गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

जैसलमेर विद्युत् विभाग के ए ई एन के साथ मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुॅचाने वाला गिरफतार न्यायालय द्वारा भिजवाया गया सलाखों के पिछे

जैसलमेर    विद्युत्  विभाग के  ए ई एन के साथ मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुॅचाने वाला गिरफतार
न्यायालय द्वारा भिजवाया गया सलाखों के पिछे 


घटनाक्रम
  जैसलमेर  दिनंाक 04.02.2020 को प्रार्थी वीरसिंह पुत्र रोहिताषसिंह, जाति जाट, उम्र 27 साल पैषा नौकरी सोनारी, पुलिस थाना खेतडी नगर, जिला झुन्झनु हाल सहायक अभियन्ता, जोधपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड, श्री मोहनगढ ने मय पुखराज मीणा, कनिष्ठ अभियन्ता जोधपुर विधुत वितरण निमग लिमिटेड, श्री मोहनगढ के हाजर थाना होकर लिखित रिपोर्ट इस आष्य की पेष की कि आज में अपने मकान पर विजिलेंस पुस्तक लेने आया था। उस दौरान दिलीपसिंह पुत्र गोरधनसिंह जाति राजपुत निवासी मोहनगढ मकान पर पहुॅचा व उसने मेरा गिरेवान पकडते हुए पुराने बकाया पर कटे हुए कनेक्षन को जोडने को कहते हुए गाली गलौच की उस पर वहाॅ उपस्थित कनिष्ठ अभिन्ता पुखराज मीणा पुत्र राधेष्याम मीणा ने बीच बचाव का प्रयास किया तो उसने जाति सुचक शब्द बोले तथा विजिलेंस पुस्तक को फाडने की कोषिष की जिस पर उसके कई पन्ने फाड दिये तथा उसके द्वारा मेरे पर सरिये जा वार किया तथा जान से मारने की कोषिष की। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना मोहनगढ में मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा डालना एवं एससी/एसटी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान वृताधिकारी वृत नाचना हुकमाराम को सुपुर्द किया गया।

कार्यवाही पुलिस
दौरानु अनुसंधान जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर डाॅ. किरन कंग सिद्धू द्वारा उक्त घटना को गम्भीरता से लेते हुए वृताधिकारी वृत नाचना हुकमाराम को उक्त प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करते हुए हमलावर को तुरंत गिरफतार करने के निर्देष दिये गये। जिस पर वृताधिकारी वृत नाचना हुकमाराम के निर्देषन में आज दिनंाक 13.02.2020 को थानाधिकारी पुलिस थाना मोहनगढ माणकराम मय टीम सउनि प्रागाराम, हैड कानि हुकमाराम, कानि. सत्यवीर, चन्द्रवीरसिंह एवं ड्राईवर कानि. देवीसिंह द्वारा दिलीपसिंह पुत्र गोरधनसिंह जाति राजपुत निवासी मोहनगढ को दस्तायाब किया गया। जिस पर वृताधिकारी वृत नाचना मय टीम हैड कानि. श्रवण कुमार व कानि. ड्राईवर सहीराम द्वारा दिलीपसिंह पुत्र गोरधनसिंह जाति राजपुत निवासी मोहनगढ को गिरफतार कर न्यायालय में पेष किया जाकर न्यायालय में पेष किया गया। जिसको न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें