बाड़मेर शहर की सबसे पुरानी टंकी की ध्वस्त, नव निर्माण की वित्तिय स्वीकृति जारी
बाड़मेर शहरी जल योजना के अंतर्गत साल 1984 में महावीर नगर में बनी पानी की टंकी को सोमवार को ध्वस्त किया गया। उसकी जगह नई टंकी का निर्माण करवाया जाएगा। टंकी को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने और इसकी जगह नई टँकी के निर्माण के आदेश जारी पूर्व में जारी किए जा चुके थे। सोमवार को चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच टँकी को ध्वस्त किया गया। बाड़मेर के महावीर नगर स्थित 680 किलोलिटर क्षमता वाले उच्च जलाशय की जर्जर स्थिति के चलते जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पास इस जगह नव निर्माण का मामला लंबित था। बीते दिनों आई बरसात में इस टंकी का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर जलाशय में गिर गया था।उस वक़्त जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के नगर खण्ड के अधिशासी अभियंता हजारी राम बालवा ने जलाशय को परित्यक्त घोषित करने के लिए तथ्यात्मक प्रतिवेदन अधीक्षक अभियंता को प्रेषित किया था। मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को प्रेषित की गई थी जिसपर अतिरिक्त मुख्य अभियंता जोधपुर दिनेश कुमार मित्तल ने उच्च जलाशय को सुरक्षित रूप से ध्वस्त करने और 99.27 लाख की वित्तिय स्वीकृति प्रदान कर नव निर्माण के आदेश जारी किये थे। नगर खण्ड के अधिशासी अभियंता हजारी राम बालवा ने बताया कि इस जलाशय से जुड़े इलाको को दूसरे जलाशयों से जोड़ दिया गया जिससे जलापूर्ति बाधित नही हुई और इस जलाशय को सोमवार को ध्वस्त करने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। टँकी ध्वस्त करने की कार्यवाई के समय विभाग के नगर खण्ड के जयराम दास, रिंकल शर्मा, अशोक सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
बाड़मेर शहरी जल योजना के अंतर्गत साल 1984 में महावीर नगर में बनी पानी की टंकी को सोमवार को ध्वस्त किया गया। उसकी जगह नई टंकी का निर्माण करवाया जाएगा। टंकी को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने और इसकी जगह नई टँकी के निर्माण के आदेश जारी पूर्व में जारी किए जा चुके थे। सोमवार को चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच टँकी को ध्वस्त किया गया। बाड़मेर के महावीर नगर स्थित 680 किलोलिटर क्षमता वाले उच्च जलाशय की जर्जर स्थिति के चलते जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पास इस जगह नव निर्माण का मामला लंबित था। बीते दिनों आई बरसात में इस टंकी का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर जलाशय में गिर गया था।उस वक़्त जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के नगर खण्ड के अधिशासी अभियंता हजारी राम बालवा ने जलाशय को परित्यक्त घोषित करने के लिए तथ्यात्मक प्रतिवेदन अधीक्षक अभियंता को प्रेषित किया था। मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को प्रेषित की गई थी जिसपर अतिरिक्त मुख्य अभियंता जोधपुर दिनेश कुमार मित्तल ने उच्च जलाशय को सुरक्षित रूप से ध्वस्त करने और 99.27 लाख की वित्तिय स्वीकृति प्रदान कर नव निर्माण के आदेश जारी किये थे। नगर खण्ड के अधिशासी अभियंता हजारी राम बालवा ने बताया कि इस जलाशय से जुड़े इलाको को दूसरे जलाशयों से जोड़ दिया गया जिससे जलापूर्ति बाधित नही हुई और इस जलाशय को सोमवार को ध्वस्त करने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। टँकी ध्वस्त करने की कार्यवाई के समय विभाग के नगर खण्ड के जयराम दास, रिंकल शर्मा, अशोक सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
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