सोमवार, 18 नवंबर 2019

हनुमानगढ़: 5 अफीम तस्करों को 20-20 साल जेल की कड़ी सजा, 2-2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया

हनुमानगढ़: 5 अफीम तस्करों को 20-20 साल जेल की कड़ी सजा, 2-2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया
हनुमानगढ़: 5 अफीम तस्करों को 20-20 साल जेल की कड़ी सजा, 2-2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया
हनुमानगढ़. एनडीपीएस कोर्ट   ने अफीम तस्करी   के बहुचर्चित प्रकरण में सोमवार को अपना फैसला   सुना दिया दिया है. कोर्ट ने इस मामले में एक महिला समेत 5 तस्करों   को 20-20 साल जेल की कड़ी सजा सुनाई है. अभियुक्तों पर 2-2 लाख रुपए का जुर्माना   भी लगाया गया है. अफीम बरामदगी का यह मामला करीब डेढ़ साल पुराना है.

55 किलो 100 ग्राम अफीम और 18.40 लाख रुपए बरामद हुए थे
एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने बताया कि अफीम हनुमानगढ़ के चिस्तियां गांव में जसविन्द्र कौर के मकान पर छापा मारकर बरामद की गई थी. नारकोटिक्स ब्यूरो चंडीगढ़ और जोधपुर की टीम ने वहां से 55 किलो 100 ग्राम अफीम और 18.40 लाख रुपए बरामद किए थे. इस दौरान टीम ने जसविन्द्र कौर, चरण सिंह, हरदीप सिंह सहित झालावाड़ से अफीम तस्करी देने आए गोविन्द माली और रामफूल को गिरफ्तार किया था.

हनुमानगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे

ब्यूरो की चण्डीगढ़ टीम को पंजाब में हनुमानगढ़ से बड़े पैमाने पर अफीम तस्करी की सूचना मिल रही थी. इस पर टीम ने मुखबीर की सूचना पर यह कार्रवाई की थी. नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में अफीम बरामदगी से हनुमानगढ़ जंक्शन पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए थे.ब्यूरो की चण्डीगढ़ टीम को पंजाब में हनुमानगढ़ से बड़े पैमाने पर अफीम तस्करी की सूचना मिल रही थी. इस पर टीम ने मुखबीर की सूचना पर यह कार्रवाई की थी. नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में अफीम बरामदगी से हनुमानगढ़ जंक्शन पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए थे.

जिले में काफी बड़ी कार्रवाई थी
हनुमानगढ़ जिले में मादक पदार्थों के बरादमगी की यह बड़ी कार्रवाई थी. कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद उपलब्ध साक्ष्यों और बयानों के आधार पर पांचों आरोपियों को अफीम तस्करी का दोषी माना. कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाते हुए उन पर 2-2 लाख रुपए का जुर्मानाभी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माना ना भरने पर अदम अदायगी के तौर पर पांचों तस्करों को एक-एक साल अतिरिक्त सजा भुगतने के भी आदेश दिए हैं. प्रकरण में नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिवक्ता किशन सिंह नाहर ने भी पैरवी की थी.

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