन सुनवाई के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू, सहायक निदेशक लोक सेवाएं कृष्ण कन्हैया गोयल, उपखण्ड अधिकारी बाडमेर नीरज मिश्र, उपखण्ड अधिकारी सिणधरी कंचन राठौड़, पुलिस उप अधीक्षक विजयसिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक श्रीमती सती चौधरी, अधीक्षण अभियन्ता हेमन्त चौधरी, एम.एल. जाट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. कमलेश चौधरी, कोषाधिकारी दिनेश बारहठ समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
सम्पर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों को दो दिवस मे निस्तारित करे- जिला कलक्टर अंशदीप ने आफॅलाइन एवं सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज 30 दिवस से अधिक अवधि से लम्बित प्रकरणों को गम्भीरता से लेते हुए दो दिवस में प्रकरणों का निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि अधिकारी व्यक्तिशः प्रकरण निस्तारण का कार्य संवेदनशीलता एवं गम्भीरता से करे तथा इसके लिए किसी अधीनस्थ कार्मिक पर निर्भर नहीं रहें। उन्होने कहा कि क्वालिटी ऑफ डिस्पोजल अच्छा हो ताकि प्रकरण पुनः प्राप्त न हो।
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राजस्व विभाग लगाएगा विशेष शिविर
किसानों की गैर खातेदारी भूमि को खातेदारी में बदला जाएगा
बाड़मेर, 13 फरवरी। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि राज्य के सभी किसानों की गैर खातेदारी भूमि को खातेदारी में बदला जाएगा तथा इसकी जिलों से सूचना मंगवाकर विभागीय कैंप के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा।
चौधरी प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होेंने कहा कि राज्य में जहां कहीं भी गैर खातेदारी से खातेदारी भूमि में परिवर्तित करने के प्रकरण की सूचना प्राप्त हुई है, उनकी सभी जिलों से सूची मंगवाई गई है और ऐसे सभी गैर खातेदारों को राज्य सरकार खातेदारी का अधिकार देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कैंप लगाकर गैर खातेदारी भूमि को खातेदारी में बदल दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बरड क्षेत्र में गैर खातेदारी से खातेदारी दिये जाने का प्रकरण वर्तमान में राज्य सरकार के स्तर पर राज्य के सभी जिलों से संर्दभित सूचना प्राप्त कर निर्णय हेतु विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि निदेशालय, खान एवं भू-विज्ञान विभाग उदयपुर राजस्थान के परिपत्र क्रमांक 884 दिनांक 19 अगस्त 2008 से शासन के परिपत्र क्रमांक प.14(20)खान/ग्रुप-2/95 दिनांक 15 नवंबर 1995 के द्वारा राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 1986 के अन्तर्गत खातेदारी एवं निजी भूमि में खनन पट्टा स्वीकृति एवं नवीनीकरण किये जाने के पूर्व खातेदार की सहमति प्राप्त किये जाने हेतु निर्देशित किया हुआ है। उन्होंने परिपत्र की प्रति सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017 लागू होने से खातेदार को ही खनन पट्टा जारी किया जाता है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि प्रकरण में खनिज संभावित क्षेत्र में खनन पटटाधारियों व राजकीय भूमि के आवंटी गैर खातेदारों के मध्य विवादों के नियंत्रण हेतु जिला स्तर से पत्र दिनांक 24 सितम्बर 1985 द्वारा प्रशासनिक आदेश जारी किये गये है। उन्होंने बताया कि गैर खातेदारों द्वारा भूमि का समर्पण राज्य सरकार के पक्ष में किये जाने के पश्चात नामान्तरण सिवायचक होने से बरड क्षेत्र में रकबा 58.54 है0 क्षेत्र में खनन पट्टे स्वीकृत किये गये है। न्यायालयोंध्तत्कालीन तहसीलदार के आदेशों से गैर खातेदारी से रकबा 214.48 है0 में खातेदारी अधिकार दिये गये है। वर्तमान में 1781.45 है0 भूमि गैर खातेदारी में दर्ज है ।
