जैसलमेर *एक बड़ी फिल्म सूर्यवंशी की शूटिंग जेसलमेर होते होते रह गई*
*मुम्बई में बना डाला जैसलमेर *
जैसलमेर *बहुप्रतीक्षित सूर्यवंशी अगर जेसलमेर में शूट होती तो पर्यटन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होती*
जैसलमेर कोई चार दशक पहले देश के बहुचर्चित फिल्मकार सत्यजीत रे का जैसलमेर प्रदार्पण हुआ था।जिस वक्त रे जेसलमेर आये उस वक़्त जेसलमेर की पर्यटन क्षेत्र में कोई पहचान नही थी।।सत्यजीत रे ने जैसलमेर में अपनी महत्वकांक्षी फ़िल्म सोनार किला की शूटिंग की।।लम्बे समय शूटिंग चली।।जैसलमेर की ऐतिहासिक,सांस्कृतिक और परंपराओं को बेहद खूबसूरती से फिल्माया।।सोनार किला प्रदर्शित होते होते जैसलमेर एकाएक पर्यटन क्षेत्र में सुर्खियों में आ गया।।बंगाली पर्यटक और मुंबई के फिल्मकारों का रूख जेसलमेर की तरफ होने लगा।।सत्यजीत रे ने एक और फ़िल्म दो बूंद पानी की शूटिंग भी जेसलमेर में की फिर आये सुनील दत्त।।सुनील दत्त ने रेशमा और शेरा में जैसलमेर के लोक जीवन और रेगिस्तानी धोरों को इतनी खूबसूरती से फिल्माया की जेसलमेर के रेगिस्तान के चर्चे पूरे देश मे होने लगे।।लोग जेसलमेर की हवेलियां और रेगिस्तान देखने आने लगे।।सोनार किला और रेशमा और शेरा ने जैसलमेर की खूबसूरती को अंतराष्ट्रीय पहचान दी।।विदेशी पर्यटकों का रूख जैसलमेर की और होने लगा।।अस्सी के दशक आते आते जेसलमेर में लाखों विदेशी पर्यटक आने लगे।।विश्व पर्यटन क्षेत्र के नक्शे पर जेसलमेर ने अपनी खास पहचान बना ली।।फिल्मकारों का रूख भी लगातार जेसलमेर की तरफ बढ़ने लगा।।रजिया सुल्तान,सल्तनत,कृष्णा,ऐलान ऐ जंग जैसी फिल्में बनती गई।फिल्मकारों की रुचि भी जेसलमेर में बढ़ती गई।।राजकपूर की अब्दुल्लाह और बॉबी देओल की नन्हे जेसलमेर ने इस परंपरा को और आगे बढ़ाया।।फिल्मों की शूटिंग बढ़ती गई तो जिला प्रशासन सामान्य परमिशन की पेचीदगियां बढाते गए।।नित नए सुविधा शुल्क,लगने शुरू।।फ़िल्म लाइन से जुड़े छोटे बड़े व्यवसायी ले दे कर परमिशन लेने लगे।धीरे धीरे हर मोड़ पर सुविधा शुल्क का दायरा बढ़ता गया।।जजेसलमेर के पर्यटन को आगे लाने में फिल्मकारों का ही योगदान है यह जिला प्रशासन भूल गया।।फ़िल्म शूटिंगों की फाइलों में रोड़े अटकाने शुरू किए।फिल्मकार पैसा फेंकता है उन्हें समय पर काम चाहिए।।इसी लालच में परमिश्नो में अड़ंगे डालते गए।।साउथ के फिल्मकारों का रुख जेसलमेर की तरफ बढ़ने लगा।।बहुत सारी फिल्में बनी।।मगर जिला प्रशासन में परमिशन जिला कलेक्टर देते है मगर सुविधा शुल्क पुलिस, सुरक्षा एजेंसियां,नगर परिषद,जेसलमेर विकास समिति ,पार्किंग स्थल,पर मनमानी से लेने लगे।।एक दो लाख का काम बीस बीस लाख तक पहुंच गया ।इतना पैसा सुविधा शुल्क और परमिशन के नाम पर देना साथ ही परमिशन के लिए लाचारगी फिल्मकारों को मजबूर कर रही थी कि जेसलमेर में शूटिंग न हो।।ऐसा होने लगा।पिछले कुछ सालों में शूटिंगों का सिलसिला कुछ थमा।।