शनिवार, 14 दिसंबर 2019

हनुमानगढ़ दर्द से तड़पती रही गर्भवती, नर्सिंग स्टाफ आया तक नहीं, अपने आप हुई डिलीवरी, डस्टबिन में जा गिरी नवजात, हंगामा हुआ तो सब दौड़े

हनुमानगढ़ दर्द से तड़पती रही गर्भवती, नर्सिंग स्टाफ आया तक नहीं, अपने आप हुई डिलीवरी, डस्टबिन में जा गिरी नवजात, हंगामा हुआ तो सब दौड़े


रावतसर अस्पताल की घटना : परिजनों ने हंगामा किया तो डॉक्टरों ने नौकरी जाने की दुहाई दी, तब शांत हुआ मामला, जच्चा-बच्चा स्वस्थ


रावतसर  राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही इस कदर हावी है कि डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती मरीजों की जरा सी भी परवाह नहीं है। डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही दिखाता इस तरह का मामला लेबर रूम में सामने आया है।
नर्सिंग स्टाफ के मौके पर मौजूद नहीं रहने पर महिला की डिलीवरी हो गई और नवजात बच्ची डस्टबिन में गिर गई। ऐसे में प्रसूता की मौसी ने बच्ची को उठाया और शोर मचाया। तब जाकर नर्सिंग स्टाफ वहां पहुंचा और लेबर रूम का गेट बंद कर लिया। हालांकि नवजात बच्ची को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन परिजनों ने करीब 20 मिनट तक हंगामा किया। इसके बाद कलेक्टर को फोन कर इसकी सूचना दी, जिस पर कलेक्टर व सीएमएचओ ने चिकित्सालय प्रभारी से फोन पर बात कर मौका स्थिति की जानकारी ली। एेसे में जब जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित होने की जानकारी परिजनों को मिली तो उनकी सांस में सांस आई।
वहीं डॉक्टरों ने परिजनों को अपनी नौकरी जाने की दुहाई देकर माफी मांगी, जिससे परिजनों का दिल पसीज गया। परिजनों ने मानवता दिखाते हुए किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से इंकार कर दिया।

शुक्रवार सुबह 8:15 बजे शुरू हुआ दर्द और 9 बजे हो गई डिलीवरी

झेदासर की सरेना पत्नी अनिल सुथार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन गुरुवार रात 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाए और भर्ती करवाया था। शुक्रवार सुबह सवा आठ बजे प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजनों ने वहां कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को बताया कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी है आप देखो, परंतु नर्सिंग स्टाफ ने अभी आ रहे कहकर परिजनों को वापस भेज दिया। इस तरह चार बार परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ से निवेदन किया। इस दौरान सुबह 9 बजे सरेना की डिलीवरी हो गई। डिलीवरी होते समय मौके पर चिकित्सालय का कोई स्टाफ लेबर रूम में नहीं होने के चलते नवजात बच्ची लेबर रूम की टोकरी (डस्टबिन) में जा गिरी। मौके पर प्रसूता की मौसी ने बच्ची को उठाया व शोर मचाया। आनन-फानन में चिकित्सा स्टाफ मौके पर पहुंचा व लेबर रूम का गेट बंद कर परिजनों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया।
इस संबंध में कलेक्टर जाकिर हुसैन ने बताया कि मेरे पास रावतसर से प्रसूता के परिजनों का फोन आया था। इसके तुरंत बाद ही सीएमएचओ को फोन करके प्रसूता को तुरंत उपचार मुहैया करवाने के निर्देश दिए। वहीं मामले की पूरी जानकारी देने के लिए भी कहा था। सीएमएचओ ने तुरंत ही प्रसूता और नवजात शिशु के उपचार की व्यवस्था करवाई।

रावतसर-प्रसूता नवजात बच्ची के साथ।
जिम्मेदारों के बेशर्म बोल
लेबर रूम प्रभारी: नर्सिंग स्टाफ के पास एमरजेंसी फोन आने के कारण देर हुई

लेबर रूम प्रभारी डॉक्टर रेणु गुप्ता ने कहा कि रात के समय ऑन काल डाक्टर आते हैं। उन्होंने ही इसे भर्ती किया था। मैं सुबह 9 बजे हॉस्पिटल पहुंची तो मामले का पता चलते ही मां व बच्ची का चेकअप किया। दोनों स्वस्थ पाए गए। नर्सिंग स्टाफ के पास एमरजेंसी फोन आने के कारण थोड़ी देरी हो गई।
प्रभारी: लेबर रूम प्रभारी से जांच रिपोर्ट लेकर सीएमएचओ को भेज दी है
अस्पताल प्रभारी डॉक्टर सुभाष भिड़ासरा ने कहा कि लेबर रूम प्रभारी को पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उनके द्वारा पेश रिपोर्ट को सीएमएचओ को प्रेषित कर दी है।


इसी डस्टबिन में गिरी थी नवजात। भगवान का शुक्र है कि उसे कोई चोट नहीं आई। मामला एक बार तो इतना बढ़ गया कि डॉक्टरों ने नाैकरी जाने तक की दुहाई दे माफी तक मांगी। तब परिजनों ने कोई कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन दिया।

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