चौधरी ने बताया कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42, 46ए, 175 तथा राजस्थान भू-राजस्व (कृषि हेतु आवंटन नियम ) 1970 के नियम 6 (3) के प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कृषकों की भूमि को अनुसूचित जाति से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को ही हस्तान्तरण का प्रावधान है।
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अतिरिक्त चार्ज वाले पटवारियों को संबंधित पटवार सर्किल में रहने के निर्देश
बाड़मेर, 13 फरवरी। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गुरूवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि जिन पटवारियों को अतिरिक्त पटवार सर्किल का चार्ज दिया गया है, उन्हें निर्धारित दिवस पर संबंधित पटवार मुख्यालय पर रहने के लिए पाबंद किया जायेगा।
चौधरी प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुये पटवारियों को अपने संबंधित पटवार हल्के के मुख्यालय में  रहना आवश्यक है। राजस्व मंत्री ने कहा कि जिन पटवारियों को अतिरिक्त पटवार हल्के का चार्ज दिया गया है, उनके लिए उस पटवार मुख्यालय में निर्धारित दिवसों पर उपस्थित रहने के लिए विभाग की ओर से निर्देश जारी किये जायेंगे।
राजस्थान भू-राजस्व (भू-अभिलेख) नियम, 1957 के नियम 12(1) में प्रावधान है कि हल्का पटवारी अपने क्षेत्र के उस गांव में निवास रखेगा, जो कि कलक्टर द्वारा उसका मुख्यालय मुकर्रर किया गया हो, जब तक कि उसने अपने क्षेत्र के बाहर रहने की लिखित अनुमति कलक्टर से न ले ली हो। पटवारी को अपने पटवार मुख्यालय पर रहने के निर्देश हैं। चौधरी ने बताया कि पटवारियों के 4421 पदों को भरने की विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। शीघ्र ही सीधी भर्ती का आयोजन कर पटवारी के रिक्त पदों को भरा जायेगा। आर.आई व अन्य राजस्व कार्मिकों के पदों को पदोन्नति/सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाता है, जो एक सतत प्रक्रिया है।
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समग्र शिक्षा अभियान में नामांकन के आधार पर कंपोजिट ग्रांट स्वीकृत
बाड़मेर, 13 फरवरी। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य- योजना में राज्य के विद्यालयों में छात्र नामाकंन के आधार पर कंपोजिट ग्रांट स्वीकृत की गई है।
डोटासरा ने बताया कि समग्र शिक्षा (समसा) की वार्षिक कार्य-योजना एवं  राज्य के विद्यालयों में नामांकन के आधार पर  कम्पोजिट ग्रांट स्वीकृत की जाती हैं। उन्होंने प्रांरभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को उनके नामांकन आधार स्तरवार जारी की जाने वाली राशि का विवरण देते हुए बताया कि एक से 15 छात्रों तक विद्यालय नामांकन होने पर 12 हजार 500 तथा 15 से अधिक-100 छात्रों का विद्यालय नामांकन होने पर 25 हजार कंपोजिट राशि दी जाती है।
उन्होंने बताया कि 100 से अधिक एवं 250 विद्यालय नामांकन तक 50 हजार तथा 250 से अधिक एक हजार तक 75 हजार नामांकन आधार पर कंपोजिट राशि दी जाती हैै। उन्होंने बताया कि एक हजार से अधिक छात्रों का विद्यालय नामांकन तक एक लाख रुपये नामांकन आधार पर कंपोजिट राशि दी जाती है।
उन्होंने बताया कि सत्र 2019-2020 में योजना के तहत प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों के लिए निर्धारित राशि 15 हजार 884.500 लाख रुपये में से 50 प्रतिशत राशि माह अक्टूबर, 2019 में राशि 7 हजार 941.00 लाख रुपये एवं 25 प्रतिशत राशि माह जनवरी, 2020 में 3 हजार 971.750 लाख रूपये, सहित कुल 11 हजार 912.75 लाख रुपये आवंटन किये गये है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-2019 में कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की राशि जिलों को एक बार में जारी की गई थी तथा वर्ष 2019-20 प्राप्त राशि में से सभी मदों/गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए की गई है।
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