हाल ही में फ़िल्म लाइन से जुड़े कुछ लोग परेशानियां लेकर जिला कलेक्टर नमित मेहता से मिलें भी थे।जिला कलेक्टर ने इन्हें इंसयोर किया कि उनके रहते परमिशन में कोई दिक्कत नही आएगी।फालतू के चार्ज भी नही लेने देंगे।।।इसी बीच एक बहुत बड़ी फिल्म जेसलमेर में शूट होते होते रह गई।शूट न होने का कारण भी परमिश्नो में दिक्कत प्रमुख रहा।।इस बार निर्माता निर्देशक रोहित शेट्टी थे। उनकी बहुप्रतीक्षित और चर्चित पुलिस सीरीज की फ़िल्म सूर्यवंशी की शूटिंग जेसलमेर होनी थी।।मगर पेचीदगियों के चलते उन्होंने मुंबई में ही जेसलमेर बना डाला।।किला,पटवा हवेली,छतरियां,रेगिस्तान सब कुछ एक सेट ही बना डाला।।अक्षय कुमार,अजय देवगन और रणवीर सिंह जैसे दिग्गजों के साथ पूरी फिल्म ही सेट पर शूट की।।अलबत्ता यह फ़िल्म जेसलमेर के ढली लोकेशन पर शूट होती तो यकीनन जेसलमेर के टूरिज्म को नया आयाम मिलता।।अभी पिछले दिनों कुछ हिस्सों की शूटिंग बेक ग्राउंड शूटिंग जेसलमेर में कई गई।।
जिला प्रशासन को फ़िल्म की शूटिंगों के लिए लचीला रुख अपनाना होगा।।परमिशन की पेचीदगियां कम करनी होगी।साथ ही राज्य सरकार को भी लिखना चाहिए कि फिल्मों की शूटिंग करने के लिए निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए अन्य राज्यो की तरह छूट दी जाए।।ताकि फिल्मकारों का पैसा शूटिंग के जरिये पर्यटन क्षेत्र में निवेश हो।।जिसका फायदा यकीनन जेसलमेर के टूरिज्म को मिलेगा।।
*मुम्बई में बना डाला जैसलमेर *
जैसलमेर *बहुप्रतीक्षित सूर्यवंशी अगर जेसलमेर में शूट होती तो पर्यटन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होती*
जैसलमेर कोई चार दशक पहले देश के बहुचर्चित फिल्मकार सत्यजीत रे का जैसलमेर प्रदार्पण हुआ था।जिस वक्त रे जेसलमेर आये उस वक़्त जेसलमेर की पर्यटन क्षेत्र में कोई पहचान नही थी।।सत्यजीत रे ने जैसलमेर में अपनी महत्वकांक्षी फ़िल्म सोनार किला की शूटिंग की।।लम्बे समय शूटिंग चली।।जैसलमेर की ऐतिहासिक,सांस्कृतिक और परंपराओं को बेहद खूबसूरती से फिल्माया।।सोनार किला प्रदर्शित होते होते जैसलमेर एकाएक पर्यटन क्षेत्र में सुर्खियों में आ गया।।बंगाली पर्यटक और मुंबई के फिल्मकारों का रूख जेसलमेर की तरफ होने लगा।।सत्यजीत रे ने एक और फ़िल्म दो बूंद पानी की शूटिंग भी जेसलमेर में की फिर आये सुनील दत्त।।सुनील दत्त ने रेशमा और शेरा में जैसलमेर के लोक जीवन और रेगिस्तानी धोरों को इतनी खूबसूरती से फिल्माया की जेसलमेर के रेगिस्तान के चर्चे पूरे देश मे होने लगे।।लोग जेसलमेर की हवेलियां और रेगिस्तान देखने आने लगे।।सोनार किला और रेशमा और शेरा ने जैसलमेर की खूबसूरती को अंतराष्ट्रीय पहचान दी।।विदेशी पर्यटकों का रूख जैसलमेर की और होने लगा।।अस्सी के दशक आते आते जेसलमेर में लाखों विदेशी पर्यटक आने लगे।।विश्व पर्यटन क्षेत्र के नक्शे पर जेसलमेर ने अपनी खास पहचान बना ली।।