गुरुवार, 30 जनवरी 2020

हॉस्टल में कैदियों की तरह रही छात्राओं ने वीडियो बनाकर बताई अपनी व्यथा, हॉस्टल ठेके पे

हॉस्टल में कैदियों की तरह रही छात्राओं ने वीडियो बनाकर बताई अपनी व्यथा, हॉस्टल ठेके पे

जैसलमेर: प्रदेश के सरकारी हॉस्टलों पर अकसर सवाल उठते रहते हैं. इस बार सवाल उठे हैं, जैसलमेर के एक मात्र महिला महाविद्यालय के अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास पर. छात्रावास में रहने वाली लड़कियों ने हॉस्टल वार्डन पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

लड़कियों ने हॉस्टल वार्डन पर इल्जाम लगाया है कि हॉस्टल वार्डन ने उन्हें मानसिक तौर पर इतना परेशान कर दिया है. उनका हॉस्टल में रहना दूभर हो गया है.

इल्जाम लगाने वाली इन छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल वार्डन ने इन छात्राओं का हॉस्टल में रहना दूभर कर दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में छात्राएं दावा कर रही हैं कि हॉस्टल प्रशासन इन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करता है.


वीडियो में छात्राएं कहती नजर आ रही हैं कि इन्हें ना तो ठीक से खाना दिया जाता है, ना यहां का बाथरूम साफ रखा जाता है. खुद वार्डन नगेन्द्र बाला भी यहां नहीं रहती है. बल्कि, वार्डन ने किसी और महिला को ठेके पर हॉस्टल दे रखा है. जो अपने जवान बेटे के साथ हॉस्टल में रहती है. जबकि नियमों के मुताबिक, कोई पुरूष, गर्ल्स हॉस्टल में नहीं आ सकता है.

हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने हॉस्टल वार्डन पर इल्जाम लगाया है कि वार्डन का पोल ना खुल जाए इसलिए इन छात्राओं को उनके अभिभावकों से मिलने नहीं दिया जाता है.

छात्राएं इस वीडियो के जरिए कह रही हैं कि उन्हें धमकियां दी जाती हैं कि अगर उन्होंने किसी से हॉस्टल का राज खोला तो उनका कैरियर खत्म कर दिया जाएगा. उनके कागज खराब कर दिए जाएंगे. वीडियो वायरल होने के बाद   मीडिया की टीम हकीकत जानने हॉस्टल पहुंचे तो वहां टीम ने देखा कि एक लड़का हॉस्टल का गेट बंद कर रहा था.


  मीडिया की टीम ने देखा कि एक अभिभावक अपनी बेटी से मिलने यहां आए हुए हैं, लेकिन उन्हें अपनी छात्रा से मिलने नहीं दिया गया. जिसके बाद जानकारी मिली कि हॉस्टल में रहने वाली एक महिला हॉस्टल के अंदर लड़कियों को बंद करके कहीं चली गई है.

परिजन का कहना है कि वो पिछले दो घंटे से अपनी बेटी से मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है. टीम ने वहां देखा कि हॉस्टल वार्डन नगेंद्र बाला का पति छात्राओं को धमका रहा था कि आखिर मीडिया यहां पर कैसे पहुंच गई है. हॉस्टल वार्डन के पति समाज कल्याण अधिकारी हिम्मत सिंह कविया ने लड़कियों को रेस्टिकेट करने की धमकी दी. हिम्मत सिंह लड़कियों को लगातार धमका रहा था.कविया पिछले दो दशकों से जैसलमेर में ही समाज कल्याण अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। जैसलमेर द्वारा संचालित समस्त हॉस्टलों में अपने नजदीकी लोगो को नियम विरुद्ध हॉस्टल वार्डन लगा रखे हैं ,इस हॉस्टल में भी वार्डन का चार्ज एक अनपढ़ महिला को दे रखा हैं ,

इस पूरे मामले को लेकर जब हमने छात्रावास के जिम्मेदार समाज कल्याण विभाग के अधिकारी से बात करनी तो बात करने से मना कर दिया . वहीं, जिला प्रशासन भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए बैठा है. ऐसे में सरहदी जिले के दूरदराज ग्रामीण इलाकों से यहां पढ़ाई करने के लिए आई छात्राओं को न्याय कौन दिलाएगा ये एक बड़ा सवाल है.

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