सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

यादगार आयोजनों के साथ मरु महोत्सव - 2020 सम्पन्न पूनम की रात में मखमली धोरों पर उमड़ा गीत-संगीत के कद्रदानों का मेला,

यादगार आयोजनों के साथ मरु महोत्सव - 2020 सम्पन्न
पूनम की रात में मखमली धोरों पर उमड़ा गीत-संगीत के कद्रदानों का मेला,
लोक संस्कृति के सुनहरे रंगों की बारिश में नहा उठा सैलानियों का तन-मन,
नवोदित से लेकर वैश्विक ख्यातिप्राप्त लोक कलाकारों का अपूर्व कुंभ जुटा,
इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ सामूहिक सांगीतिक प्रस्तुतियों का रिकार्ड,












जैसलमेर, 9 फरवरी/विश्व भर में लोक संस्कृति के शौख चटख मौलिक रंगों की बदौलत अपनी अनूठी पहचान रखने वाले परंपरागत मरु महोत्सव का आखिरी पड़ाव सम के रेतीले मखमली धोरों पर रहा, जहाँ पुरातन कला-संस्कृति और साहित्य के रंसों से भरपूर और जनमन को तरंगायित करने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने रविवार की रात ऎसा समा बाँधा कि दुनिया भर के रसिक वाह-वाह कर उठे।
माघ पूनम की यह रात कला और संस्कृति जगत के लिए इस मायने में यह अपूर्व और ऎतिहासिक है कि  सम के धोरों पर पहली बार हर फन के कलाकारों का कुंभ जुटा।
इसमें एक और जहाँ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाने वाले और बड़े-बड़े नामी लोक कलाकार शामिल हुए, वहीं नवोदित कलाकारों के साथ ही कला, संगीत और संस्कृति जगत के कद्रदान भी शामिल हुए।
यह पहला अवसर है जब जिला कलक्टर नमित मेहता की पहल पर कलाकारों का इतना बड़ा कुंभ सम के धोरों पर जुटा। और इसके साक्षी वे हजारों देशी-विदेशी सैलानी भी हैं जो दुनिया के कोने-कोने से मरु महोत्सव की यादगार और अमिट पहचान में भागीदार बने। कला-संगीत और संस्कृति से जुड़ी तकरीबन तमाम संस्थाओं ने जैसलमेर को दुनिया भर में नई पहचान देने के लिए इस आयोजन में सहभागिता निभायी।
‘‘धोरों की झंकार’’ ने कायम किया अपूर्व रिकार्ड
इस अपूर्व आयोजन और एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोक कलाकारों के कुंभ और सामूहिक प्रस्तुतियों के लिए‘‘धोरों की झंकार’’ कार्यक्रम के जरिये बेहतरीन एवं अपूर्व रिकार्ड कायम करने अहम् भूमिका निभाने के लिए जिला कलक्टर नमित मेहता को ‘‘इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड’’ का सर्टीफिकेट प्रदान किया गया। यह सर्टीफिकेट 851 लोेक कलाकारों की एक मंच से प्रस्तुतियों के लिए प्रदान किया गया।
ऋचा शर्मा की शानदार प्रस्तुतियों ने मचायी धूम
ऋचा शर्मा ने जब अपनी धमाकेदार प्रस्तुतियों से समा बाँधना शुरू किया तो धोरों पर सुमधुर स्वर लहरियों के साथ वाह-वाह और करतल ध्वनि की गूंज प्रतिध्वनित होती रही। हजारों की संख्या में जमा रसिकों ने कई बार मोबाइल की टार्च से रोशनी कर ऋचा शर्मा का साथ दिया और दाद देते हुए उनकी प्रस्तुतियों की मुक्त कण्ठ से सराहना की। ऋचा शर्मा ने ‘‘ माहिया वे सोनिया वे, माही वे, तेरा सजदा...’’ आदि पर सभी श्रोताओं को झूमने-थिरकने पर मजबूर कर दिया। केसरिया बालम..., म्हारी घूमर ए नखराली...लम्बी जुदाई...,आदि की तरन्नुम मेंं प्रस्तुतियों ने आनंद का ज्वार उमड़ा दिया।
 अल्ला हू-अल्ला हू, दिल खेर मांगता, सानू एक पल चेन न आवे आदि की शानदार गायकी का कमाल दिखाते हुए ऋचा शर्मा ने धोरों पर जंगल में महा मंगल का माहौल छितरा दिया। महोत्सव के समापन समारोह का संचालन जफर खां सिन्धी एवं गुलनाज ने किया। कार्यक्रम में आर्मी, एयरफोर्स व बीएसएफ के अधिकारी भी उपस्थित थे।
पुरस्कार प्रदान कर किया सम्मानित
इस अवसर पर जिला कलक्टर नमित मेहता, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग, जिलाप्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, नगर परिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों आदि ने कार्यक्रमों को देखा तथा सराहा।
 जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक ने मशहूर कलाकार ऋचा शर्मा का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार जताया।
सतरंगी आतिशबाजी ने गुंजाया आसमान
कार्यक्रम के उपरान्त रंगीन आतिशबाजी के नज़ारों का दिग्दर्शन कर सम में जमा सैलानी और क्षेत्रवासी खूब आनन्दित हुए। सम क्षेत्र और पर्यटन, होटल एवं रिसोर्ट से संबंधित एसोसिएशन की ओर से सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया। आतिशबाजी के साथ ही चार दिवसीय यादगार मरु महोत्सव का समापन रविवार रात हुआ।
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