फिल्मकारों का रूख भी लगातार जेसलमेर की तरफ बढ़ने लगा।।रजिया सुल्तान,सल्तनत,कृष्णा,ऐलान ऐ जंग जैसी फिल्में बनती गई।फिल्मकारों की रुचि भी जेसलमेर में बढ़ती गई।।राजकपूर की अब्दुल्लाह और बॉबी देओल की नन्हे जेसलमेर ने इस परंपरा को और आगे बढ़ाया।।फिल्मों की शूटिंग बढ़ती गई तो जिला प्रशासन सामान्य परमिशन की पेचीदगियां बढाते गए।।नित नए सुविधा शुल्क,लगने शुरू।।फ़िल्म लाइन से जुड़े छोटे बड़े व्यवसायी ले दे कर परमिशन लेने लगे।धीरे धीरे हर मोड़ पर सुविधा शुल्क का दायरा बढ़ता गया।।जजेसलमेर के पर्यटन को आगे लाने में फिल्मकारों का ही योगदान है यह जिला प्रशासन भूल गया।।फ़िल्म शूटिंगों की फाइलों में रोड़े अटकाने शुरू किए।फिल्मकार पैसा फेंकता है उन्हें समय पर काम चाहिए।।इसी लालच में परमिश्नो में अड़ंगे डालते गए।।साउथ के फिल्मकारों का रुख जेसलमेर की तरफ बढ़ने लगा।।बहुत सारी फिल्में बनी।।मगर जिला प्रशासन में परमिशन जिला कलेक्टर देते है मगर सुविधा शुल्क पुलिस, सुरक्षा एजेंसियां,नगर परिषद,जेसलमेर विकास समिति ,पार्किंग स्थल,पर मनमानी से लेने लगे।।एक दो लाख का काम बीस बीस लाख तक पहुंच गया ।इतना पैसा सुविधा शुल्क और परमिशन के नाम पर देना साथ ही परमिशन के लिए लाचारगी फिल्मकारों को मजबूर कर रही थी कि जेसलमेर में शूटिंग न हो।।ऐसा होने लगा।पिछले कुछ सालों में शूटिंगों का सिलसिला कुछ थमा।।हाल ही में फ़िल्म लाइन से जुड़े कुछ लोग परेशानियां लेकर जिला कलेक्टर नमित मेहता से मिलें भी थे।जिला कलेक्टर ने इन्हें इंसयोर किया कि उनके रहते परमिशन में कोई दिक्कत नही आएगी।फालतू के चार्ज भी नही लेने देंगे।।।इसी बीच एक बहुत बड़ी फिल्म जेसलमेर में शूट होते होते रह गई।शूट न होने का कारण भी परमिश्नो में दिक्कत प्रमुख रहा।।इस बार निर्माता निर्देशक रोहित शेट्टी थे। उनकी बहुप्रतीक्षित और चर्चित पुलिस सीरीज की फ़िल्म सूर्यवंशी की शूटिंग जेसलमेर होनी थी।।मगर पेचीदगियों के चलते उन्होंने मुंबई में ही जेसलमेर बना डाला।।किला,पटवा हवेली,छतरियां,रेगिस्तान सब कुछ एक सेट ही बना डाला।।अक्षय कुमार,अजय देवगन और रणवीर सिंह जैसे दिग्गजों के साथ पूरी फिल्म ही सेट पर शूट की।।अलबत्ता यह फ़िल्म जेसलमेर के ढली लोकेशन पर शूट होती तो यकीनन जेसलमेर के टूरिज्म को नया आयाम मिलता।।अभी पिछले दिनों कुछ हिस्सों की शूटिंग बेक ग्राउंड शूटिंग जेसलमेर में कई गई।।
जिला प्रशासन को फ़िल्म की शूटिंगों के लिए लचीला रुख अपनाना होगा।।परमिशन की पेचीदगियां कम करनी होगी।साथ ही राज्य सरकार को भी लिखना चाहिए कि फिल्मों की शूटिंग करने के लिए निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए अन्य राज्यो की तरह छूट दी जाए।।ताकि फिल्मकारों का पैसा शूटिंग के जरिये पर्यटन क्षेत्र में निवेश हो।।जिसका फायदा यकीनन जेसलमेर के टूरिज्म को मिलेगा।।
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